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'5 एकड़ जमीन दिव्यांग को..?' यह कहकर नीतीश कुमार ने बंद की माइक

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में एक दिव्यांग सैनिक (Divyang Soldier Raised Issue In Janta Darbar) अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. फरियादी की बात सुनते ही सीएम भौंचक्का रह गए. मामला ऐसा था कि, सीएम को माइक ऑफ कर अधिकारियों से बात करनी पड़ी. जानिए पूरा मामला..

CM Nitish Janta Darbar
CM Nitish Janta Darbar
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Published : Jan 3, 2022, 4:00 PM IST

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (CM Nitish Janta Darbar) में कई ऐसे मामले भी पहुंचते हैं जो सुर्खियों में छाए रहते हैं. कई मामलों पर तो काफी दिनों तक चर्चा भी हो चुकी है. लेकिन सोमवार को जो मामला सीएम के सामने पहुंचा था, उसने खुद नीतीश कुमार को हैरान-परेशान कर दिया. दरअसल एक दिव्यांग को कंकड़बाग में पांच एकड़ जमीन देने का मामला (Issue Of 5 Acres Land In Kankarbagh In Janta Darbar) सीएम के दरबार में पहुंचा था.

यह भी पढ़ें- सीएम नीतीश के जनता दरबार में मिले 6 लोग कोरोना पॉजिटव, अधिकारियों में मचा हड़कंप

सीएम के दरबार (Janta Darbar In Patna) में दोनों पैर से दिव्यांग एक सैनिक पहुंचे. दिव्यांग सैनिक ने कहा कि, "सर जो वादा किया गया था उसे पूरा नहीं किया गया है. हमने अपनी समस्या आवेदन में अटैच किया है. आप देखिए, हमें कंकड़बाग में 5 एकड़ का आवास मिलना था, लेकिन अब तक नहीं मिला."

दिव्यांग सैनिक की बात सुनते ही सीएम ने हैरानी के साथ कहा, "पांच एकड़ जमीन दिव्यांग को, वो भी कंकड़बाग इलाके में. सीएम की हैरानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, कई बार सीएम ने इस बात को दोहराया. उसके बाद नीतीश कुमार ने मामला राजस्व विभाग के पास देखने के लिए भेज दिया."

फरियाद सुन सीएम ने ऑफ किया माइक

यह भी पढ़ें- सीएम नीतीश को जनता दरबार में होने लगी गले में परेशानी, तुरंत मंगवाया गर्म पानी

फरियादी के जाते ही सीएम ने कहा कि, पांच एकड़ कहां से दिया जाएगा, जमीन कहां है. यह कहकर सीएम ने माइक बंद कर दिया और अधिकारियों को बुलाकर काफी देर तक इस मुद्दे पर बात करते रहे.

बता दें कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हर महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

ये भी पढ़ें- CM ने शिक्षा मंत्री को लगाया फोन, कहा- 'बेगूसराय से एक ही तरह के मामले आए हैं.. तुरंत देखिये'

जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

वहीं, जनता दरबार के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो जाएगी. लेकिन इस बार जनता दरबार में शिकायत सुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इस कारण जनता दरबार के बाहर आए लोगों को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौटना पड़ता है.

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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (CM Nitish Janta Darbar) में कई ऐसे मामले भी पहुंचते हैं जो सुर्खियों में छाए रहते हैं. कई मामलों पर तो काफी दिनों तक चर्चा भी हो चुकी है. लेकिन सोमवार को जो मामला सीएम के सामने पहुंचा था, उसने खुद नीतीश कुमार को हैरान-परेशान कर दिया. दरअसल एक दिव्यांग को कंकड़बाग में पांच एकड़ जमीन देने का मामला (Issue Of 5 Acres Land In Kankarbagh In Janta Darbar) सीएम के दरबार में पहुंचा था.

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सीएम के दरबार (Janta Darbar In Patna) में दोनों पैर से दिव्यांग एक सैनिक पहुंचे. दिव्यांग सैनिक ने कहा कि, "सर जो वादा किया गया था उसे पूरा नहीं किया गया है. हमने अपनी समस्या आवेदन में अटैच किया है. आप देखिए, हमें कंकड़बाग में 5 एकड़ का आवास मिलना था, लेकिन अब तक नहीं मिला."

दिव्यांग सैनिक की बात सुनते ही सीएम ने हैरानी के साथ कहा, "पांच एकड़ जमीन दिव्यांग को, वो भी कंकड़बाग इलाके में. सीएम की हैरानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, कई बार सीएम ने इस बात को दोहराया. उसके बाद नीतीश कुमार ने मामला राजस्व विभाग के पास देखने के लिए भेज दिया."

फरियाद सुन सीएम ने ऑफ किया माइक

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फरियादी के जाते ही सीएम ने कहा कि, पांच एकड़ कहां से दिया जाएगा, जमीन कहां है. यह कहकर सीएम ने माइक बंद कर दिया और अधिकारियों को बुलाकर काफी देर तक इस मुद्दे पर बात करते रहे.

बता दें कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम हर महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती है. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के तमाम पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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जनता दरबार में कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जा रहा है. बाहर से जो भी शिकायतकर्ता जनता दरबार में आ रहे हैं, उनकी कोरोना जांच के साथ वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है. हालांकि जनता दरबार में जहां पहले बड़ी संख्या में लोग पहुंचते थे, वहीं अब कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को आने की अनुमति दी जा रही है.

वहीं, जनता दरबार के बाहर भी बड़ी संख्या में लोग इस उम्मीद से पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात हो जाएगी. लेकिन इस बार जनता दरबार में शिकायत सुनने की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है. इस कारण जनता दरबार के बाहर आए लोगों को बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौटना पड़ता है.

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