पटना: बिहार में बढ़ते अपराध, घरेलू हिंसा और पारिवारिक विवाद को देखते हुए 6 जुलाई 2022 को डायल 112 की शुरुआत सीएम नीतीश द्वारा की गई थी. इसके बाद राज्य के विभिन्न शहरी क्षेत्र में डायल 112 का शुभारंभ किया गया. जिसका काफी अच्छा रिस्पांस देखने को मिला है. ऐसे में अब इसके फेज 2 का शुभारंभ किया गया है. सोमवार को सीएम नीतीश ने इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ERSS) के तहत इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ऐसे में अब बिहार के सभी थाने में डायल 112 की टीम उपलब्ध रहेगी.
अब 20 मिनट में पहुंचेगी डायल 112: बता दें कि डायल 112 के शुरू हो जाने से पब्लिक और पुलिस दोनों को काफी फायदा हो रहा है. स्थानीय स्तर पर ज्यादा लोड नहीं पड़ रहा है. बड़ी घटना की सूचना मिलते ही शहरी इलाकों में पुलिस 10 से 15 मिनट में रिस्पांस कर रही है. वहीं, ग्रामीण इलाकों में पुलिस को पहुंचने में 50 मिनट तक लग जाता था. ऐसे में इस समय को कम करने के लिए सोमवार को सीएम नीतीश द्वारा इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि आम नागरिकों के लिए इमरजेंसी रिस्पांस वाहनों की सेवाएं शुरू की जा रही हैं. इन वाहनों को जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर तैनात करने की व्यवस्था की जाएं.
"डायल 112 की टीम को पहले मौके पर पहुंचने में 50 मिनट लगते थे. वहीं वाहनों की संख्या बढ़ने से अब टीम को पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेगा. इससे ग्रामीणों को काफी सहुलियत होगी. हमारे द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. आम जनता की मदद के लिए डायल 112 की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है. काफी कम समय में डायलॉग की टीम मौके पर पहुंच रही है." - जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय.
क्या है डायल 112ः बिहार में 6 जुलाई 2022 को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम सेवा शुरू की गई थी. यह एक इंटीग्रेटेड सुविधा प्रणाली है, जिस पर एम्बुलेंस, अपराध और फायर बिग्रेड सहित अन्य किसी भी आपातकाल स्थिति में फंसे लोग मदद के लिए फोन कर सकते हैं. इन सभी के लिए आज से अलग-अलग हेल्पलाइन नंबर डायल नहीं करना पड़ती है. इस सेवा का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने किया था.
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