पटना: एक ओर सरकार द्वारा गरीबों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना चलायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी गरीब हैं, जिन्हें आवेदन के बावजूद आवास नहीं (divyang couple wandering in patna) मिल सका है. मसौढ़ी प्रखंड के रेवां पंचायत के सगुनी गांव ( PM Awas Yojana In saguni village Masaurhi ) के वार्ड नंबर 5 में दिव्यांग पुष्पा देवी लाचारी और बेबसी की जिंदगी जीने को विवश है.
राजधानी पटना से तकरीबन 40 किलोमीटर की दूरी पर मसौढ़ी प्रखंड के रेवां पंचायत में रहने वाली पुष्पा देवी अपने पैरों से लाचार हैं और उनकी पति अंधे हैं. इस दिव्यांग परिवार को आज तक आशियाना नसीब नहीं हुआ है. कई वर्षों से आशियाने के लंबे इंतजार में इस परिवार की आंखें पथरा गई हैं. लगातार प्रखंड कार्यालयों के चक्कर काट काटकर ये लोग थक चुके हैं. पुष्पा देवी ने बताया कि, आवास योजना का लाभ पाने के लिए फॉर्म भरा था. सूची में नाम भी आ चुका था. बावजूद इसके आजतक आशियाना नहीं मिल पाया है.
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दंपति परिवार के घर की हालत देख किसी की भी आंखें भर आए. ठिठूरन भरी ठंड में किसी तरह से अपने तीन बच्चों के साथ पॉलिथीन टांग कर टूटे-फूटे मकान में दंपति परिवार पिछले कई वर्षों से रह रहे हैं. मजदूरी कर पेट पालने वाले परिवारों की तरफ अभी तक किसी ने मदद के हाथ नहीं बढ़ाया है. आवास योजना में प्रतिक्षा सूची में नाम आने के बाद भी अगर आवास का लाभ नहीं मिल रहा है तो, यह एक गंभीर विषय है.
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इस मामले पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेश कुमार का कहना है कि, मामले की जांच करवाई जाएगी और अविलंब आगे की कार्रवाई होगी. वहीं पीड़ित परिवार का कहना है कि, प्रधानमंत्री आवास योजना के शुरू होते ही उनको अपने लिए आवास की उम्मीद जगी. इसी आशा को लेकर पुष्पा देवी ने आवास के लिए आवेदन किया. जब कई महीनों तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई तो उन्होंने सरकारी कार्यालय के चक्कर भी लगाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
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