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सरकार किसान आंदोलन को दबाने की हो रही साजिश: दीपांकर भट्टाचार्य

भाकपा माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलरत किसानों की गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में टैक्टर रैली में हुई हिंसा पर सरकार छिटपुट घटना की आड़ में किसान आंदोलन को दबाने की साजिश कर रही है.

भाकपा माले
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Published : Jan 30, 2021, 2:06 AM IST

Updated : Jan 30, 2021, 6:42 AM IST

पटना: भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की छिटपुट घटनाओं की आड़ में सरकार किसान आंदोलन को दबाने की साजिश कर रही है. मोदी सरकार के राज में देखा गया है कि जब जब कोई बड़े आंदोलन होते हैं तो सरकार उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश करती है. उससे भी काम नहीं चलता तो फर्जी वीडियो और भी कई तरह के हथकंडे अपनाती है.

दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य

'26 जनवरी की घटना भाजपा सरकार के गुंडों ने करवाया था और सारा तिगड़ा किसानों पर फोड़ा गया, लेकिन अब देश के किसान डरने वाले नहीं बल्कि आंदोलन को और तेज करने वाले हैं.'- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा माले

पूरे देश के किसान अब जागरूक हो चुके हैं और समझ चुके हैं कि सरकार किसान आंदोलन को दबाने का पूरा प्रयास कर रही है. देश के किसान अब डरने वाले नहीं बल्कि और दृढ़ संकल्पित हो चुके हैं. चाहे जो हो जाए किसान पीछे नहीं हटेंगे और इस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाकर तीनों कृषि विरोधी काले कानून को रद्द करवा कर ही मानेंगे. बिहार में भी आंदोलन को तेज करने के लिए किसान लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

पढ़ें: तिरंगे का अपमान कराने वालों के साथ नहीं बिहार, फ्लॉप होगी मानव श्रृंखला : सुशील मोदी

सरकार पर दबाव बनाने के लिए और आंदोलन को गति देने के लिए पूरे बिहार में महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर बिहार में मानव श्रृंखला बनाया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि हम एनडीए राजनीतिक दलों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि किसान आंदोलन के समर्थन में वह 30 मिनट मानव श्रृंखला में भाग लें और आंदोलन को मजबूत करें. यह आंदोलन अब केवल किसानों का नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का है. यह आंदोलन अब रुकेगा नहीं बल्कि आगे और तेज होता जाएगा.

पटना: भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी की छिटपुट घटनाओं की आड़ में सरकार किसान आंदोलन को दबाने की साजिश कर रही है. मोदी सरकार के राज में देखा गया है कि जब जब कोई बड़े आंदोलन होते हैं तो सरकार उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश करती है. उससे भी काम नहीं चलता तो फर्जी वीडियो और भी कई तरह के हथकंडे अपनाती है.

दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य

'26 जनवरी की घटना भाजपा सरकार के गुंडों ने करवाया था और सारा तिगड़ा किसानों पर फोड़ा गया, लेकिन अब देश के किसान डरने वाले नहीं बल्कि आंदोलन को और तेज करने वाले हैं.'- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, भाकपा माले

पूरे देश के किसान अब जागरूक हो चुके हैं और समझ चुके हैं कि सरकार किसान आंदोलन को दबाने का पूरा प्रयास कर रही है. देश के किसान अब डरने वाले नहीं बल्कि और दृढ़ संकल्पित हो चुके हैं. चाहे जो हो जाए किसान पीछे नहीं हटेंगे और इस आंदोलन को अंजाम तक पहुंचाकर तीनों कृषि विरोधी काले कानून को रद्द करवा कर ही मानेंगे. बिहार में भी आंदोलन को तेज करने के लिए किसान लगातार कार्यक्रम कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

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सरकार पर दबाव बनाने के लिए और आंदोलन को गति देने के लिए पूरे बिहार में महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर बिहार में मानव श्रृंखला बनाया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि हम एनडीए राजनीतिक दलों, मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि किसान आंदोलन के समर्थन में वह 30 मिनट मानव श्रृंखला में भाग लें और आंदोलन को मजबूत करें. यह आंदोलन अब केवल किसानों का नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक का है. यह आंदोलन अब रुकेगा नहीं बल्कि आगे और तेज होता जाएगा.

Last Updated : Jan 30, 2021, 6:42 AM IST
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