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NPR पर जेडीयू में अलग-अलग राय, नीतीश कुमार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

जेडीयू में विवादित मुद्दों पर लगातार हो रही खेमेबाजी से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ रही हैं. विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और नीतीश कुमार फिलहाल हर हाल में बीजेपी के साथ कदम ताल करना चाह रहे हैं.

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Published : Jan 6, 2020, 8:07 PM IST

पटना: जेडीयू और बीजेपी में कई बार विवादित मुद्दों पर जेडीयू का अलग स्टैंड रहा है. केंद्र में बीजेपी की बहुमत की सरकार बनने के बाद से और बिहार में कई मुद्दों पर नीतीश कुमार की राय बदलती रही है. आर्टिकल 370, तीन तालाक या फिर नागरिकता संशोधन कानून के बाद एनपीआर का मामला हो. सीएम नीतीश कुमार की राय लगातार बदलती दिखी.

हालांकि, जेडीयू मंत्री श्याम रजक ने इसपर विरोध भी जाहिर किया था. लेकिन, बिहार सरकार दिसंबर में ही एनपीआर का नोटिस जारी कर चुकी है. बता दें कि केंद्रीय नेता पवन वर्मा ने इसके विरोध में सीएम नीतीश कुमार को चिठ्ठी भी लिखी. वहीं, पार्टी की राय के बाद जेडीयू मंत्री श्याम रजक के सुर बदले नजर आए. उन्होंने कहा कि पवन वर्मा की चिठ्ठी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. श्याम रजक ने ये भी कहा कि वे नीतीश कुमार के साथ हैं.

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जेडीयू दफ्तर

नीतीश कुमार एनपीआर पर नरेंद्र मोदी के साथ
सीएए की तरह एनपीआर पर भी नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आधिकारिक रूप से पार्टी का फैसला यही है कि एनपीआर के साथ जेडीयू खड़ी है. उन्होंने कहा कि खुद गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इसके डेटा का प्रयोग एनआरसी में नहीं होगा.

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जेडीयू मंत्री श्याम रजक

पार्टी नेताओं के विरोध के बाद नीतीश की चुप्पी
पार्टी में विवादित मुद्दों पर लगातार हो रही खेमेबाजी से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ रही है. विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और नीतीश कुमार फिलहाल हर हाल में बीजेपी के साथ कदम ताल करना चाह रहे हैं. ऐसे में देखना है कि विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ नीतीश कुमार कोई कार्रवाई भी करते हैं या चुप्पी साधे रहते हैं.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

JDU नरेन्द्र मोदी के साथ
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर भी जेडीयू में खेमेबाजी शुरू हो गई है. पहले नागरिकता संशोधन को लेकर प्रशांत किशोर ने विरोध का बिगुल फूंका था और कई अल्पसंख्यक नेताओं ने भी नाराजगी जताई थी. अब एनपीआर को लेकर पहले श्याम रजक ने अपना विरोध जताया था और पवन वर्मा ने भी विरोध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन, एनपीआर को लेकर भी पार्टी पूरी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है.

पटना: जेडीयू और बीजेपी में कई बार विवादित मुद्दों पर जेडीयू का अलग स्टैंड रहा है. केंद्र में बीजेपी की बहुमत की सरकार बनने के बाद से और बिहार में कई मुद्दों पर नीतीश कुमार की राय बदलती रही है. आर्टिकल 370, तीन तालाक या फिर नागरिकता संशोधन कानून के बाद एनपीआर का मामला हो. सीएम नीतीश कुमार की राय लगातार बदलती दिखी.

हालांकि, जेडीयू मंत्री श्याम रजक ने इसपर विरोध भी जाहिर किया था. लेकिन, बिहार सरकार दिसंबर में ही एनपीआर का नोटिस जारी कर चुकी है. बता दें कि केंद्रीय नेता पवन वर्मा ने इसके विरोध में सीएम नीतीश कुमार को चिठ्ठी भी लिखी. वहीं, पार्टी की राय के बाद जेडीयू मंत्री श्याम रजक के सुर बदले नजर आए. उन्होंने कहा कि पवन वर्मा की चिठ्ठी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. श्याम रजक ने ये भी कहा कि वे नीतीश कुमार के साथ हैं.

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जेडीयू दफ्तर

नीतीश कुमार एनपीआर पर नरेंद्र मोदी के साथ
सीएए की तरह एनपीआर पर भी नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आधिकारिक रूप से पार्टी का फैसला यही है कि एनपीआर के साथ जेडीयू खड़ी है. उन्होंने कहा कि खुद गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इसके डेटा का प्रयोग एनआरसी में नहीं होगा.

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जेडीयू मंत्री श्याम रजक

पार्टी नेताओं के विरोध के बाद नीतीश की चुप्पी
पार्टी में विवादित मुद्दों पर लगातार हो रही खेमेबाजी से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ रही है. विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और नीतीश कुमार फिलहाल हर हाल में बीजेपी के साथ कदम ताल करना चाह रहे हैं. ऐसे में देखना है कि विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ नीतीश कुमार कोई कार्रवाई भी करते हैं या चुप्पी साधे रहते हैं.

पटना से अविनाश की रिपोर्ट

JDU नरेन्द्र मोदी के साथ
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर भी जेडीयू में खेमेबाजी शुरू हो गई है. पहले नागरिकता संशोधन को लेकर प्रशांत किशोर ने विरोध का बिगुल फूंका था और कई अल्पसंख्यक नेताओं ने भी नाराजगी जताई थी. अब एनपीआर को लेकर पहले श्याम रजक ने अपना विरोध जताया था और पवन वर्मा ने भी विरोध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन, एनपीआर को लेकर भी पार्टी पूरी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है.

Intro:पटना-- नागरिकता संशोधन कानून के बाद नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर भी जदयू में खेमेंबाजी शुरू हो गई है। पहले नागरिकता संशोधन को लेकर प्रशांत किशोर ने विरोध का बिगुल फूंका था और कई अल्पसंख्यक नेताओं ने भी नाराजगी जताई थी और अब एनपीआर को लेकर पहले श्याम रजक ने अपना विरोध जताया और पवन वर्मा ने भी विरोध में मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखा। लेकिन एनपीआर को लेकर भी पार्टी पूरी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है।
पेश है खास रिपोर्ट---


Body:नीतीश कुमार एनपीआर पर नरेंद्र मोदी के साथ ---
विवादित मुद्दों पर भी जदयू में एक राय नहीं बन पा रही है पहले सीएए को लेकर पार्टी में विरोध साफ दिखा था और अब एनपीआर को लेकर पार्टी एक साथ नहीं दिख रही। सीएए की तरह एनपीआर पर भी नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं ।पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है अधिकारिक रूप से पार्टी का फैसला यही है कि एनपीआर के साथ जदयू है और खुद गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि इसके डाटा का प्रयोग एनआरसी में नहीं होगा कुछ लोगों के विरोध पर राजीव रंजन बोलने से बचते हैं।
बाईट--राजीव रंजन, प्रवक्ता, जदयू
श्याम रजक की नाराजगी भी नहीं हो रही कम---
पार्टी के फैसले के बाद एनपीआर का सबसे पहले विरोध करने वाले जदयू के वरिष्ठ नेता श्याम रजक के सुर भी अब बदले बदले से हैं । हालांकि नाराजगी अभी भी खत्म नहीं हुई है यहां तक कि केंद्रीय नेता पवन वर्मा के चिट्ठी लिखने की जानकारी होने से भी इंकार कर रहे हैं।
बाईट--श्याम रजक, जदयू वरिष्ठ नेता और उद्योग मंत्री


Conclusion:पार्टी नेताओं के विरोध के बाद भी नीतीश की चुप्पी---
पार्टी में विवादित मुद्दों पर लगातार हो रही खेमेबाजी से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ रही है । विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और नीतीश कुमार फिलहाल हर हाल में बीजेपी के साथ कदम ताल करना चाह रहे हैं ऐसे में देखना है विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ नीतीश कोई कार्रवाई भी करते हैं या चुप्पी साधे रहते हैं।
अविनाश, पटना।
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