पटना: बिहार में अपराध (Crime in Bihar) का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में क्राइम कंट्रोल करने के लिए बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. राज्य के 35 जिलों के 216 थाने ऐसे हैं, जहां पर बिहार में दर्ज होने वाले कुल मामलों के दो तिहाई मामले दर्ज होते हैं. जिस वजह से पुलिस मुख्यालय ने तय किया कि इन थानों में अब मुख्यालय के सीनियर अफसरों को भेजा जाएगा, जो इन थानों की मॉनिटरिंग (Monitoring Team for Inspection of Police Stations) करेंगे.
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मॉनिटरिंग टीम में 28 अधिकारी: डीजीपी ने पुलिस मुख्यालय के डीआईजी रैंक से लेकर एडीजी रैंक तक 28 अधिकारियों को नामित किया है. यह सभी अधिकारी संबंधित जिलों में दौरा करेंगे और इन थानों की मॉनिटरिंग करेंगे. इन अधिकारियों पर अधिक से अधिक मामलों का निपटारा करने का जिम्मा भी रहेगा. दरअसल पुलिस मुख्यालय ने इन सभी अधिकारियों को टाक्स दिया है कि थाना स्तर पर अपराध, अनुसंधान कांडों का निष्पादन, गिरफ्तारी, भूमि विवाद और अन्य मामलों की समीक्षा करें. ये अधिकारी पुलिस पेट्रोलिंग वारंट का निष्पादन, स्पीडी ट्रायल, क्राइम कंट्रोल एक्ट और भूमि विवादों की भी समीक्षा करेंगे.
जिले के थानों मे करेंगे दौरा: इसके अलावा 2 आईपीएस अधिकारी और 2 आईएएस अधिकारियों की अलग टीम बनी है. एक टीम में गृह सचिव सेंथिल कुमार और आईजी प्रोविजन अजिताभ कुमार शामिल है. वहीं दूसरी टीम गृह सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव और आईजी बीएसपी एमआर नायक की बनाई गई है. पहली टीम चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, मिथिला, कोची, सहरसा, पूर्णिया पुलिस रेंज के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे. जबकि दूसरी टीम में सेंट्रल पटना, शाहाबाद, मगध, मुंगेर, बेगूसराय और पूर्वी रेंज के भागलपुर के अधीन जिलों का दौरा करेंगे. हफ्ते के हर बुधवार और गुरुवार को यह सभी अधिकारी फील्ड में रहेंगे.
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