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पटना: संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा बल के जवान बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को देंगे ट्रेनिंग

बिहार में संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा बल के जवान बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों के लोगों को ट्रेनिंग देंगे. 10 जून से आपदा बल के जवानों को जिलों में तैनात करने की योजना बनाई गई है.

flood prone areas in bihar
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Published : Jun 7, 2021, 10:26 PM IST

पटना: संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा विभाग ने कमर कस रखी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के साथ-साथ संभावित बाढ़ के खतरे से बचाओ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: शर्मनाक तस्वीर: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में ठेले पर ढोए जा रहे शव

गांव और पंचायतों की रेकी
बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ आ जाए तो, लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सुविधा हो और सामुदायिक संक्रमण को रोका जा सके, इसके लिए 15 जून से संभावित बाढ़ ग्रस्त जिलों के गांव और पंचायतों की रेकी आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा.

जलस्तर में भी काफी वृद्धि
मौसम विज्ञान के अनुसार बिहार में 15 जून से मॉनसून प्रारंभ होगा. पटना में गंगा के जलस्तर में भी काफी वृद्धि हो रही है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ की तैयारियों को लेकर आज समीक्षा बैठक करेंगे. बता दें कि पिछले 15 दिनों में बाढ़ को लेकर यह तीसरी बैठक होगी. मुख्यमंत्री ने पहले भी बाढ़ की तैयारी को लेकर जल संसाधन विभाग और आपदा विभाग सहित कई विभागों को निर्देश दिया था.

देखें वीडियो

लोगों को किया जायेगा जागरूक
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिन जिलों के इलाकों में पानी भरता है, उन इलाकों में आपदा बल एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान आम लोगों को जागरूक करेंगे. इसके अलावा कोरोना काल के मद्देनजर संभावित बाढ़ को लेकर कैसे आम लोगों को बचाव करना है, यह सब जानकारियां उन्हें दी जाएंगी.


आपदा टीम की तैनाती
इसके लिए आपदा विभाग ने 10 जून से आपदा बल के जवानों को जिलों में तैनात करने की योजना बनाई है. पहले के वर्षों में जिन निचले इलाकों में पानी भरता था, उन इलाकों को चिन्हित कर आपदा टीम की तैनाती की जाएगी.

संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि प्रभावित इलाकों की अगर पहले से उन्हें जानकारी होगी कि इस गांव में कितनी लोगों की आबादी है, कितनी गर्भवती महिला हैं, कितने बुजुर्ग हैं, तो उस आधार पर टीम त्वरित कार्रवाई करेगी.

सूचना इकट्ठा करने का निर्देश
आपदा बल के जवान को रेकी के दौरान गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे समेत बेबस और बेसहारों की सूचना इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. इससे राहत बचाव कार्य के समय आपदा बल को मालूम रहेगा कि उस गांव और इलाके में कितने लोग हैं और उन व्यक्तियों को पहले निकाल सकेंगे.

पटना: संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा विभाग ने कमर कस रखी है. आपदा प्रबंधन विभाग ने कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के साथ-साथ संभावित बाढ़ के खतरे से बचाओ को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है.

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गांव और पंचायतों की रेकी
बाढ़ प्रभावित जिलों में बाढ़ आ जाए तो, लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में सुविधा हो और सामुदायिक संक्रमण को रोका जा सके, इसके लिए 15 जून से संभावित बाढ़ ग्रस्त जिलों के गांव और पंचायतों की रेकी आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किया जाएगा.

जलस्तर में भी काफी वृद्धि
मौसम विज्ञान के अनुसार बिहार में 15 जून से मॉनसून प्रारंभ होगा. पटना में गंगा के जलस्तर में भी काफी वृद्धि हो रही है. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ की तैयारियों को लेकर आज समीक्षा बैठक करेंगे. बता दें कि पिछले 15 दिनों में बाढ़ को लेकर यह तीसरी बैठक होगी. मुख्यमंत्री ने पहले भी बाढ़ की तैयारी को लेकर जल संसाधन विभाग और आपदा विभाग सहित कई विभागों को निर्देश दिया था.

देखें वीडियो

लोगों को किया जायेगा जागरूक
आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित जिन जिलों के इलाकों में पानी भरता है, उन इलाकों में आपदा बल एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान आम लोगों को जागरूक करेंगे. इसके अलावा कोरोना काल के मद्देनजर संभावित बाढ़ को लेकर कैसे आम लोगों को बचाव करना है, यह सब जानकारियां उन्हें दी जाएंगी.


आपदा टीम की तैनाती
इसके लिए आपदा विभाग ने 10 जून से आपदा बल के जवानों को जिलों में तैनात करने की योजना बनाई है. पहले के वर्षों में जिन निचले इलाकों में पानी भरता था, उन इलाकों को चिन्हित कर आपदा टीम की तैनाती की जाएगी.

संभावित बाढ़ के मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग का मानना है कि प्रभावित इलाकों की अगर पहले से उन्हें जानकारी होगी कि इस गांव में कितनी लोगों की आबादी है, कितनी गर्भवती महिला हैं, कितने बुजुर्ग हैं, तो उस आधार पर टीम त्वरित कार्रवाई करेगी.

सूचना इकट्ठा करने का निर्देश
आपदा बल के जवान को रेकी के दौरान गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे समेत बेबस और बेसहारों की सूचना इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. इससे राहत बचाव कार्य के समय आपदा बल को मालूम रहेगा कि उस गांव और इलाके में कितने लोग हैं और उन व्यक्तियों को पहले निकाल सकेंगे.

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