पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने बताया कि बिहार के 9 प्रमंडलीय जिलों में डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर( डीइआइसी) की स्थापना की गयी है. इन जिलों में भागलपुर, दरभंगा, गया, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, पटना, सहरसा और सारण जिला शामिल हैं. इसके माध्यम से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेफर किये जा रहे बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. वहीं उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर इलाज के लिए संबंधित लोगों के साथ समन्वय स्थापित करना है.
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4 जिलों में काम किया गया पूरा: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि इस समय में भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर और सहरसा जिले में डीइआइसी के भवन निर्माण का काम पूरा हो गया है. वहीं शेष बचे 5 जिलों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है. इसे भी जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. जिन जिलों में भवन निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, वहां डीइआइसी के स्वास्थ्य कर्मी और पारा मेडिकल स्टाफ को वहां पर बैठने की व्यवस्था विभाग द्वारा जारी है. वहीं जिन जिलों में भवन निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है, उनके अधीनस्थ अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में डीइआइसी के कर्मियों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
कई बीमारियों से को ठीक करेगी: डीइआइसी से 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं बच्चों को दी जाएंगी. इसके लिए 12 प्रकार के स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति होगी. इसके तहत स्वास्थ्य और मेडिकल, दंत, ऑक्यूपेशनल और फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक, अनुभूति, ऑडियोलॉजी और स्पीच-लैंग्वेज पैथोलॉजी, विजन लैब, पोषण, सामाजिक सहयोग, साइको-सोशल और इसके लिए यातायात जैसी सेवाएं की शुरुआत होगी.
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सारी सुविधाओं से लैश होगा डीइआइसी: मंत्री ने कहा कि डीइआइसी संचालन की जिम्मेदारी सभी क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन ईकाई को सौंपी गयी है. डीईआईसी पर दवाओं की उपलब्धता पर ध्यान देते हुए इसकी जिम्मेदारी संबंधित जिले के जिला स्वास्थ्य समिति के जिम्मे रहेगी. वहीं विभाग निरंतर बाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने में जुटा है. डीइआइसी के संचालन से बाल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी और बच्चों में होने वाले कई जटिल समस्याओं का जिला स्तर ही उचित उपचार हो सकेगा.