पटना: राजधानी के एक निजी अस्पताल में बीते गुरुवार को प्रसव कराने आई एक महिला की मौत के बाद हुए हंगामा और तोड़फोड़ के बाद जिला प्रशासन ने इसपर संज्ञान लिया है. घटना को लेकर जांच के लिए पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक के 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
अस्पताल के निदेशक एवं डॉक्टर पर पाटलिपुत्र थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. मामले की एफएसएल जांच के लिए बेसरा टीम को जिम्मेवारी दी गई है. पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित सहयोग हॉस्पिटल में चिकित्सा लापरवाही से एक प्रसूति महिला की बीते गुरुवार को मौत हो गई थी. इसके बाद से चिकित्सक और निदेशक फरार हैं.
मौत के बाद परिजनों ने मचाया हंगामा
बताया जा रहा है कि सहयोग अस्पताल में प्रसूति के लिए स्निग्धा नाम की एक महिला को भर्ती कराया गया था. महिला ने प्रसव के दौरान एक बच्ची को जन्म दिया. इसके बाद महिला की स्थिति बिगड़ गई. आनन-फानन में उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया लेकिन काफी देर से ब्लीडिंग होने के कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने का आरोप लगाया और घंटों तक हंगामा मचाया. घटना को लेकर जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन पर संज्ञान लिया है.
एफएसएल जांच के लिए बुलाई गई बेसरा टीम
फिलहाल, अस्पताल के निदेशक डॉक्टर एन के लाल और प्रसूति कर रहे डॉ स्वर्ण लता दोनों अभी फरार चल रहे हैं. बताया जाता है कि सहयोग अस्पताल में बीते 6 माह के अंदर 1 दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है. इसमें साफ तौर पर डॉक्टरों की लापरवाही देखी जा रही है. लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है और जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. मामले की जांच के लिए 3 सदस्य टीम का गठन किया गया है. इसमें पीएमसीएच के वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हैं. प्रसूती के पोस्टमार्टम का वीडियोग्राफी कराई जा रही है, वहीं एफएसएल जांच के लिए बेसरा टीम बुलाई गई है.