पटना: एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार तमाम विपक्षी नेताओं को एकजुट करने में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के ही अंदर (Dispute in jdu) नेता दो खेमे में बंंटते नजर आ रहे हैं. फिलहाल नीतीश की मुसीबत मंत्री लेसी सिंह और विधायक बीमा भारती के बीच के विवाद ( Leshi Singh Bima Bharti Controversy) ने बढ़ा दी है. इस विवाद को सुलझाने के लिए जेडीयू कार्यालय में तमाम बड़े नेताओं की बैठक हुई, जिसमें लेसी सिंह भी पहुंचीं थीं. मीटिंग खत्म होने के बाद मंत्री लेसी सिंह (Minister Leshi Singh) ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि मेरी तरफ से कोई मामला नहीं है.
पढ़ें- 'बीमा भारती के खिलाफ अब कोई मामला नहीं', JDU अध्यक्ष से मिलने के बाद लेसी सिंह के बदले तेवर
जदयू के कई नेता नाराज: मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से पार्टी के कई नेता नाराज हैं. मंत्री लेसी सिंह और बीमा भारती के बीच विवाद खुलकर सतह पर आ गया है. जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एक के बाद एक घटनाक्रम ने पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उपेंद्र कुशवाहा को भी पार्टी के अंदर सहयोग नहीं मिल रहा है और यहां तक की उनके कार्यक्रम में पार्टी नेताओं की मौजूदगी के लिए मुख्यालय से पत्र जारी करना पड़ रहा है. बीजेपी का कहना है कि यह विवाद रुकने वाला नहीं है. हालांकि जदयू के अंदर मामले को सलटाने की कोशिश लगातार हो रही है.
CM नीतीश की बढ़ी मुश्किल: बिहार में नीतीश कुमार के फिर से आरजेडी के साथ पाला बदलने और सरकार बनाने के बाद जदयू में एक के बाद एक विवादों का तांता लग गया है. पार्टी की विधायक बीमा भारती ने खुलकर पार्टी की ही मंत्री लेसी सिंह पर गंभीर आरोप लगा दिए. बीमा भारती ने तो यहां तक कह दिया था कि लेसी सिंह के विरोध में जो भी बोलता है, उसकी हत्या करवा देती हैं. इसलिए जल्द से जल्द लेसी सिंह का मंत्री पद से इस्तीफा लेना चाहिए. इस बयान से नीतीश पर बीजेपी हमलावर हो गई थी. वहीं नीतीश ने भी बीमा भारती के बयान पर नाराजगी जाहिर की थी और कहा था कि लेसी सिंह को जो कुछ भी दिया गया है वो बिल्कुल ठीक है.अगर किसी को इधर-उधर जाना है तो अपना सोचे.
लेसी सिंह ने बीमा भारती पर किया है मानहानि का केस: लेसी सिंह ने अपनी ही पार्टी की विधायक बीमा भारती पर 5 करोड़ के मानहानि का केस दर्ज करवा दिया. पार्टी प्रवक्ता नाराज होकर प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे रहे हैं. पहले आरसीपी सिंह के कारण पार्टी की मुश्किलें बढ़ी थी और अब पार्टी नेताओं के फैसले ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. पार्टी नेतृत्व लगातार मामले को सलटाने की कोशिश कर रहा है. उसी सिलसिले में बीमा भारती को नीतीश कुमार ने चेतावनी भी दी और काफी हद तक सुलह हो जाने का दावा भी किया जाता रहा है. लेकिन मंत्री लेसी सिंह की ओर से बीमा भारती को 5 करोड़ का मानहानि का नोटिस दिए जाने के मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है.
जदयू के अंदर घमासान: ऐसे राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने लेसी सिंह से बातचीत की है और लेसी सिंह को नोटिस वापस लेने के लिए मना लिया गया है. लेसी सिंह ने बयान भी दिया कि अब मेरी तरफ से कोई मामला नहीं है लेकिन बीमा भारती अभी भी अड़ी हुई हैं. यह मामला समाप्त भी नहीं हुआ था कि जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी नेताओं के लिए जवाब देना मुश्किल हो रहा है. चर्चा कई तरह की हो रही है कि निखिल मंडल ने मधेपुरा से चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया है.किसी बड़े पार्टी का दामन थाम सकते हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा विवादों को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. उमेश कुशवाहा का तो यहां तक कहना है कि पार्टी फोरम पर ही अपनी बात रखनी चाहिए.
"कोई मामला नहीं है. लेसी सिंह ने जब अपना बयान दे दिया है तो हमसे क्या पूछ रहे हैं."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू
"निश्चित रूप से क्या कारण है जानना पड़ेगा. उन्होंने व्यक्तिगत कारण लिखा है."- उपेंद्र कुशवाहा, संसदीय बोर्ड राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
"पार्टी के प्लेटफॉर्म पर माननीयों के मामले को हम देखते हैं और जल्द ही उसका निदान किया जाता है."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू
"यह जदयू का अंदरूनी मामला है लेकिन नीतीश कुमार ने जो फैसला लिया है उससे पार्टी के अंदर काफी नाराजगी है. यह नाराजगी और बढ़ेगी. पार्टी अंतर्कलह का शिकार हो गई है और नेतृत्व पर अब भरोसा नहीं रहा. पहले अरुणाचल में पार्टी के विधायकों ने दामन छोड़ दिया और अभी हाल में मणिपुर में विधायकों ने इनका साथ छोड़ा है. अब बिहार में कैसे विधायक आपस में लड़ रहे हैं. दल में एकता कायम नहीं रख सकता है लेकिन विपक्षी एकजुटता की बात कर रहे हैं."- संजय टाइगर, प्रवक्ता बीजेपी
जल्द से जल्द सलटाने का CM का निर्देश: पार्टी के अंदर गुटबाजी लंबे समय से चल रही है. उपेंद्र कुशवाहा के कार्यक्रमों में पार्टी के नेता शामिल नहीं हो रहे थे और इसलिए मुख्यालय की ओर से विशेष पत्र जारी करना पड़ गया. पार्टी के अंदर एक के बाद एक हो रहे घटनाक्रम से पार्टी नेताओं को जवाब देना मुश्किल हो रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरे मामले को जल्द से जल्द सलटाने का निर्देश दिया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी को भी इसमें लगाया है लेकिन मुख्य विपक्षी बीजेपी का साफ कहना है कि जो विवाद है वह रुकने वाला नहीं है और बढ़ेगा.
क्या है बीमा भारती का आरोपः दरअसल, बिहार सरकार की पूर्व मंत्री और रुपौली से जेडीयू विधायक बीमा भारती का आरोप है कि मंत्री लेसी सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहती हैं. उनकी बेटी को पहले हार का सामना करवाया, इसके बाद उन्हें भी परेशान करती हैं. उनका आरोप है कि लेसी सिंह के विरोध में जो भी बोलता है, उसकी वो हत्या करवा देती हैं. इसलिए जल्द से जल्द लेसी सिंह का मंत्री पद से इस्तीफा लेना चाहिए.
5 करोड़ का भिजवाया कानूनी नोटिस: जदयू विधायक बीमा भारती के इस आराेप के बाद मंत्री लेसी सिंह ने मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया. जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया. यह जानकारी खुद बीमा भारती ने दी थी. बीमा भारती ने कहा कि लेसी सिंह ने पांच करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया है, कानूनी नोटस भिजवाया है. उन्हाेंने कहा है कि वो अपने वकील के माध्यम से इस नोटिस का जवाब दे रही हैं. बीमा भारती ने ये भी कहा कहा कि जो हत्या का आरोप उन्होंने लगाया है उस पर वो अडिग हैं.