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बालू के खेल में कंपनियों ने लगाया सरकार को करोड़ों का चूना, टॉप पर ब्रांडसन - पटना लेटेस्ट न्यूज

पटना में खनन से संबंधित नीलाम पत्र वादों की समीक्षा बैठक में पता चला है कि बालू और ईंट भट्ठा कंपनी करोड़ों रुपये की सरकारी कर्जदार हैं. जिनके पास सरकार के लाखों करोड़ों रुपये बकाया है. पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने ऐसे लोगों के विरुद्ध वारंट जारी कर कार्रवाई का निर्देश दिया है.

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Published : Feb 9, 2022, 3:19 PM IST

पटनाः राजधानी पटना में खनन से संबंधित नीलाम पत्र वादों की पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह (DM Chandrashekhar Singh Review Meeting In Patna) ने समीक्षा की. इस दौरान पता चला कि खनन से संबंधित नीलाम पत्र (Auction Related To Mining) के कुल 316 मामले जिले में लंबित हैं. इन मामलों में 46 करोड़ 24 लाख 81 हजार 295 रुपये बकाया हैं. इसके बाद 10 बड़े बकायेदारों को चिह्नित किया गया और अब उनको नोटिस भेजने की तैयारी है.

ये भी पढ़ेंः बेमौसम बारिश ने तोड़ी भट्टा मालिकों की कमर, लाखों के ईंट पकाने से पहले हुए बर्बाद

समीक्षा के दौरान ब्रांडसन को सबसे बड़े बकायेदारों के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसके पास सरकार के 36 करोड़ बकाया हैं. वर्ष 2021 के लिए ब्रांडसन को 96 करोड़ की बंदोबस्ती की गई थी, जिस पर प्रथम किस्त के रूप में ब्रांडसन ने महज 15 करोड़ ही जमा किए थे. दूसरी और तीसरा किस्त जमा नहीं करने के कारण जिला प्रशासन द्वारा बालू जब्त किया गया था. उस बालू की बिक्री कर 45 करोड़ की वसूली की गई थी.

ये भी पढ़ें:बिहार में अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई, दो जिलों के SP सहित 13 अधिकारी सस्पेंड

ब्रांडसन समेत ईंट भट्ठा मालिकों पर 46 करोड़ का बकाया है. जिसमें से 36 करोड़ ब्रांडसन से वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर कर कार्रवाई की जा रही है. यहीं नहीं, समीक्षा बैठक के दौरान यह भी पता चला है कि 10 करोड़ की राशि ईंट भट्ठा से वसूली की जानी है. इसके लिए भी डीएम ने तेजी लाने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ेंः खनन विभाग ने बालू कारोबारियों पर कसा शिकंजा, 4 पोकलेन मशीन जब्त

आपको बता दें कि ब्रांडसन को पटना में बालू के कारोबार में सबसे बड़े बकायेदार के रूप में चिह्नित किया गया है. कई सालों से ही ब्रांडसन कंपनी की बंदोबस्ती की जा रही है और अचानक से वसूली शुरू हो गई, इस पूरे खेल में खनन विभाग भी कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है. सवाल यह उठ रहा है कि गड़बड़ी के बाद भी ऐसी कंपनी को बंदोबस्ती क्यों दी जा रही है.

पटना डीएम ने समीक्षा के बाद पाया कि इनके अलावा 21 बकायेदार और भी हैं, जिसके विरुद्ध वारंट जारी किया जाएगा. इसके लिए पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है, ताकि राशि की वसूली और नीलाम पत्र वाद का निष्पादन किया जा सके. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बालू के कारोबार में ब्रांडसन कंपनी में सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया है. बिहार सरकार ने ब्रांडसन कंपनी को बालू खनन के लिए बंदोबस्ती की थी.

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पटनाः राजधानी पटना में खनन से संबंधित नीलाम पत्र वादों की पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह (DM Chandrashekhar Singh Review Meeting In Patna) ने समीक्षा की. इस दौरान पता चला कि खनन से संबंधित नीलाम पत्र (Auction Related To Mining) के कुल 316 मामले जिले में लंबित हैं. इन मामलों में 46 करोड़ 24 लाख 81 हजार 295 रुपये बकाया हैं. इसके बाद 10 बड़े बकायेदारों को चिह्नित किया गया और अब उनको नोटिस भेजने की तैयारी है.

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समीक्षा के दौरान ब्रांडसन को सबसे बड़े बकायेदारों के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसके पास सरकार के 36 करोड़ बकाया हैं. वर्ष 2021 के लिए ब्रांडसन को 96 करोड़ की बंदोबस्ती की गई थी, जिस पर प्रथम किस्त के रूप में ब्रांडसन ने महज 15 करोड़ ही जमा किए थे. दूसरी और तीसरा किस्त जमा नहीं करने के कारण जिला प्रशासन द्वारा बालू जब्त किया गया था. उस बालू की बिक्री कर 45 करोड़ की वसूली की गई थी.

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ब्रांडसन समेत ईंट भट्ठा मालिकों पर 46 करोड़ का बकाया है. जिसमें से 36 करोड़ ब्रांडसन से वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर कर कार्रवाई की जा रही है. यहीं नहीं, समीक्षा बैठक के दौरान यह भी पता चला है कि 10 करोड़ की राशि ईंट भट्ठा से वसूली की जानी है. इसके लिए भी डीएम ने तेजी लाने का निर्देश दिया है.

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आपको बता दें कि ब्रांडसन को पटना में बालू के कारोबार में सबसे बड़े बकायेदार के रूप में चिह्नित किया गया है. कई सालों से ही ब्रांडसन कंपनी की बंदोबस्ती की जा रही है और अचानक से वसूली शुरू हो गई, इस पूरे खेल में खनन विभाग भी कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है. सवाल यह उठ रहा है कि गड़बड़ी के बाद भी ऐसी कंपनी को बंदोबस्ती क्यों दी जा रही है.

पटना डीएम ने समीक्षा के बाद पाया कि इनके अलावा 21 बकायेदार और भी हैं, जिसके विरुद्ध वारंट जारी किया जाएगा. इसके लिए पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है, ताकि राशि की वसूली और नीलाम पत्र वाद का निष्पादन किया जा सके. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि बालू के कारोबार में ब्रांडसन कंपनी में सरकार को करोड़ों का चूना लगा दिया है. बिहार सरकार ने ब्रांडसन कंपनी को बालू खनन के लिए बंदोबस्ती की थी.

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