पटना: सीपीआई माले (CPI ML) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य (Dipankar Bhattacharya) ने जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के मुद्दे को लेकर बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एक तरफ उनके नेता कानून बनाने की वकालत करते हैं, वहीं दूसरी तरफ आरएसएस (RSS) के लोग हिंदुओं से जनसंख्या बढ़ाने की अपील करते हैं.
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दीपांकर भट्टाचार्य ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बीजेपी के नेता कानून लाने की बात कर रहे है लेकिन हम कहते हैं कि अभी देश के लिए ये जरूरी नहीं है, क्योंकि प्रजनन दर कम हुआ है.
सीपीआई माले नेता ने कहा कि मानव बल भी राष्ट्र की पूंजी है. ऐसे में जरूरत है लोगों को शिक्षित करना और उन्हें रोजगार देना. उन्होंने कहा कि चीन की जनसंख्या हमारे देश से अधिक है, फिर भी बेरोजगारी नहीं है. वहां संसाधन बढ़ाये गए हैं, जिस वजह से लोग खुशहाल हैं. हमें भी उनसे सीखने की जरूरत है.
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के नेता जनसंख्या नियंत्रण पर आज कल काफी कुछ बोल रहे हैं. पंचायत चुनाव के लिए भी कह रहे हैं कि जिन्हें दो बच्चे हैं, वे ही चुनाव लड़ेंगे. लिहाजा में कहना चाहूंगा कि पहले बीजेपी के लोगों को अपनी पार्टी के नेताओं के परिवार में लोगों की संख्या बतानी चाहिए.
"पहले बीजेपी को अपने नेताओं के परिवारों की संख्या सार्वजनिक करनी चाहिए. जिनके पास दो से अधिक बच्चे हैं, उनको विधायक और सांसद पद से इस्तीफा दिलवाना चाहिए"- दीपांकर भट्टाचार्य, महासचिव, सीपीआई माले
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दीपांकर भट्टाचार्य ने तंजिया लहजे में कहा कि एक तरफ तो बीजेपी के नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ आरएसएस के लोग हिंदुओं से जनसंख्या बढ़ाने की अपील करते हैं. पता नहीं ये किस तरह की राजनीति है.
इस दौरान सीपीआई माले महासचिव ने कहा कि ओबीसी बिल (OBC Bill) को लेकर जिस तरह से बीजेपी राजनीति कर रही है, वह गलत है क्योंकि केवल बीजेपी ही नहीं, बाकी दल भी इसकी मांग कर रहे थे.
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वहीं, जातीय जनगणना (Caste Census) पर दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि निश्चित तौर पर जब तक जातीय आंकड़े सामने नहीं आते है, तबतक समाज के पिछड़े लोगों को उसका हक नहीं मिल सकता है. लिहाजा जरूरी है कि जातीय जनगणना हो. साथ ही लोगों की आर्थिक स्थिति का भी सही-सही आकलन हो.