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Bihar Politics : महागठबंधन में बढ़ी दूरी तो डैमेज कंट्रोल में जुटे नीतीश? जानिए क्या कहते हैं जानकार? - Bihar Politics

कभी ट्रांसफर पोस्टिंग का मसला तो कभी बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में गतिरोध, इन सब मुद्दों को लेकर महागठबंधन में गांठ पड़ चुकी है. राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं. एक के बाद एक विवादों के बाद नीतीश कुमार डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे हैं. नीतीश कई बार राबड़ी आवास पर भी दौड़-दौड़ कर जाने से गुरेज नहीं करते.

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Published : Jul 27, 2023, 10:29 PM IST

बिहार में मरहम लगाएंगे नीतीश

पटना : बिहार में पिछले कुछ महीनों से राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ रही थीं. राजद की ओर से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाया जा रहा था. ताजा विवाद राजस्व विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर हुआ. तेजस्वी यादव के बेहद करीबी नेता आलोक मेहता के विभाग भूमि सुधार एवं राजस्व के तमाम तबादलों को रद्द कर दिया. इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग के तबादले को रोक दिया गया था. तेजस्वी यादव के भी स्वास्थ्य विभाग के तबादले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. बिहार में बोर्ड और निगम आयोग के गठन को लेकर पहले से ही विवाद था.

ये भी पढ़ें- Darbhanga Internet Ban: 30 जुलाई तक दरभंगा में इंटरनेट सेवा बंद, BJP बोली- 'नाकामयाबी छुपा रही सरकार'

डैमेज कंट्रोल करेगा बोर्ड निगय आयोग? : दरअसल, बिहार में सबसे ज्यादा बोर्ड निगम आयोग हैं, लेकिन 2014 के बाद से बोर्ड, निगम आयोग के गठन की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से 20 सूत्री और बोर्ड निगम आयोग के गठन को लेकर कई बार दबाव बनाया गया था. बिहार में लंबे समय से बोर्ड निगम आयोग के गठन को लेकर राजद की ओर से नीतीश कुमार पर दबाव था. नीतीश कुमार गठन को लेकर ढुलमुल रवैया अपना रहे थे और अपने दलों के नेता को समय-समय पर बोर्ड निगम आयोग में जगह दे रहे थे. राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीद यह थी कि उनके कार्यकर्ताओं को भी बोर्ड निगम आयोग में जगह दी जाएगी.


नीतीश से लालू नाराज ? : विपक्षी एकता को लेकर बेंगलुरु में बैठक हुई और बीच बैठक में ही नीतीश कुमार उठ गए. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी उठाना पड़ा. नीतीश कुमार के इस एक्टिविटी से लालू यादव नाराज हो गए. बाद में मीडिया के सामने नीतीश कुमार ने सब कुछ स्पष्ट किया और शाम में लालू यादव के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की.


इन मुद्दों पर खटास : मलमास मेला के उद्घाटन समारोह में पर्यटन विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव और भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को भी शामिल होना था. लेकिन दोनों नेताओं ने उद्घाटन समारोह से दूरी बना ली. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी विवाद बरकरार है. राजद कोटे के मंत्रियों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. लालू प्रसाद यादव जिस नाम को आगे बढ़ाते हैं, उस पर सरकार के मुखिया की आपत्ति है.


तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं लालू : सूत्रों की अगर मानें तो लालू प्रसाद यादव अपने पुत्र तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. नीतीश कुमार पर इस बाबत एक दबाव है, नीतीश कुमार ने कहा था कि मैं केंद्र की राजनीति में जाऊंगा तो बिहार की सत्ता तेजस्वी यादव को ही देखना है. राजद और जदयू के बीच बढ़ती दूरी नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है.

निगम आयोग का गठन बनेगा मरहम : इस खाईं को पाटने के लिए नीतीश कुमार ने राजनेताओं के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है. बोर्ड निगम आयोग में राजद नेताओं को जगह दी जा रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक तमाम बोर्ड निगम आयोग के गठन को शीघ्र ही मूर्त रूप दे दिया जाएगा.

भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि ''नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. किसी भी सूरत में नीतीश कुमार की एंट्री अब नहीं हो सकती है. नीतीश कुमार भाजपा का भय दिखाकर लालू और तेजस्वी को दबाव में रखते थे. लेकिन भाजपा के ना कहने के बाद अब नीतीश, लालू और तेजस्वी के दबाव में हैं. बोर्ड निगम आयोग का गठन भी राजद के दबाव के चलते हो सका है. नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में भी अपने लोगों से यह खबर उड़ाई की भाजपा से उनकी बातचीत चल रही है, लेकिन हम लोगों ने इसे एक सिरे से खारिज कर दिया.''


जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि ''महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है. भाजपा नेताओं के पेट में अनावश्यक दर्द हो रहा है. जब बोर्ड निगम आयोग के गठन में देरी हो रही थी, तब सवाल उठाए जा रहे थे. अब जब गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है तब भी सवाल उठाए जा रहे हैं.''


राजद प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा है कि ''बोर्ड निगम आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है. लंबे समय से कार्यकर्ताओं को इंतजार था, यह सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है. महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.''

वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन झा का मानना है कि ''नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के विकल्प फिलहाल नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार पर लालू यादव और तेजस्वी यादव का दबाव है. बोर्ड निगम आयोग का गठन भी दबाव का नतीजा है. पिछले कुछ महीनों से कुछ मुद्दों को लेकर खींचतान से दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है.''

बिहार में मरहम लगाएंगे नीतीश

पटना : बिहार में पिछले कुछ महीनों से राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ रही थीं. राजद की ओर से लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव बनाया जा रहा था. ताजा विवाद राजस्व विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर हुआ. तेजस्वी यादव के बेहद करीबी नेता आलोक मेहता के विभाग भूमि सुधार एवं राजस्व के तमाम तबादलों को रद्द कर दिया. इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के विभाग के तबादले को रोक दिया गया था. तेजस्वी यादव के भी स्वास्थ्य विभाग के तबादले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. बिहार में बोर्ड और निगम आयोग के गठन को लेकर पहले से ही विवाद था.

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डैमेज कंट्रोल करेगा बोर्ड निगय आयोग? : दरअसल, बिहार में सबसे ज्यादा बोर्ड निगम आयोग हैं, लेकिन 2014 के बाद से बोर्ड, निगम आयोग के गठन की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई थी. राष्ट्रीय जनता दल की ओर से 20 सूत्री और बोर्ड निगम आयोग के गठन को लेकर कई बार दबाव बनाया गया था. बिहार में लंबे समय से बोर्ड निगम आयोग के गठन को लेकर राजद की ओर से नीतीश कुमार पर दबाव था. नीतीश कुमार गठन को लेकर ढुलमुल रवैया अपना रहे थे और अपने दलों के नेता को समय-समय पर बोर्ड निगम आयोग में जगह दे रहे थे. राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीद यह थी कि उनके कार्यकर्ताओं को भी बोर्ड निगम आयोग में जगह दी जाएगी.


नीतीश से लालू नाराज ? : विपक्षी एकता को लेकर बेंगलुरु में बैठक हुई और बीच बैठक में ही नीतीश कुमार उठ गए. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी उठाना पड़ा. नीतीश कुमार के इस एक्टिविटी से लालू यादव नाराज हो गए. बाद में मीडिया के सामने नीतीश कुमार ने सब कुछ स्पष्ट किया और शाम में लालू यादव के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की.


इन मुद्दों पर खटास : मलमास मेला के उद्घाटन समारोह में पर्यटन विभाग के मंत्री तेजस्वी यादव और भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता को भी शामिल होना था. लेकिन दोनों नेताओं ने उद्घाटन समारोह से दूरी बना ली. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी विवाद बरकरार है. राजद कोटे के मंत्रियों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. लालू प्रसाद यादव जिस नाम को आगे बढ़ाते हैं, उस पर सरकार के मुखिया की आपत्ति है.


तेजस्वी को सीएम बनाना चाहते हैं लालू : सूत्रों की अगर मानें तो लालू प्रसाद यादव अपने पुत्र तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. नीतीश कुमार पर इस बाबत एक दबाव है, नीतीश कुमार ने कहा था कि मैं केंद्र की राजनीति में जाऊंगा तो बिहार की सत्ता तेजस्वी यादव को ही देखना है. राजद और जदयू के बीच बढ़ती दूरी नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है.

निगम आयोग का गठन बनेगा मरहम : इस खाईं को पाटने के लिए नीतीश कुमार ने राजनेताओं के जख्म पर मरहम लगाने की कोशिश की है. बोर्ड निगम आयोग में राजद नेताओं को जगह दी जा रही है. मिल रही जानकारी के मुताबिक तमाम बोर्ड निगम आयोग के गठन को शीघ्र ही मूर्त रूप दे दिया जाएगा.

भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा है कि ''नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं. किसी भी सूरत में नीतीश कुमार की एंट्री अब नहीं हो सकती है. नीतीश कुमार भाजपा का भय दिखाकर लालू और तेजस्वी को दबाव में रखते थे. लेकिन भाजपा के ना कहने के बाद अब नीतीश, लालू और तेजस्वी के दबाव में हैं. बोर्ड निगम आयोग का गठन भी राजद के दबाव के चलते हो सका है. नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में भी अपने लोगों से यह खबर उड़ाई की भाजपा से उनकी बातचीत चल रही है, लेकिन हम लोगों ने इसे एक सिरे से खारिज कर दिया.''


जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि ''महागठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है. भाजपा नेताओं के पेट में अनावश्यक दर्द हो रहा है. जब बोर्ड निगम आयोग के गठन में देरी हो रही थी, तब सवाल उठाए जा रहे थे. अब जब गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है तब भी सवाल उठाए जा रहे हैं.''


राजद प्रवक्ता मृत्युंजय झा ने कहा है कि ''बोर्ड निगम आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई है. लंबे समय से कार्यकर्ताओं को इंतजार था, यह सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है. महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है.''

वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन झा का मानना है कि ''नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के विकल्प फिलहाल नहीं है. ऐसे में नीतीश कुमार पर लालू यादव और तेजस्वी यादव का दबाव है. बोर्ड निगम आयोग का गठन भी दबाव का नतीजा है. पिछले कुछ महीनों से कुछ मुद्दों को लेकर खींचतान से दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ी हैं. हालांकि नीतीश कुमार ने डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है.''

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