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बिहार में इमरजेंसी सेवाओं के लिए अब 100 की जगह डायल करना होगा 112, दिसंबर से मिलेगी सेवा

बिहार में दिसंबर से इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस) काम करने लगेगा. राजधानी में ही इसका पहला ट्रायल होगा और यहीं कमांड सेंटर भी होगा. इसके तहत 112 (Dial 112) नंबर पर डायल करते ही फौरन पुलिस मदद को पहुंचेगी. अभी डायल 100 काम कर रहा है लेकिन दिसंबर से डायल 112 काम करेगा. इससे लोगों को काफी सुविधा होगी. पढ़िए पूरी खबर..

Dial 112
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Published : Sep 7, 2021, 3:22 PM IST

पटना: बिहार में डायल 100 के बदले डायल 112 पर पुलिस फौरन मदद को पहुंचेगी. उत्तर प्रदेश में जिस तरह से डायल हंड्रेड कार्य करता है ठीक उसी प्रकार से बिहार में अब डायल 112 (Dial 112) काम करेगा. हालांकि बिहार में अभी भी डायल 100 कार्य करता है. लेकिन पुलिस को समय पर पहुंचने काफी विलंब हो जाता है. इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System) दिसंबर से काम करने लगेगा.

यह भी पढ़ें- Dial 100 Trailer: रात भर की कहानी में Manoj Bajpayee का दमदार अभिनय, हैरान कर देगा नीना की एक्टिंग

डायल 100 से पुलिस के पहुंचने में देरी होने का कारण है कि जब कोई भी व्यक्ति डायल हंड्रेड पर मदद की गुहार करता है या किसी घटना के बारे में सूचना देता है तो डायल 100 सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क करता है. जिसके उपरांत संबंधित थाने को उस घटना के बारे में जानकारी दी जाती है. जिसके कारण घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को विलंब होता है.

देखें वीडियो

डायल 100 पुरानी व्यवस्था है. यह नंबर सभी जगह काम करता रहा. कालांतर में इसमे बहुत सारे परिवर्तन हुए हैं. एकीकृत कंट्रोल रुम अब देश में 112 नंबर से चलाया जा रहा है. बिहार भी इसमें काफी प्रगति कर चुका है. शीघ्र ही बिहार में भी इमेरजेंसी के दौरान लोगों को बस एक ही नंबर डायल करना पड़ेगा. 112 की अपनी पुलिस और वाहन होने से बहुत सुविधा होगी.- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी स्पेशल ब्रांच

रअसल बिहार में डायल हंड्रेड का अपना कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है ना ही अपनी गाड़ी और ना ही अपनी पुलिस फोर्स है. फिलहाल डायल 100 जो कि नए भवन में शिफ्ट हुआ है इस भवन में एक इंस्पेक्टर चार एसआई, 3 एएसआई, 125 सिपाही ही 3 शिफ्टों में काम करते हैं.

दरअसल माना जा रहा है कि साल 2021 के अंत यानी दिसंबर माह तक इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम बिहार में काम करने लगेगा. ट्रायल के रूप में राजधानी पटना में इसकी शुरुआत की जाएगी. जिसका कमांड सेंटर भी पटना में ही रहेगा. अब आम जनता के 112 नंबर डायल करते ही फॉरेन 15 मिनट के अंदर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाएगी.

नई व्यवस्था में पुलिस कार्यक्रम रिस्पांस टाइम 10 से 15 मिनट का होगा. डायल 100 और डायल 112 में बड़ा फर्क है कि डायल 112 के पास अपनी फोर्स होगी. 112 पर फायर एक्सीडेंट समेत किसी भी इमरजेंसी को लेकर कॉल किया जा सकता है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार जब पूर्ण रूप से बिहार में डायल 112 काम करने लगेगा तब डायल 100 और 101 को खत्म कर दिया जाएगा.

फिलहाल बिहार के 10 जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी. पहले चरण में पटना के अलावा दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, नालंदा, वैशाली, मुंगेर, पूर्णिया, भागलपुर समेत 10 जिलों में डायल 112 काम करेगा. जब यह पूर्ण रूप से काम करने लगेगा तब बाकी के 28 जिलों में इसे स्थापित किया जाएगा. यही नहीं डायल 112 के तहत पुलिस समय पर पहुंची या नहीं इसका फीडबैक भी लिया जाएगा.

पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार डायल 112 के तहत सभी 60 वाहनों पर रोजाना 3 शिफ्टों में 900 अफसर और जवान गश्ती करेंगे. वहीं 100 अफसर और जवानों को रखा जाएगा जो रिलीवर होंगे. सभी वाहन ईआरवी रेडियो सेट और जीपीएस से लैस रहेगा. इसके अलावा कॉलर पर लगे लोकेशन ट्रैक के माध्यम से भी लोकेशन ट्रैक किया जा सकेगा.

डायल 112 शुरू हो जाने से पब्लिक और पुलिस दोनों को फायदा होगा. स्थानीय स्तर पर ज्यादा लोड नहीं पड़ेगा. बड़ी घटना की सूचना मिलते ही शहरी इलाकों में पुलिस 10 से 15 मिनट में रिस्पांस कर सकेगी. मिल रही जानकारी के अनुसार ईआरएसएस की तकनीक की अधिकारियों के साथ पटना के सभी शहरी क्षेत्रों के थानेदारों को ट्रेनिंग दिलवाई गई है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि अपने इलाके के क्राइम जोन की पहचान कर लिस्ट बनाएं.

लिस्ट बनाने से उन इलाकों में 112 के वाहनों की गश्ती प्राथमिकता के आधार पर हो सकेगी. राजधानी पटना को 60 अलग-अलग एरिया में बांटा जाएगा. हर एक पुलिस फोर्स वाली इमरजेंसी रिस्पांस गाड़ी को 1 किलोमीटर की अवधि में घूमना होगा. इसके लिए अलग से डीएसपी इसके प्रभारी रहेंगे. फायर, एक्सीडेंट जैसी इमरजेंसी में डायल 112 से जल्दी और उचित कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें- खुशखबरी: रिटायर होने पर पुलिसकर्मियों को पेंशन के लिए नहीं करना होगा इंतजार

यह भी पढ़ें- भयमुक्त और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव करवाने को लेकर पुलिस तैयार- PHQ

पटना: बिहार में डायल 100 के बदले डायल 112 पर पुलिस फौरन मदद को पहुंचेगी. उत्तर प्रदेश में जिस तरह से डायल हंड्रेड कार्य करता है ठीक उसी प्रकार से बिहार में अब डायल 112 (Dial 112) काम करेगा. हालांकि बिहार में अभी भी डायल 100 कार्य करता है. लेकिन पुलिस को समय पर पहुंचने काफी विलंब हो जाता है. इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System) दिसंबर से काम करने लगेगा.

यह भी पढ़ें- Dial 100 Trailer: रात भर की कहानी में Manoj Bajpayee का दमदार अभिनय, हैरान कर देगा नीना की एक्टिंग

डायल 100 से पुलिस के पहुंचने में देरी होने का कारण है कि जब कोई भी व्यक्ति डायल हंड्रेड पर मदद की गुहार करता है या किसी घटना के बारे में सूचना देता है तो डायल 100 सीधे पुलिस कंट्रोल रूम से संपर्क करता है. जिसके उपरांत संबंधित थाने को उस घटना के बारे में जानकारी दी जाती है. जिसके कारण घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस को विलंब होता है.

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डायल 100 पुरानी व्यवस्था है. यह नंबर सभी जगह काम करता रहा. कालांतर में इसमे बहुत सारे परिवर्तन हुए हैं. एकीकृत कंट्रोल रुम अब देश में 112 नंबर से चलाया जा रहा है. बिहार भी इसमें काफी प्रगति कर चुका है. शीघ्र ही बिहार में भी इमेरजेंसी के दौरान लोगों को बस एक ही नंबर डायल करना पड़ेगा. 112 की अपनी पुलिस और वाहन होने से बहुत सुविधा होगी.- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी स्पेशल ब्रांच

रअसल बिहार में डायल हंड्रेड का अपना कोई इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है ना ही अपनी गाड़ी और ना ही अपनी पुलिस फोर्स है. फिलहाल डायल 100 जो कि नए भवन में शिफ्ट हुआ है इस भवन में एक इंस्पेक्टर चार एसआई, 3 एएसआई, 125 सिपाही ही 3 शिफ्टों में काम करते हैं.

दरअसल माना जा रहा है कि साल 2021 के अंत यानी दिसंबर माह तक इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम बिहार में काम करने लगेगा. ट्रायल के रूप में राजधानी पटना में इसकी शुरुआत की जाएगी. जिसका कमांड सेंटर भी पटना में ही रहेगा. अब आम जनता के 112 नंबर डायल करते ही फॉरेन 15 मिनट के अंदर पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाएगी.

नई व्यवस्था में पुलिस कार्यक्रम रिस्पांस टाइम 10 से 15 मिनट का होगा. डायल 100 और डायल 112 में बड़ा फर्क है कि डायल 112 के पास अपनी फोर्स होगी. 112 पर फायर एक्सीडेंट समेत किसी भी इमरजेंसी को लेकर कॉल किया जा सकता है. हालांकि मिल रही जानकारी के अनुसार जब पूर्ण रूप से बिहार में डायल 112 काम करने लगेगा तब डायल 100 और 101 को खत्म कर दिया जाएगा.

फिलहाल बिहार के 10 जिलों में इसकी शुरुआत की जाएगी. पहले चरण में पटना के अलावा दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गया, नालंदा, वैशाली, मुंगेर, पूर्णिया, भागलपुर समेत 10 जिलों में डायल 112 काम करेगा. जब यह पूर्ण रूप से काम करने लगेगा तब बाकी के 28 जिलों में इसे स्थापित किया जाएगा. यही नहीं डायल 112 के तहत पुलिस समय पर पहुंची या नहीं इसका फीडबैक भी लिया जाएगा.

पुलिस मुख्यालय द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार डायल 112 के तहत सभी 60 वाहनों पर रोजाना 3 शिफ्टों में 900 अफसर और जवान गश्ती करेंगे. वहीं 100 अफसर और जवानों को रखा जाएगा जो रिलीवर होंगे. सभी वाहन ईआरवी रेडियो सेट और जीपीएस से लैस रहेगा. इसके अलावा कॉलर पर लगे लोकेशन ट्रैक के माध्यम से भी लोकेशन ट्रैक किया जा सकेगा.

डायल 112 शुरू हो जाने से पब्लिक और पुलिस दोनों को फायदा होगा. स्थानीय स्तर पर ज्यादा लोड नहीं पड़ेगा. बड़ी घटना की सूचना मिलते ही शहरी इलाकों में पुलिस 10 से 15 मिनट में रिस्पांस कर सकेगी. मिल रही जानकारी के अनुसार ईआरएसएस की तकनीक की अधिकारियों के साथ पटना के सभी शहरी क्षेत्रों के थानेदारों को ट्रेनिंग दिलवाई गई है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि अपने इलाके के क्राइम जोन की पहचान कर लिस्ट बनाएं.

लिस्ट बनाने से उन इलाकों में 112 के वाहनों की गश्ती प्राथमिकता के आधार पर हो सकेगी. राजधानी पटना को 60 अलग-अलग एरिया में बांटा जाएगा. हर एक पुलिस फोर्स वाली इमरजेंसी रिस्पांस गाड़ी को 1 किलोमीटर की अवधि में घूमना होगा. इसके लिए अलग से डीएसपी इसके प्रभारी रहेंगे. फायर, एक्सीडेंट जैसी इमरजेंसी में डायल 112 से जल्दी और उचित कार्रवाई की जाएगी.

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