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गर्मी के मौसम में ऐसे रखें स्किन का ख्याल, हीटस्ट्रोक से बचने के जानें उपाय - गर्मी के मौसम में स्किन का ख्याल

बिहार में इन दिनों लोग चिलचिलाती गर्मी से परेशान हैं. इस समय हीटस्ट्रोक यानी लू लगने और स्किन प्रॉब्लम ज्यादा होती है. ऐसे में पटना के मशहूर डॉक्टरों की राय है कि लू (ways To Prevent Heatstroke) से बचने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान रखें. स्किन की देखभाल के लिए धूप में ना निकलें और जब भी धूप में निकलें तो छाता, चश्मा और गमछा का प्रयोग करें. चेहरे पर सनस्क्रीन (जिसका SPF 15-30 हो) का प्रयोग करें.

गर्मी के मौसम में रखें स्किन का ख्याल
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Published : Jun 9, 2022, 3:28 PM IST

पटनाः बिहार में लोग इन दिनों भीषण गर्मी (Summer Season In Bihar) की मार झेल रहे हैं और तापमान 45 डिग्री के पार चला गया है. उमस भरी गर्मी होने की वजह से लोगों की तबीयत भी बिगड़ रही है. धूप और गर्मी की वजह से लोगों को स्किन से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसको लेकर लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने बिहार के जाने माने चिकित्सक और पटना एम्स ट्रामा के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार (Doctor Anil Kumar On Skin Care) से जानने की कोशिश की गर्मी के मौसम में लोग अपने शरीर का ख्याल कैसे रखें. देखिये एक खास रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः 'बाहर ही नहीं घर में भी मार सकता है लू, अधिक से अधिक पानी पीयें लोग'

हीटस्ट्रोक के कारण को समझना जरूरीः पटना एम्स के डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि सबसे पहले समझना जरूरी है कि लू यानी कि हीटस्ट्रोक का कारण होता क्या है. उन्होंने बताया कि इसका कारण होता है तेज धूप अधिक फिजिकल एक्सरसाइज करना या फिर धूप और अत्यधिक गर्मी में काम करना. इसके रिस्क जोन में बच्चे और बुजुर्ग आते हैं. इसके अलावा कोमोरबिड लोग भी आते हैं, जो सांस की बीमारी, हार्ट की बीमारी, अवसाद की बीमारी जैसी बीमारियों की चपेट में होते हैं. इसके अलावा हीट स्ट्रोक का खतरा उन पर भी होता है जो गर्मी के मौसम में भी अधिक कपड़ा पहनते हैं. डॉ अनिल ने बताया कि हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण को समझना सभी के लिए जरूरी है और इसके कुछ लक्षण भी हैं.

हीट स्ट्रोक के लक्षण:-

1 सिर में दर्द होना

2 चक्कर आना और बेहोशी

3 उल्टी होना

4 शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना

5 पेशाब का रंग पीला या फिर लाल हो जाना

6 सांस एवं धड़कन का तेज हो जाना

7 पसीना अधिक मात्रा में होना

8 दौरा पड़ना और मरीज का कोमा में चले जाना

व्यायाम जैसी गतिविधि को बंद करना होगाः डॉक्टर अनिल ने बताया कि इन लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण किसी व्यक्ति को महसूस हो रहा है, तो उसे यह समझ जाना चाहिए कि उसे हीट स्ट्रोक हुआ है. इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसका उपचार है कि सबसे पहले मरीज को धूप से दूर छाया में ले जाया जाए, फिर मरीज के कपड़े उतार दिए जाएं और ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर पूरे बॉडी को गीले कपड़े से पोंछा जाए. मरीज के पास फैन, कूलर या एसी चला दिया जाए ताकि मरीज कुछ समय के लिए रिलैक्स हो सके. मरीज यदि होश में है तो उसे हाइड्रेटेड करें और उसे अधिक से अधिक पानी और ओआरएस पीने को कहें. यदि मरीज होश में नहीं है तो उसे सलाइन वॉटर चलाने की आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा जिसे भी हीट स्ट्रोक हुआ है उसे अगले कुछ दिनों के लिए व्यायाम जैसी गतिविधि को बंद करना होगा.

'लू से बचाव संभव है, इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि अपने पहनावे को ठीक करें. यानी कि कपड़े ढीले ढाले पहने टाइट फिटिंग वाले ना पहने और संभव है तो हल्के रंग के कपड़े पहने जो सनलाइट को रिफ्लेक्ट करता हो. इसके अलावा धूप में ना निकला और जब भी धूप में निकले तो छाता, चश्मा और गमछा का प्रयोग करें. चेहरे पर सनस्क्रीन (जिसका SPF 15-30 हो) का प्रयोग करें. इसके अलावा जब भी आप बाहर जाएं तो किसी को भी खड़ी कार में नहीं छोड़े क्योंकि बंद कार में 10 मिनट में ही कार के अंदर का तापमान 20 डिग्री फारेनहाइट बढ़ जाता है'- अनिल कुमार, डॉक्टर

गर्मी में हेती हैं स्किन से जुड़ी हुई समस्याएंः डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में लोगों को इस स्किन से जुड़ी हुई समस्याएं भी खूब होती हैं. गर्मी के मौसम में लोगों को फंगल इन्फेक्शन की समस्याएं आती है. जिसमें घमौरी का होना, स्किन में रैसेज आना काफी कॉमन है. ऐसे में से बचने के लिए जरूरी है कि धूप में जब भी निकले तो अपने शरीर को पूरी तरह से ढक करके निकले. दिन में दो बार जरूर से नहाए. गीला कपड़ा बिल्कुल भी नहीं पहने यानी कि पसीना से कपड़ा जब एक बार पूरी तरह भीग जाता है तो दोबारा उसे नहीं पहने क्योंकि यही स्किन में फंगल इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण होता है. मोजा 1 बार से अधिक नहीं पहने और दुबारा पहनने से पहले उसे डिटर्जेंट से अच्छे तरीके से धो लें ताकि पसीने की गंदगी पूरी तरह उससे निकल जाए. कुछ एंटीफंगल लोशन आते हैं उनका प्रयोग किया जा सकता है. दिन में दो बार जरूर से नहाए एक सबसे पहले सुबह और दूसरा देर शाम. नहाना दिन में दो बार बेहद जरूरी इसलिए भी है क्योंकि यह कई प्रकार के स्किन इन्फेक्शन से बचाता है. धूप में शरीर जिसका काला पड़ जाता है यानी कि टैन कर जाता है, नहाने पर वह भी ठीक हो जाता है.

बासी भोजन बिल्कुल भी नहीं करें ः डॉ अनिल ने बताया कि इन सबके अलावा लू से बचने के लिए खानपान में भी विशेष ध्यान रखें. तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करें जैसे कि खूब पानी पिएं, अधिक पानी वाले फल जैसे कि तरबूज खरबूज खीरा ककड़ी इत्यादि फलों का सेवन करें. भोजन में सलाद को शामिल करें. दही, छाछ, लस्सी, नारियल पानी, बेल का शरबत, मौसम्मी का जूस भी लू से बचाने में बेहद मदद करता है. उन्होंने बताया कि गर्मी से बचने के लिए कोई मेडिकल किट नहीं होता है और एकमात्र मेडिकल किट है ओआरएस जिसे घर में भी तैयार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में लू या हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ चीजों के सेवन से परहेज करें. बासी भोजन बिल्कुल भी नहीं करें क्योंकि तापमान अधिक होने से यह फर्मेंटेशन शुरू कर देता है और फूड प्वाइजनिंग का बड़ा कारण बनता है. जंक फूड नहीं खाएं और कभी भी पेट भरकर भोजन नहीं करें.

'कई लोगों को घमौरी खूब निकलती है गर्मी के दिनों में इसके लिए बर्फ का इस्तेमाल करें और घमौरी पर बर्फ से सिकाई करें इसके अलावा घमौरी के कारण जलन है और खुजली हो रही है तो 10 mg का सिट्रीज़ीन टैबलेट आता है उसके एक गोली का सेवन करें. इसके अलावा धूप में जब भी निकले तो सन प्रोटेक्टिव क्रीम लगा कर के ही निकले और खूब पानी पीकर निकले इसके अलावा आंख को बचाने के लिए चश्मे का प्रयोग करें. डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि चेहरे के टैनिंग को रोकना है और इससे बचना है तो चेहरे को ढक करके रखें. कोरोना के बाद से मास्क पहनने की जो आदत आई है उसे जारी रखें. चेहरे पर मास्क आंखों पर चश्मा और हेड कैप का इस्तेमाल करते हैं तो चेहरे पर किसी प्रकार का कोई टैनिंग नहीं आएग'- अनिल कुमार,डॉक्टर

गर्मी के असर से बच्चों को कैसे बचाएंः डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि गर्मियों में दिन भर धूप में बच्चे खेलते रहते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. बच्चों में इम्यून सिस्टम को डिवेलप होने में 5 से 6 साल लग जाते हैं. ऐसे में अभिभावक बच्चों में कुछ आदत डालें जिससे वह गर्मी के असर से बचने के साथ-साथ अपने जीवन में कई प्रकार के अन्य इंफेक्शन से भी बच सकें. बच्चों को हैंड हाइजीन की आदत डालें इसके अलावा अभिभावक बच्चों को अधिक से अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित करें क्योंकि बच्चे पानी कम पीते हैं और जो बहुत अधिक प्यास लगती है तभी पानी पीते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. सुबह और शाम के समय बच्चे फिजिकल एक्सरसाइज करें या खेलकूद करें. बच्चे अच्छा नींद पूरा करें और सुबह उठ जाएं यानी कि रात 10:00 बजे तक बच्चे सो जाएं और सुबह 6:00 बजे तक बच्चे उठ जाएं. इसके अलावा बच्चों के नाक को पूरी तरह से साफ रखा जाए. बच्चों को धूल भरी जगहों पर खेलने से रोका जाए और कोई भी अभिभावक बच्चों के आसपास स्मोकिंग नहीं करें क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर बुरा प्रभाव डालता है.


नॉनवेज का सेवन कम करेंः वहीं, पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर अमित कुमार ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगर खानपान को लेकर बात करें तो हल्का भोजन करना चाहिए और अधिक से अधिक पानी युक्त भोजन ही करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खानपान में सीजनल फूलों का इस्तेमाल अधिक करें और फलों का जूस का सेवन करें. भरपूर मात्रा में पानी पिए. शरीर में नमक की कमी ना हो इसके लिए चीनी पानी या फिर ओआरएस का घोल पिए. नारियल पानी भी इस समय काफी लाभदायक होता है. उन्होंने कहा कि इस मौसम में जंक फूड का सेवन बंद करें और तैलीय पदार्थ बाजार में जो बिकते हैं उसका सेवन ना करें और करें भी तो काफी कम मात्रा में करें. डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि जो लोग नॉन वेजिटेरियन है वह नॉनवेज भरपूर नहीं खाए बल्कि काफी कम मात्रा में नॉनवेज का सेवन करें. क्योंकि गर्मी में डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो काम करता है और ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि इस प्रकार के भोजन अधिक खाने से अपच की स्थिति हो जाती है और तबियत बिगड़ जाती है.

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पटनाः बिहार में लोग इन दिनों भीषण गर्मी (Summer Season In Bihar) की मार झेल रहे हैं और तापमान 45 डिग्री के पार चला गया है. उमस भरी गर्मी होने की वजह से लोगों की तबीयत भी बिगड़ रही है. धूप और गर्मी की वजह से लोगों को स्किन से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, जिसको लेकर लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने बिहार के जाने माने चिकित्सक और पटना एम्स ट्रामा के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार (Doctor Anil Kumar On Skin Care) से जानने की कोशिश की गर्मी के मौसम में लोग अपने शरीर का ख्याल कैसे रखें. देखिये एक खास रिपोर्ट.

ये भी पढ़ेंः 'बाहर ही नहीं घर में भी मार सकता है लू, अधिक से अधिक पानी पीयें लोग'

हीटस्ट्रोक के कारण को समझना जरूरीः पटना एम्स के डॉक्टर अनिल कुमार बताते हैं कि सबसे पहले समझना जरूरी है कि लू यानी कि हीटस्ट्रोक का कारण होता क्या है. उन्होंने बताया कि इसका कारण होता है तेज धूप अधिक फिजिकल एक्सरसाइज करना या फिर धूप और अत्यधिक गर्मी में काम करना. इसके रिस्क जोन में बच्चे और बुजुर्ग आते हैं. इसके अलावा कोमोरबिड लोग भी आते हैं, जो सांस की बीमारी, हार्ट की बीमारी, अवसाद की बीमारी जैसी बीमारियों की चपेट में होते हैं. इसके अलावा हीट स्ट्रोक का खतरा उन पर भी होता है जो गर्मी के मौसम में भी अधिक कपड़ा पहनते हैं. डॉ अनिल ने बताया कि हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण को समझना सभी के लिए जरूरी है और इसके कुछ लक्षण भी हैं.

हीट स्ट्रोक के लक्षण:-

1 सिर में दर्द होना

2 चक्कर आना और बेहोशी

3 उल्टी होना

4 शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना

5 पेशाब का रंग पीला या फिर लाल हो जाना

6 सांस एवं धड़कन का तेज हो जाना

7 पसीना अधिक मात्रा में होना

8 दौरा पड़ना और मरीज का कोमा में चले जाना

व्यायाम जैसी गतिविधि को बंद करना होगाः डॉक्टर अनिल ने बताया कि इन लक्षणों में से कोई भी दो लक्षण किसी व्यक्ति को महसूस हो रहा है, तो उसे यह समझ जाना चाहिए कि उसे हीट स्ट्रोक हुआ है. इसका उपचार शुरू कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इसका उपचार है कि सबसे पहले मरीज को धूप से दूर छाया में ले जाया जाए, फिर मरीज के कपड़े उतार दिए जाएं और ठंडे पानी में कपड़ा भिगोकर पूरे बॉडी को गीले कपड़े से पोंछा जाए. मरीज के पास फैन, कूलर या एसी चला दिया जाए ताकि मरीज कुछ समय के लिए रिलैक्स हो सके. मरीज यदि होश में है तो उसे हाइड्रेटेड करें और उसे अधिक से अधिक पानी और ओआरएस पीने को कहें. यदि मरीज होश में नहीं है तो उसे सलाइन वॉटर चलाने की आवश्यकता पड़ती है. इसके अलावा जिसे भी हीट स्ट्रोक हुआ है उसे अगले कुछ दिनों के लिए व्यायाम जैसी गतिविधि को बंद करना होगा.

'लू से बचाव संभव है, इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि अपने पहनावे को ठीक करें. यानी कि कपड़े ढीले ढाले पहने टाइट फिटिंग वाले ना पहने और संभव है तो हल्के रंग के कपड़े पहने जो सनलाइट को रिफ्लेक्ट करता हो. इसके अलावा धूप में ना निकला और जब भी धूप में निकले तो छाता, चश्मा और गमछा का प्रयोग करें. चेहरे पर सनस्क्रीन (जिसका SPF 15-30 हो) का प्रयोग करें. इसके अलावा जब भी आप बाहर जाएं तो किसी को भी खड़ी कार में नहीं छोड़े क्योंकि बंद कार में 10 मिनट में ही कार के अंदर का तापमान 20 डिग्री फारेनहाइट बढ़ जाता है'- अनिल कुमार, डॉक्टर

गर्मी में हेती हैं स्किन से जुड़ी हुई समस्याएंः डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि गर्मी के दिनों में लोगों को इस स्किन से जुड़ी हुई समस्याएं भी खूब होती हैं. गर्मी के मौसम में लोगों को फंगल इन्फेक्शन की समस्याएं आती है. जिसमें घमौरी का होना, स्किन में रैसेज आना काफी कॉमन है. ऐसे में से बचने के लिए जरूरी है कि धूप में जब भी निकले तो अपने शरीर को पूरी तरह से ढक करके निकले. दिन में दो बार जरूर से नहाए. गीला कपड़ा बिल्कुल भी नहीं पहने यानी कि पसीना से कपड़ा जब एक बार पूरी तरह भीग जाता है तो दोबारा उसे नहीं पहने क्योंकि यही स्किन में फंगल इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण होता है. मोजा 1 बार से अधिक नहीं पहने और दुबारा पहनने से पहले उसे डिटर्जेंट से अच्छे तरीके से धो लें ताकि पसीने की गंदगी पूरी तरह उससे निकल जाए. कुछ एंटीफंगल लोशन आते हैं उनका प्रयोग किया जा सकता है. दिन में दो बार जरूर से नहाए एक सबसे पहले सुबह और दूसरा देर शाम. नहाना दिन में दो बार बेहद जरूरी इसलिए भी है क्योंकि यह कई प्रकार के स्किन इन्फेक्शन से बचाता है. धूप में शरीर जिसका काला पड़ जाता है यानी कि टैन कर जाता है, नहाने पर वह भी ठीक हो जाता है.

बासी भोजन बिल्कुल भी नहीं करें ः डॉ अनिल ने बताया कि इन सबके अलावा लू से बचने के लिए खानपान में भी विशेष ध्यान रखें. तरल पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन करें जैसे कि खूब पानी पिएं, अधिक पानी वाले फल जैसे कि तरबूज खरबूज खीरा ककड़ी इत्यादि फलों का सेवन करें. भोजन में सलाद को शामिल करें. दही, छाछ, लस्सी, नारियल पानी, बेल का शरबत, मौसम्मी का जूस भी लू से बचाने में बेहद मदद करता है. उन्होंने बताया कि गर्मी से बचने के लिए कोई मेडिकल किट नहीं होता है और एकमात्र मेडिकल किट है ओआरएस जिसे घर में भी तैयार किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में लू या हीट स्ट्रोक से बचने के लिए कुछ चीजों के सेवन से परहेज करें. बासी भोजन बिल्कुल भी नहीं करें क्योंकि तापमान अधिक होने से यह फर्मेंटेशन शुरू कर देता है और फूड प्वाइजनिंग का बड़ा कारण बनता है. जंक फूड नहीं खाएं और कभी भी पेट भरकर भोजन नहीं करें.

'कई लोगों को घमौरी खूब निकलती है गर्मी के दिनों में इसके लिए बर्फ का इस्तेमाल करें और घमौरी पर बर्फ से सिकाई करें इसके अलावा घमौरी के कारण जलन है और खुजली हो रही है तो 10 mg का सिट्रीज़ीन टैबलेट आता है उसके एक गोली का सेवन करें. इसके अलावा धूप में जब भी निकले तो सन प्रोटेक्टिव क्रीम लगा कर के ही निकले और खूब पानी पीकर निकले इसके अलावा आंख को बचाने के लिए चश्मे का प्रयोग करें. डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि चेहरे के टैनिंग को रोकना है और इससे बचना है तो चेहरे को ढक करके रखें. कोरोना के बाद से मास्क पहनने की जो आदत आई है उसे जारी रखें. चेहरे पर मास्क आंखों पर चश्मा और हेड कैप का इस्तेमाल करते हैं तो चेहरे पर किसी प्रकार का कोई टैनिंग नहीं आएग'- अनिल कुमार,डॉक्टर

गर्मी के असर से बच्चों को कैसे बचाएंः डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि गर्मियों में दिन भर धूप में बच्चे खेलते रहते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. बच्चों में इम्यून सिस्टम को डिवेलप होने में 5 से 6 साल लग जाते हैं. ऐसे में अभिभावक बच्चों में कुछ आदत डालें जिससे वह गर्मी के असर से बचने के साथ-साथ अपने जीवन में कई प्रकार के अन्य इंफेक्शन से भी बच सकें. बच्चों को हैंड हाइजीन की आदत डालें इसके अलावा अभिभावक बच्चों को अधिक से अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित करें क्योंकि बच्चे पानी कम पीते हैं और जो बहुत अधिक प्यास लगती है तभी पानी पीते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. सुबह और शाम के समय बच्चे फिजिकल एक्सरसाइज करें या खेलकूद करें. बच्चे अच्छा नींद पूरा करें और सुबह उठ जाएं यानी कि रात 10:00 बजे तक बच्चे सो जाएं और सुबह 6:00 बजे तक बच्चे उठ जाएं. इसके अलावा बच्चों के नाक को पूरी तरह से साफ रखा जाए. बच्चों को धूल भरी जगहों पर खेलने से रोका जाए और कोई भी अभिभावक बच्चों के आसपास स्मोकिंग नहीं करें क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर सीधे तौर पर बुरा प्रभाव डालता है.


नॉनवेज का सेवन कम करेंः वहीं, पटना के प्रख्यात चिकित्सक डॉक्टर अमित कुमार ने कहा कि गर्मी के दिनों में अगर खानपान को लेकर बात करें तो हल्का भोजन करना चाहिए और अधिक से अधिक पानी युक्त भोजन ही करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खानपान में सीजनल फूलों का इस्तेमाल अधिक करें और फलों का जूस का सेवन करें. भरपूर मात्रा में पानी पिए. शरीर में नमक की कमी ना हो इसके लिए चीनी पानी या फिर ओआरएस का घोल पिए. नारियल पानी भी इस समय काफी लाभदायक होता है. उन्होंने कहा कि इस मौसम में जंक फूड का सेवन बंद करें और तैलीय पदार्थ बाजार में जो बिकते हैं उसका सेवन ना करें और करें भी तो काफी कम मात्रा में करें. डॉक्टर अमित कुमार ने बताया कि जो लोग नॉन वेजिटेरियन है वह नॉनवेज भरपूर नहीं खाए बल्कि काफी कम मात्रा में नॉनवेज का सेवन करें. क्योंकि गर्मी में डाइजेस्टिव सिस्टम स्लो काम करता है और ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि इस प्रकार के भोजन अधिक खाने से अपच की स्थिति हो जाती है और तबियत बिगड़ जाती है.

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