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पटना: दिव्यांग खिलाड़ियों ने सम्मान राशि लेने से किया इनकार, सरकार पर लगाया पक्षपात का आरोप - पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स

तैराकी में एशियाड इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीत चुके शम्स अहमद ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है. सामान्य खिलाड़ियों के बराबर उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है.

सम्मान राशि लेने से किया इंकार
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Published : Aug 29, 2019, 9:52 PM IST

पटना: राजधानी के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 में दिव्यांग खिलाड़ियों ने पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया. इस इनकार से मंच पर मौजूद मंत्रियों के बीच हड़कंप मच गया. मंत्री श्रवण कुमार, प्रमोद कुमार और कृष्ण कुमार तीनों एक-दूसरे का चेहरा देखते रह गए.

patna
मंच पर मौजूद मंत्रीगण

दरअसल, दिव्यांग खिलाड़ियों ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सामान्य खिलाड़ियों की तुलना में दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकार काफी उपेक्षित कर रही है. तैराकी में एशियाड इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीत चुके शम्स अहमद ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है.

Patna
सरकार ने दिया सम्मान

राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का उल्लंघन
शम्स ने कहा कि जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले सामान्य खिलाड़ी को 1 से 2 लाख तक की सम्मान राशि दी जाती है. वहीं, दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने के बावजूद 50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जो कि अन्याय है. 2016 में राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का केंद्रीय कानून आया था, जिसके अनुसार सरकार का यह रवैया एक्ट के सेगमेंट 3 का वायलेशन है.

Patna
खिलाड़ी हुए सम्मानित

दिव्यांगों का खेल विभाग के कैलेंडर से नदारद
गुस्साए खिलाड़ियों ने कहा कि यह स्वाभिमान की लड़ाई है और वह बराबरी के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का जो कैलेंडर जो जारी हुआ है, उसमें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए मात्र एक ही खेल एथलेटिक्स शामिल है. वहीं, सामान्य खिलाड़ियों के लिए 56 खेल है. ऐसे में साफ है कि विभाग ने भेदभाव किया है.

खिलाड़ियों ने जताई नाराजगी

343 खिलाड़ी हुए सम्मानित
बता दें कि गुरुवार को पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 का आयोजन किया गया. जिसमें 343 खिलाड़ियों और दो कोच को सम्मानित किया गया. नौ खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया जिनमें 7 सामान्य श्रेणी के खिलाड़ी तो दो दिव्यांग श्रेणी के खिलाड़ी थे.

पटना: राजधानी के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 में दिव्यांग खिलाड़ियों ने पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया. इस इनकार से मंच पर मौजूद मंत्रियों के बीच हड़कंप मच गया. मंत्री श्रवण कुमार, प्रमोद कुमार और कृष्ण कुमार तीनों एक-दूसरे का चेहरा देखते रह गए.

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मंच पर मौजूद मंत्रीगण

दरअसल, दिव्यांग खिलाड़ियों ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सामान्य खिलाड़ियों की तुलना में दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकार काफी उपेक्षित कर रही है. तैराकी में एशियाड इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीत चुके शम्स अहमद ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है.

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सरकार ने दिया सम्मान

राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का उल्लंघन
शम्स ने कहा कि जहां एक ओर राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले सामान्य खिलाड़ी को 1 से 2 लाख तक की सम्मान राशि दी जाती है. वहीं, दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने के बावजूद 50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जो कि अन्याय है. 2016 में राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट का केंद्रीय कानून आया था, जिसके अनुसार सरकार का यह रवैया एक्ट के सेगमेंट 3 का वायलेशन है.

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खिलाड़ी हुए सम्मानित

दिव्यांगों का खेल विभाग के कैलेंडर से नदारद
गुस्साए खिलाड़ियों ने कहा कि यह स्वाभिमान की लड़ाई है और वह बराबरी के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का जो कैलेंडर जो जारी हुआ है, उसमें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए मात्र एक ही खेल एथलेटिक्स शामिल है. वहीं, सामान्य खिलाड़ियों के लिए 56 खेल है. ऐसे में साफ है कि विभाग ने भेदभाव किया है.

खिलाड़ियों ने जताई नाराजगी

343 खिलाड़ी हुए सम्मानित
बता दें कि गुरुवार को पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 का आयोजन किया गया. जिसमें 343 खिलाड़ियों और दो कोच को सम्मानित किया गया. नौ खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया जिनमें 7 सामान्य श्रेणी के खिलाड़ी तो दो दिव्यांग श्रेणी के खिलाड़ी थे.

Intro:राजधानी पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कंपलेक्स में आयोजित खिलाड़ी सम्मान समारोह 2019 में पुरस्कार वितरण के दौरान दिव्यांग खिलाड़ियों ने पुरस्कार और पुरस्कार राशि लेने से साफ तौर पर इंकार कर दिया. मंच पर मौजूद मंत्रियों के बीच हड़कंप मच गया मंत्री श्रवण कुमार प्रमोद कुमार और कृष्ण कुमार ऋषि तीनों एक दूसरे का चेहरा देखते रह गए. खिलाड़ियों ने सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि सामान्य खिलाड़ियों की तुलना में दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकार काफी उपेक्षित कर रही है. मंत्रियों के वर्क अंत के बाद अधिकारियों ने किसी तरह सम्मान दिव्यांग खिलाड़ियों के हाथ में थमा कर उन्हें मंच से नीचे उतारा जिसके बाद खिलाड़ियों ने सम्मान को लौटा दिया.


Body:तैराकी में एशियाड इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड जीत चुके शम्श अहमद ने बताया कि राज्य सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव कर रही है. जहां एक और राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले सामान्य खिलाड़ियों को एक लाख से ₹200000 तक की सम्मान राशि जी दी जा रही है वही दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने के बावजूद 50,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. यह सरासर 2016 में जो केंद्रीय कानून आया था राइट ऑफ पर्सन विद डिसेबिलिटी एक्ट के सेगमेंट 3 का वायलेशन है. केंद्र सरकार ने 2016 में नया कानून बनाया था कि कोई अब विकलांग नहीं कहेगा उन्हें दिव्यांग कहां जाएगा और उन्हें वह सभी बराबर हक मिलेंगे जो सामान्य खिलाड़ियों को भी मिलते हैं. शम्श ने कहा कि यह स्वाभिमान की लड़ाई है और वाह बराबरी के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के कैलेंडर जो जारी हुआ है उसमें दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए मात्र एक ही खेल एथलेटिक्स है वहीं सामान्य खिलाड़ियों के लिए 56 खेल है. पैरा तैराकी, पैरा बैडमिंटन, समेत अन्य कई सारे खेल है जिन्हें विभाग ने खेल कैलेंडर में जगह नहीं दिया है.


Conclusion:अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एशियाड में पदक लाने वाली खिलाड़ी अर्चना कुमार ने बताया कि सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों की उपेक्षा कर रही है और जो प्रोत्साहन राशि मिलता है उससे उनका आने जाने का खर्चा भी नहीं निकल पाता. उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांग खिलाड़ियों के साथ भेदभाव का रवैया अपना रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैया के कारण उन्हें यह सम्मान स्वीकार नहीं है.
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