पटना: राजधानी पटना में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. जिससे बचाव को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैद है, लेकिन ठंड का प्रकोप इतना है कि सारी तैयारियां कम पड़ जा रही है. इसको लेकर हमारे संवाददाता कृष्णनंदन ने ग्राउंड रिपोर्टिंग की और पटना वासियों से बातचीत की.
पटना में ठंड का प्रकोप: कड़ाके की ठंड को देखते हुए शहर के प्रमुख चौक-चौराहों, बाजारों, रैन बसेरों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल सहित भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर जिला प्रशासन की ओर से अलाव जलाया जा रहा है. लेकिन अलाव के लिए लाई गई लकड़ियां कम पड़ जा रही हैं.
ठंड से बचने के लिए प्रशासन की तैयारी: पटना में डीएम के निर्देश पर वरीय अधिकारियों द्वारा ठंड से बचाव कार्यों का लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है. जिलाधिकारी भी समय-समय पर रात में निकलकर अलाव स्थलों, रैन बसेरों और जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण कर लोगों से फीडबैक ले रहे हैं. जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि पटना में 211 से अधिक स्थानों पर अलाव का प्रबंध किया गया है. वहीं नगर निगम क्षेत्र में 23 जगह पर स्थाई और अस्थाई रैन बसेरा बनाए गए हैं.
ईटीवी भारत ने लिया तैयारियों का जायजा: ईटीवी भारत की टीम ने भी देर रात सड़कों पर उतरकर जिला प्रशासन की तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान अलाव के पास बैठे रिक्शा चालकों, ठेला चालकों और गरीब मजदूरों ने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से 5 किलो लकड़ी ही मुहैया कराई जा रही है, जो अलाव के लिए कम पड़ जा रही हैं. बताया कि ठंड अधिक होने से दिन में भी अलाव जलाना पड़ रहा है.
"जिला प्रशासन सिर्फ 5 किलो लकड़ी ही उपलब्ध करा रहा है. इससे क्या होगा, अलग-अलग जगह से लकड़ियां ला रहे हैं और आग जला रहे हैं. कुछ समाजसेवी भी आकर यहां लकड़ियां रख कर जाते हैं. दिन में भी आग जलाना पड़ता है."- दिनेश, रिक्शा चालक
रैन बसेरा का इंतजाम: प्रशासन की तरफ रैन बसेरा का इंतजाम किया गया है. अब तक पटना जिले के रैन बसेरा में 15240 लोगों ने आश्रय लिया है. इसके साथ ही रैन बसेरा में सभी संबंधित पदाधिकारी और विभागों का हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध कराया गया है. सभी रैन बसेरा में फीडबैक रजिस्टर भी है, जहां आश्रय लेने वाले लोग अपना फीडबैक दे सकते हैं. वहीं पटना डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने आम जनता से बढ़ते ठंड को देखते हुए एडवायजरी का अनुपालन करने की अपील की है.
"तीन शिफ्ट में केयरटेकर की तैनाती की गई है. रात्रि ड्यूटी मेरी है. यहां एक रजिस्टर है और जो भी लोग रैन बसेरा में रहना चाहते हैं उन्हें सिर्फ आधार कार्ड देना होता है. उसके बाद वह आधार कार्ड का नंबर नोट करते हैं और उन्हें रैन बसेरा में बेड दे देते हैं. रैन बसेरा गरीबों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है."- अमर, रैन बसेरा केयरटेकर
महिलाओं के लिए रैन बसेरा की व्यवस्था: नगर निगम की ओर से पांच विशेष रैन बसेरा में महिलाओं के लिए भी बेड की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही यहां केयरटेकर के रूप में महिला पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है. रैन बसेरा में आमजन के लिए निःशुल्क रहने की व्यवस्था की गई है. सभी रैन बसेरों में कार्पेट, चौकी, गद्दा, चादर, तकिया, कम्बल, अग्निशामक यंत्र, ट्रंक, पीने का पानी, सीसीटीवी कैमरा, रजिस्टर, टेबल, कुर्सी और ऐनक आदि की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.
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आधी रात सड़कों पर निकले पटना DM, ठंड में सड़कों पर रहने वाले लोगों और रैन बसेरा का लिया जायजा