पटना: बिहार विधान परिषद में शिक्षा के बजट पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष में जमकर नोकझोंक हुई. इस दौरान चरवाहा विद्यालय से लेकर तेजस्वी यादव की शिक्षा पर भी सत्ता और विपक्ष के नेताओं में जमकर नोकझोंक हुई. बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि वह बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इसके लिए वे सदन के सभी सदस्यों के सुझाव पर भी अमल करेंगे. शिक्षा के बजट में चर्चा के दौरान नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक बिहार के प्राथमिक स्कूलों में क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई की घोषणा भी शिक्षा मंत्री ने की.
यह भी पढ़ें:- विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद 15% वोट बैंक पर नीतीश की नजर
ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या घटकर हुई 1 प्रतिशत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण बच्चों की शिक्षा पर व्यापक असर पड़ा है. लेकिन स्कूल खुलने के बाद हम प्रयास कर रहे हैं कि 'कैच-अप' कोर्स के जरिए बच्चों की पढ़ाई ट्रैक पर आ सके. उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा में बेहतर काम हुआ है. जिसकी वजह से स्कूलों में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या 1 प्रतिशत रह गई है. शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी के इतिहास पर हम सभी चर्चा करते हैं. लेकिन एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पटना विश्वविद्यालय की चर्चा वहां के शिक्षकों की वजह से होती है. वर्तमान में जो शिक्षक वहां पढ़ा रहे हैं उन्हें भी सोचने की जरूरत है कि किस तरह की पढ़ाई वो बच्चों को दे रहे हैं.
सिर्फ शिक्षण कार्य में अपना ध्यान दें शिक्षक
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान शिक्षकों को आउटकम पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई का पैमाना पैकेज हो गया है. हममें से कितने लोग अपने बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहते हैं यह महत्वपूर्ण है. उन्होंने शिक्षक नेताओं की मांग पर कहा कि स्कूलों में काम कर रहे नियोजित शिक्षकों की समस्याओं पर हम ध्यान जरूर देंगे और शिक्षकों की कानूनी रूप से जायज सभी समस्याओं को दूर करेंगे. लेकिन शिक्षकों को भी सिर्फ शिक्षण कार्य में अपना ध्यान देना चाहिए.
यह भी पढ़ें:- तारकिशोर प्रसाद पर भड़के विधानसभा अध्यक्ष, कहा- उपमुख्यमंत्री जी अपना तेवर विभाग में भी दिखाइए
शिक्षा मंत्री की घोषणा पर विपक्ष ने खड़े किए सवाल
शिक्षा मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान यह कहा की बिहार में प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई अब क्षेत्रीय भाषा में होगी. इससे मैथिली, भोजपुरी, मगही समेत तमाम क्षेत्रीय भाषा में बच्चे आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. हालांकि शिक्षा मंत्री की इस घोषणा पर विपक्ष के नेताओं ने सवाल खड़े किए. उनका कहना है कि यह तो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है कि प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषा में होगी और इसका श्रेय सरकार खुद लेना चाहती है.