पटना: बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बिहार आगमन को लेकर बिहार में राजनीतिक गरमाहट बढ़ी हुई है. राजद नेता जहां बाबा के विरोध में लगातार बयानबाजी कर रहे हैं, वहीं भाजपा नेता बाबा के समर्थन में खड़े हैं. बागेश्वर बाबा के विरोध में नेताओं के बयानबाजी तेरत मठ के साधु-संत नाराज हैं. उन्होंने ऐसे बयानबाजी करने वाले नेताओं पर गंभीर आरोप लगाया.
इसे भी पढ़ेंः Bageshwar Baba: 'सीएम नीतीश कुमार क्यों साधे हैं चुप्पी', बाबा धीरेंद्र शास्त्री के विरोध पर BJP का सवाल
''ये राजनेता लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाते हैं. एक खास समुदाय के वोट के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं. जिन मुद्दों पर वोट लेकर ये लोग विधायक-मंत्री बनते हैं उन मुद्दों पर कभी चर्चा नहीं करते. धर्म और जाति पर सवाल उठाकर राजनीति में खुद को जिंदा रखते हैं.''- नटवर शर्मा, तरेत मठ के साधु
राजनीतिक बयानबाजी से मतलब नहींः एक अन्य संत का कहना है कि ये सब बयानबाजी सिर्फ अपने निजी फायदे के लिए है. इन सब बयानबाजी से बाबा बागेश्वर के कार्यकर्म पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. लाखो की संख्या में भक्त यहां तरेत मठ पहुंचेंगे और बाबा बागेश्वर को सुनेंगे, इन सब बयानबाजी से हमारी आस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एक अन्य संत का कहना था कि वे लोग प्रवचन की तैयारी में लगे हुए हैं. इस तरह के राजनीतिक बयानबाजी से कोई मतलब नहीं है.
क्या कहा राजद नेताओं नेः बता दें कि राजद कोटे के मंत्री प्रो. चंद्रशेखर सिंह ने बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसे बाबा सिर्फ हिंदू मुस्लिम की बात कर आपस में लड़वाने का काम करते हैं. ऐसे बाबाओं को बिहार में नहीं आने देना चाहिए. तेज प्रताप यादव ने कहा था कि वो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे. बाबा से निपटने के लिए डीएसएस सेना बनायी है. तेज प्रताप यादव ने धीरेंद्र शास्त्री को देश द्रोही भी बताया था. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बाबा का विरोध करते हुए कहा था कि ऐसे बाबाओं को जेल भेज देना चाहिए.
तरेत पाली मठ में चल रही तैयारीः आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के आगमन को लेकर पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ में तैयारियां जोरशोर से चल रही है. यहां बागेश्वर बाबा हनुमंत कथा वाचन करेंगे और दरबार लगाएंगे. आयोजन 13 मई से 17 मई तक होगा. कथा स्थल पर 3 लाख स्क्वायर फीट में जर्मन पंडाल बनाया जा रहा है. 200 बीघा में कार पार्किंग की व्यवस्था की गई है. महाप्रसाद के लिए 60 काउंटर खोले जाएंगे. हनुमंत कथा सुनने के लिए बिहार के अलावा यूपी, झारखंड, ओड़िसा, नेपाल के श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. पंडाल में 5 लाख लोगों के बैठने की सुविधा है.