पटना: जेडीयू और बीजेपी में कई बार विवादित मुद्दों पर जेडीयू का अलग स्टैंड रहा है. केंद्र में बीजेपी की बहुमत की सरकार बनने के बाद से और बिहार में कई मुद्दों पर नीतीश कुमार की राय बदलती रही है. आर्टिकल 370, तीन तालाक या फिर नागरिकता संशोधन कानून के बाद एनपीआर का मामला हो. सीएम नीतीश कुमार की राय लगातार बदलती दिखी.
हालांकि, जेडीयू मंत्री श्याम रजक ने इसपर विरोध भी जाहिर किया था. लेकिन, बिहार सरकार दिसंबर में ही एनपीआर का नोटिस जारी कर चुकी है. बता दें कि केंद्रीय नेता पवन वर्मा ने इसके विरोध में सीएम नीतीश कुमार को चिठ्ठी भी लिखी. वहीं, पार्टी की राय के बाद जेडीयू मंत्री श्याम रजक के सुर बदले नजर आए. उन्होंने कहा कि पवन वर्मा की चिठ्ठी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. श्याम रजक ने ये भी कहा कि वे नीतीश कुमार के साथ हैं.
नीतीश कुमार एनपीआर पर नरेंद्र मोदी के साथ
सीएए की तरह एनपीआर पर भी नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी के साथ खड़े हैं. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि आधिकारिक रूप से पार्टी का फैसला यही है कि एनपीआर के साथ जेडीयू खड़ी है. उन्होंने कहा कि खुद गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा कि इसके डेटा का प्रयोग एनआरसी में नहीं होगा.
पार्टी नेताओं के विरोध के बाद नीतीश की चुप्पी
पार्टी में विवादित मुद्दों पर लगातार हो रही खेमेबाजी से नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ रही है. विधानसभा का चुनाव इसी साल होना है और नीतीश कुमार फिलहाल हर हाल में बीजेपी के साथ कदम ताल करना चाह रहे हैं. ऐसे में देखना है कि विरोध करने वाले नेताओं के खिलाफ नीतीश कुमार कोई कार्रवाई भी करते हैं या चुप्पी साधे रहते हैं.
JDU नरेन्द्र मोदी के साथ
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के बाद नेशनल पापुलेशन रजिस्टर को लेकर भी जेडीयू में खेमेबाजी शुरू हो गई है. पहले नागरिकता संशोधन को लेकर प्रशांत किशोर ने विरोध का बिगुल फूंका था और कई अल्पसंख्यक नेताओं ने भी नाराजगी जताई थी. अब एनपीआर को लेकर पहले श्याम रजक ने अपना विरोध जताया था और पवन वर्मा ने भी विरोध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा. लेकिन, एनपीआर को लेकर भी पार्टी पूरी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है.