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न सत्ता न विपक्ष की भूमिका में है लोजपा, फिर भी हो रही चर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जो संकल्प लिया था उसे पूरा करने में वह कहीं ना कहीं कामयाब हुई. जदयू का भी मानना है कि लोजपा की वजह से काफी सीटों पर नुकसान हुआ. लोजपा अभी भी केंद्र सरकार में भागीदार है. जदयू की तरफ से भाजपा पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि लोजपा को केंद्र से हटाया जाए.

Chirag paswan
लोजपा नेता चिराग पासवान
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Published : Dec 31, 2020, 9:27 PM IST

पटना: लोजपा न सत्ता में है और न विपक्ष की भूमिका में. फिर भी इन दिनों चर्चा में है. बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा की करारी हार के बाद पार्टी के नेता बिहार की राजनीति से दूर हो गए हैं. हालांकि लोजपा को लेकर एनडीए में विवाद जारी है.

केंद्र सरकार में भागीदार है लोजपा
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा की मुहिम से जेडीयू को बड़ा झटका लगा था. जदयू महज 43 सीटों पर सिमट गया था. भाजपा के नेताओं का मानना है कि लोजपा चुनाव में साथ होती तो परिणाम कुछ और होते. अकेले चुनाव लड़ने से लोजपा की करारी हार हुई. हालांकि लोजपा अभी भी केंद्र कि सरकार में भागीदार है. भविष्य में लोजपा केंद्र सरकार में शामिल रहेगी या नहीं इसपर भाजपा के नेता बोलने को तैयार नहीं हैं.

देखें रिपोर्ट

"लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जीवित होते तो लोजपा कभी भी अलग होकर चुनाव नहीं लड़ती. रामविलास पासवान के संबंध बिहार भाजपा और केंद्र के साथ-साथ नीतीश कुमार से भी अच्छे थे."-प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

Prem ranjan patel
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल

लोजपा के चलते जदयू को हुआ नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जो संकल्प लिया था उसे पूरा करने में वह कहीं ना कहीं कामयाब हुई. जदयू का भी मानना है कि लोजपा की वजह से काफी सीटों पर नुकसान हुआ. जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केसी त्यागी ने माना था कि लोजपा को अलग चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा था कि लोजपा अपने एजेंडों के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही थी.

"बिहार में लोजपा एनडीए का पार्ट नहीं है. इसके चलते इन बातों पर मंथन करने की जरूरत नहीं है."- अजय आलोक, जदयू प्रवक्ता

लोजपा ने सरकार को दिया 6 माह का मौका
लोजपा का कहना है कि उसने चुनाव 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' के नाम पर लड़ा.

"फिलहाल सभी कमेटियां भंग कर दी गई हैं. नए साल में नए अवतार के साथ लोजपा फिर से खड़ा होकर अगले चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी. लोजपा ने तय किया है कि अगले 6 महीने तक बिहार सरकार की कार्यशैली पर किसी प्रकार की कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जाएगी. सरकार को 6 महीने का मौका मिलना चाहिए."- राकेश भट्ट, प्रवक्ता, लोजपा

LJP Rakesh Batt
लोजपा प्रवक्ता राकेश भट्ट

गौरतलब है कि लोजपा नेता चिराग पासवान ने पहले ही कह दिया है कि बिहार में विधानसभा चुनाव जल्द होगा. वहीं, जदयू की तरफ से भाजपा पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि लोजपा को केंद्र से हटाया जाए. फिलहाल भाजपा लोजपा को लेकर उहापोह की स्थिति में दिख रही है.

पटना: लोजपा न सत्ता में है और न विपक्ष की भूमिका में. फिर भी इन दिनों चर्चा में है. बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा की करारी हार के बाद पार्टी के नेता बिहार की राजनीति से दूर हो गए हैं. हालांकि लोजपा को लेकर एनडीए में विवाद जारी है.

केंद्र सरकार में भागीदार है लोजपा
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा की मुहिम से जेडीयू को बड़ा झटका लगा था. जदयू महज 43 सीटों पर सिमट गया था. भाजपा के नेताओं का मानना है कि लोजपा चुनाव में साथ होती तो परिणाम कुछ और होते. अकेले चुनाव लड़ने से लोजपा की करारी हार हुई. हालांकि लोजपा अभी भी केंद्र कि सरकार में भागीदार है. भविष्य में लोजपा केंद्र सरकार में शामिल रहेगी या नहीं इसपर भाजपा के नेता बोलने को तैयार नहीं हैं.

देखें रिपोर्ट

"लोजपा के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जीवित होते तो लोजपा कभी भी अलग होकर चुनाव नहीं लड़ती. रामविलास पासवान के संबंध बिहार भाजपा और केंद्र के साथ-साथ नीतीश कुमार से भी अच्छे थे."-प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता

Prem ranjan patel
भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल

लोजपा के चलते जदयू को हुआ नुकसान
बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा ने जो संकल्प लिया था उसे पूरा करने में वह कहीं ना कहीं कामयाब हुई. जदयू का भी मानना है कि लोजपा की वजह से काफी सीटों पर नुकसान हुआ. जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केसी त्यागी ने माना था कि लोजपा को अलग चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा था कि लोजपा अपने एजेंडों के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही थी.

"बिहार में लोजपा एनडीए का पार्ट नहीं है. इसके चलते इन बातों पर मंथन करने की जरूरत नहीं है."- अजय आलोक, जदयू प्रवक्ता

लोजपा ने सरकार को दिया 6 माह का मौका
लोजपा का कहना है कि उसने चुनाव 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' के नाम पर लड़ा.

"फिलहाल सभी कमेटियां भंग कर दी गई हैं. नए साल में नए अवतार के साथ लोजपा फिर से खड़ा होकर अगले चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी. लोजपा ने तय किया है कि अगले 6 महीने तक बिहार सरकार की कार्यशैली पर किसी प्रकार की कोई टीका-टिप्पणी नहीं की जाएगी. सरकार को 6 महीने का मौका मिलना चाहिए."- राकेश भट्ट, प्रवक्ता, लोजपा

LJP Rakesh Batt
लोजपा प्रवक्ता राकेश भट्ट

गौरतलब है कि लोजपा नेता चिराग पासवान ने पहले ही कह दिया है कि बिहार में विधानसभा चुनाव जल्द होगा. वहीं, जदयू की तरफ से भाजपा पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि लोजपा को केंद्र से हटाया जाए. फिलहाल भाजपा लोजपा को लेकर उहापोह की स्थिति में दिख रही है.

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