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पटना: कोरोना से मौत के बाद अनुदान राशि देने से आपदा विभाग कर रहा आनाकानी

कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इससे मौतें भी हो रही हैं. कोरोना से होने वाली मौत पर मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जाते हैं. लेकिन यह राशि मिलने में पेरशानी हो रही है.

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Published : May 15, 2021, 8:16 AM IST

पटना: राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक अब तक बिहार में कुल 3593 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. साल 2020 के 31 दिसंबर तक करीबन 1200 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी. वहीं, साल 2021 में अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार लगभग 2400 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है.

राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि कोरोना से होने वाली मौत पर मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जायेंगे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष तक जितने लोगों की मृत्यु करोना से हुई थी, सरकार की ओर से अनुदान के रूप में 4-4 लाख रुपये दिये गये.

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मुआवजा मिलने में परेशानी
विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार पटना में ज्यादातर कोविड से मरने वाले लोग दूसरे जिले से आकर इलाज करवा रहे थे. जिस वजह से कोरोना से मरने की पुष्टि के अलावा कई चीजों की पुष्टि कराई जाती है. जिसके बाद अगर वह पटना जिला का रहने वाला होता है तो उस मृतक के पैसे पटना जिले से दिया जाता है अगर वह दूसरे जिले का होता है तो वहां राशि भेज दी जाती है.

पटना जिला आपदा प्रबंधन के अनुसार पटना में अब तक जितने भी कोरोना से मरने वाले लोगों की सूची आई है. उनमें ज्यादातर लोग दूसरे जिले के हैं. अगर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हुई है तो अंतिम संस्कार भी यही होता है. जांच के बाद पता चलता है कि वह दूसरे जिले का है तो उस जिले को पैसा आवंटन कराया जाता है. यह एक लंबी प्रक्रिया है.

ये भी पढ़ें- जमुई: लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर दुकान सील, एसएचओ ने की कार्रवाई

आपदा मंत्री को कुछ नहीं है जानकारी
आपदा विभाग की मंत्री और बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को भी जानकारी नहीं है कि अब तक कितने लोगों को मुआवजे की राशि मिली है. उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी प्राप्त होते ही वे ईटीवी भारत से साझा करेंगी.

वहीं आपदा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी इस बात को टाल दिया. उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि अब तक कुल कितने लोगों को राज्य सरकार से अनुदान मिला है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय को होगी.

विभाग को नहीं है पता कितने लोगों को मिला मुआवजा
विभाग को नहीं है पता कितने लोगों को मिला मुआवजा

ये भी पढ़ें- बिहार में लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण की दर में 8 प्रतिशत तक की गिरावट

कोरोना से 1020 लोगों की मौत
मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक 1020 लोगों की पटना में करोना से मौत हो चुकी है. जिनमे से 361 परिवारों को अनुग्रह अनुदान राशि मिली है. पटना आपदा प्रबंधन से मिल रही जानकारी के अनुसार पहले वेव से लेकर दूसरे वेव में अब तक कोरोना से मरने वाले 433 लोगों की सूची आई है. जिसमे 361 लोगों को अनुदान राशि मिल चुकी है. 39 लोगों का पैसा आया है. वेरिफिकेशन के बाद उन्हें सौंप दिया जाएगा.

कोरोना से मौत के बाद मिलता है मुआवजा राशि
कोरोना से मौत के बाद मिलता है मुआवजा राशि
विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार 600 लोगों से अधिक की सूची अभी नहीं आई है. इनमें बिहार के अन्य जिलों के मृतकों का नाम भी शामिल है. वरीय अधिकारी की जांच के बाद उसे कोविड पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. उसके बाद आपदा विभाग को दिया जाता है. उसी आधार पर मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हें राशि जारी होती है.

पटना: राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक अब तक बिहार में कुल 3593 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है. साल 2020 के 31 दिसंबर तक करीबन 1200 लोगों की मौत कोरोना से हुई थी. वहीं, साल 2021 में अब तक मिल रही जानकारी के अनुसार लगभग 2400 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो चुकी है.

राज्य सरकार ने निर्णय लिया था कि कोरोना से होने वाली मौत पर मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर दिये जायेंगे. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष तक जितने लोगों की मृत्यु करोना से हुई थी, सरकार की ओर से अनुदान के रूप में 4-4 लाख रुपये दिये गये.

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मुआवजा मिलने में परेशानी
विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार पटना में ज्यादातर कोविड से मरने वाले लोग दूसरे जिले से आकर इलाज करवा रहे थे. जिस वजह से कोरोना से मरने की पुष्टि के अलावा कई चीजों की पुष्टि कराई जाती है. जिसके बाद अगर वह पटना जिला का रहने वाला होता है तो उस मृतक के पैसे पटना जिले से दिया जाता है अगर वह दूसरे जिले का होता है तो वहां राशि भेज दी जाती है.

पटना जिला आपदा प्रबंधन के अनुसार पटना में अब तक जितने भी कोरोना से मरने वाले लोगों की सूची आई है. उनमें ज्यादातर लोग दूसरे जिले के हैं. अगर इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हुई है तो अंतिम संस्कार भी यही होता है. जांच के बाद पता चलता है कि वह दूसरे जिले का है तो उस जिले को पैसा आवंटन कराया जाता है. यह एक लंबी प्रक्रिया है.

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आपदा मंत्री को कुछ नहीं है जानकारी
आपदा विभाग की मंत्री और बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को भी जानकारी नहीं है कि अब तक कितने लोगों को मुआवजे की राशि मिली है. उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी प्राप्त होते ही वे ईटीवी भारत से साझा करेंगी.

वहीं आपदा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने भी इस बात को टाल दिया. उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि अब तक कुल कितने लोगों को राज्य सरकार से अनुदान मिला है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय को होगी.

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कोरोना से 1020 लोगों की मौत
मिल रही जानकारी के अनुसार अब तक 1020 लोगों की पटना में करोना से मौत हो चुकी है. जिनमे से 361 परिवारों को अनुग्रह अनुदान राशि मिली है. पटना आपदा प्रबंधन से मिल रही जानकारी के अनुसार पहले वेव से लेकर दूसरे वेव में अब तक कोरोना से मरने वाले 433 लोगों की सूची आई है. जिसमे 361 लोगों को अनुदान राशि मिल चुकी है. 39 लोगों का पैसा आया है. वेरिफिकेशन के बाद उन्हें सौंप दिया जाएगा.

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विभाग द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार 600 लोगों से अधिक की सूची अभी नहीं आई है. इनमें बिहार के अन्य जिलों के मृतकों का नाम भी शामिल है. वरीय अधिकारी की जांच के बाद उसे कोविड पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. उसके बाद आपदा विभाग को दिया जाता है. उसी आधार पर मुख्यमंत्री राहत कोष से उन्हें राशि जारी होती है.
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