पटनाः बिहार के लाखों नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल के चौथे दिन आज नियोजित शिक्षक पटना डीईओ कार्यालय का घेराव करने वाले हैं. घेराव की असली वजह 2 शिक्षकों की बर्खास्तगी है. जिसे निरस्त करने की मांग नियोजित शिक्षकों ने की थी. वहीं, इसके लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था. अल्टीमेटम आज खत्म होते ही शिक्षक डीईओ ऑफिस का घेराव करेंगे.
17 फरवरी को पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने जिले के 2 शिक्षक मनोज कुमार और मुस्तफा आजाद को बर्खास्त कर दिया था. जिसे निरस्त करने की मांग नियोजित शिक्षक कर रहे हैं. शिक्षकों ने पटना डीईओ ऑफिस में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया है. शिक्षकों का कहना है कि पटना डीईओ और डीपीओ दोनों बिहार के सबसे भ्रष्ट अधिकारियों में से एक हैं. इनके खिलाफ वे लगातार आवाज उठाते रहे हैं, जिसके कारण उन्हें बर्खास्त किया गया है.
'शांतिपूर्ण तरीके से होगा घेराव'
बर्खास्त शिक्षकों में से एक बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार सरकार तरह-तरह से नियोजित शिक्षकों को डराने और धमकाने का प्रयास कर रही है. सरकार हमसे आतंकवादियों जैसा सलूक कर रही है. लेकिन हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है, हम डीईओ ऑफिस का भी शांतिपूर्ण तरीके से घेराव करेंगे.
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बता दें कि 19 फरवरी को बिहार सरकार के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने एक पत्र जारी किया था. जिसमें सभी डीएम और एसएसपी को जिले के डीईओ ऑफिस की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया गया था. वहीं, बिहार शिक्षा परियोजना ने सिर्फ उन शिक्षकों को वेतन जारी करने का आदेश दिया है, जो हड़ताल में शामिल नहीं हैं.