मसौढ़ी : बिहार के मसौढ़ी (Bihar of Masaurhi) में एक दिव्यांग परिवार को आशियाना मिल गया है. मसौढ़ी प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूर सगुनी गांव है. वहां एक दिव्यांग परिवार पिछले 4 साल से पॉलिथीन टांग कर गुजर बसर कर रहा था. उसने आवास योजना का लाभ के लिए प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काट काट कर परेशान था. ऐसे में ईटीवी भारत पर प्रमुखता से खबर चलने के बाद सरकार ने संज्ञान लिया और दिव्यांग परिवार को आशियाना मिला. दिव्यांग परिवार के चेहरे पर मुस्कान आ गई है. आवास योजना की पहली किस्त (first installment of housing scheme) की राशि आ गई है और यह मकान बनाना शुरू कर दिए हैं. वहीं इस खबर को दिखाने और इनकी मदद पहुंचाने को लेकर दिव्यांग परिवारों ने ईटीवी भारत को सराहा है.
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4 साल से आवास योजना के लिए लगा रहा था चक्कर : मसौढ़ी में ईटीवी भारत की खबर का असर देखने को मिला है. मसौढ़ी के सगुनी गांव की दिव्यांग परिवार अरुण और पुष्पा दिव्यांग हैं. यह दोनों परिवार पिछले 4 सालों से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए लगातार प्रखंड मुख्यालय के चक्कर काट काट कर परेशान थे. पॉलिथीन टांग कर रहने को विवश हैं. चाहे वह जाड़ा गर्मी हो या बरसात किसी तरह से रह रहे थे. दिव्यांग परिवार के चेहरे पर मुस्कान आ गई है.आवास योजना की पहली किस्त की राशि आ गई है और यह मकान बनाना शुरू कर दिए हैं. वहीं इस खबर को दिखाने और इनकी मदद पहुंचाने को लेकर दिव्यांग परिवारों ने ईटीवी भारत को सराहा है.
किस्त मिलते ही बनने लगा आवास : मसौढी प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार ने संज्ञान लेते हुए गंभीरता से इस नए वित्तीय वर्ष में इन्हें आवास योजना का लाभ दिया है. दिव्यांग परिवार के चेहरे पर मुस्कान आ गई है. अब यह पॉलिथीन टांगकर नहीं रहेंगे. इन्होंने अपना मकान बनाना शुरू कर दिया है. आवास योजना का लाभ तीन किस्त में मिलता है. पहली किस्त की राशि आ गई है और यह मकान बनाना शुरू कर दिए हैं. वहीं इस खबर को दिखाने और इनकी मदद पहुंचाने को लेकर दिव्यांग परिवारों ने ईटीवी भारत को सराहा है.
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"नए वित्तीय वर्ष में इन्हें आवास योजना का लाभ दिया है.आवास योजना का लाभ तीन किस्त में मिलता है. पहली किस्त की राशि आ गई है और यह मकान बनाना शुरू कर दिए हैं. मसौढ़ी प्रखंड मुख्यालय से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूर सगुनी गांव में यह परिवार रहता है." -अमरेश कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी