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Cyber Crime: क्या आप भी हुए हैं साइबर ठगी के शिकार, तो 1930 पर कीजिए शिकायत, तुरंत होगी कार्रवाई

बिहार में साइबर ठगी की शिकायत के लिए डायल 1930 हेल्पलाइन जारी किया गया है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया की यदि किसी के साथ साइबर ठगी की घटना होती है तो उन्हें चितिंत होने की जरुरत नहीं है, उन्हें तुरंत इसकी शिकायत डायल 1930 पर करनी है. उन्होंने बताया कि वो जितनी जल्दी शिकायत करेंगे. उतनी जल्दी कार्रवाई की जाएगी.

एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार
एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार
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Published : Apr 10, 2023, 5:54 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 6:16 PM IST

साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी

पटना: बिहार में साइबर ठगी (Cyber Fraud In Bihar) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आई है और कॉल सेंटर बनाया गया है. कॉल सेंटर के जरिए ठगी के शिकार लोग अपनी शिकायत दर्ज करा कर समस्या का निदान करा सकते हैं. पुलिस मुख्यालय ने बाकायदा कॉल सेंटर नंबर भी जारी कर दिया है. अगर आप ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं और ऑनलाइन आपके अकाउंट से पैसा निकाल लिया गया है, तो आपको चिंतित होने के बजाय हरकत में आने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बना बिहार, साल 2022 में 74 करोड़ रुपये की ठगी

साइबर ठगों से निपटेगी पुलिस: ठगी के शिकार होने के तुरंत बाद आपको कॉल सेंटर मैं फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराने चाहिए. पुलिस मुख्यालय ने 1930 कॉल सेंटर नंबर भी जारी कर दिया है. जितनी जल्द पीड़ित शिकायत करेंगे, उतनी ही आसानी आर्थिक अपराध इकाई को मामले को सुलझाने में होगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीएस गंगवार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई में कॉल सेंटर औपचारिक रूप से काम करने लगा है. 30 लोगों की टीम कॉल सेंटर पर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय ने बनाया हेल्पडेस्क: जीएस गंगवार ने बताया कि साइबर क्राइम को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई जारी है. प्रत्येक दिन 870 कॉल आते हैं. और लगातार साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई जारी है. मार्च में 3870 कंप्लेन आए हैं. अभी तक 176 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इस पोर्टल पर कंप्लेंट दर्ज कर आते ही सभी वित्तीय संगठन को उसकी सूचना ऑटोमेटिक चली जाती है. मार्च में दो करोड़ से अधिक राशि पब्लिक की जो साइबर अपराधियों ने उड़ाया था उसे फ्रीज कर दिया गया है.

"आजकल साइबर अपराधियों ने यूट्यूब लाइव के माध्यम से भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है. तत्काल सूचना देने पर लोगों के पैसे बचा लिए गए हैं. शेखपुरा जिला का एक मामला था, जिसमें ऑनलाइन फ्रॉड कर 32 लाख रुपए निकाल ली गई थी. जिसको हमने बरामद कर लिया. गोपालगंज में भी सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन के नाम पर 9 लाख 59 हजार की फर्जी निकासी की गई थी. जिसमें चार लाख के करीब राशि को बचाया गया. पटना और रोहतास में भी छह लाख का फर्जीवाड़ा किया गया था. जिसको साइबर हेल्पलाइन ने बचाया. साइबर में ज्यादा अपराधी दूसरे राज्य के हैं."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

ठगी के कई गिरोह हैं सक्रिय: नालंदा और सासाराम की घटना पर जांच चल रही है. जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. साजिश के मामले पर भी जांच चल रही है. आर्थिक अपराध इकाई और दोनों जिलों के पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. बिहार शरीफ हिंसा मामले को लेकर एडीजी ने कहा कि पुलिस तत्परता से कार्यवाही कर रही है. जांच में अभी तक पीएफआई का कोई एंगल नहीं आया है. बिहार शरीफ में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है और दो लोगों ने सरेंडर किए हैं. आपको बता दें कि ऑनलाइन खरीद बिक्री के बाद बिहार में साइबर ठगी के मामले में जबरदस्त इजाफा हुआ है. बिहार के अंदर साइबर ठगी के कई गिरोह सक्रिय है.

साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी

पटना: बिहार में साइबर ठगी (Cyber Fraud In Bihar) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर ठगी के मामलों में वृद्धि के बाद पुलिस मुख्यालय हरकत में आई है और कॉल सेंटर बनाया गया है. कॉल सेंटर के जरिए ठगी के शिकार लोग अपनी शिकायत दर्ज करा कर समस्या का निदान करा सकते हैं. पुलिस मुख्यालय ने बाकायदा कॉल सेंटर नंबर भी जारी कर दिया है. अगर आप ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए हैं और ऑनलाइन आपके अकाउंट से पैसा निकाल लिया गया है, तो आपको चिंतित होने के बजाय हरकत में आने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें- साइबर ठगी का हॉटस्पॉट बना बिहार, साल 2022 में 74 करोड़ रुपये की ठगी

साइबर ठगों से निपटेगी पुलिस: ठगी के शिकार होने के तुरंत बाद आपको कॉल सेंटर मैं फोन कर अपनी शिकायत दर्ज कराने चाहिए. पुलिस मुख्यालय ने 1930 कॉल सेंटर नंबर भी जारी कर दिया है. जितनी जल्द पीड़ित शिकायत करेंगे, उतनी ही आसानी आर्थिक अपराध इकाई को मामले को सुलझाने में होगी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जीएस गंगवार ने बताया कि आर्थिक अपराध इकाई में कॉल सेंटर औपचारिक रूप से काम करने लगा है. 30 लोगों की टीम कॉल सेंटर पर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं.

पुलिस मुख्यालय ने बनाया हेल्पडेस्क: जीएस गंगवार ने बताया कि साइबर क्राइम को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई जारी है. प्रत्येक दिन 870 कॉल आते हैं. और लगातार साइबर अपराध के खिलाफ कार्रवाई जारी है. मार्च में 3870 कंप्लेन आए हैं. अभी तक 176 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इस पोर्टल पर कंप्लेंट दर्ज कर आते ही सभी वित्तीय संगठन को उसकी सूचना ऑटोमेटिक चली जाती है. मार्च में दो करोड़ से अधिक राशि पब्लिक की जो साइबर अपराधियों ने उड़ाया था उसे फ्रीज कर दिया गया है.

"आजकल साइबर अपराधियों ने यूट्यूब लाइव के माध्यम से भी लोगों को ठगना शुरू कर दिया है. तत्काल सूचना देने पर लोगों के पैसे बचा लिए गए हैं. शेखपुरा जिला का एक मामला था, जिसमें ऑनलाइन फ्रॉड कर 32 लाख रुपए निकाल ली गई थी. जिसको हमने बरामद कर लिया. गोपालगंज में भी सोशल मीडिया पर फर्जी विज्ञापन के नाम पर 9 लाख 59 हजार की फर्जी निकासी की गई थी. जिसमें चार लाख के करीब राशि को बचाया गया. पटना और रोहतास में भी छह लाख का फर्जीवाड़ा किया गया था. जिसको साइबर हेल्पलाइन ने बचाया. साइबर में ज्यादा अपराधी दूसरे राज्य के हैं."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय

ठगी के कई गिरोह हैं सक्रिय: नालंदा और सासाराम की घटना पर जांच चल रही है. जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा. साजिश के मामले पर भी जांच चल रही है. आर्थिक अपराध इकाई और दोनों जिलों के पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है. बिहार शरीफ हिंसा मामले को लेकर एडीजी ने कहा कि पुलिस तत्परता से कार्यवाही कर रही है. जांच में अभी तक पीएफआई का कोई एंगल नहीं आया है. बिहार शरीफ में पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है और दो लोगों ने सरेंडर किए हैं. आपको बता दें कि ऑनलाइन खरीद बिक्री के बाद बिहार में साइबर ठगी के मामले में जबरदस्त इजाफा हुआ है. बिहार के अंदर साइबर ठगी के कई गिरोह सक्रिय है.

Last Updated : Apr 10, 2023, 6:16 PM IST
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