पटना: राजधानी पटना में होमगार्ड एवं अग्निशमन के डीजी शोभा अहोतकर और आईपीएस विकास वैभव के बीच विवाद काफी बढ़ गया है. डीजी सोभा अहोतकर ने पत्र जारी कर आईपीएस विकास वैभव पर कार्यालयों में होने वाले बैठक का रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाया है. आईपीएस विकास वैभव द्वारा की गई ट्वीट पर स्पष्टीकरण समर्पित करने को लेकर पत्र जारी किया है. डीजी ने साफ निर्देशित किया है कि 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब दें. जानकारी यह भी है कि आईपीएस आज शुक्रवार को ऑफिशियल छुट्टी पर हैं और अपने परिवार के सदस्यों के शादी समारोह में शामिल होने वाले हैं.
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ट्वीट के लिए आईपीएस से मांगा जवाब: बिहार पुलिस की डीजी (होमगार्ड एवं फायर बिग्रेड) शोभा अहोतकर की गालियों और टॉर्चर से परेशान आईजी विकास वैभव ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए यह कहा था कि डीजी शोभा अहोतकर उन्हें लगातार गालियां देती हैं. जबकि आईपीएस ने बाद में उस ट्वीट को डीलिट कर दिया था. इस बीच आज यह खबर मिल रही है कि विकास वैभव ने दो महीने की छुट्टी का आवेदन भेज दिया है. जबकि उनके इस छुट्टी के आवेदन को रद्द कर दिया गया. इसके साथ ही इस लेटर को गृह विभाग के पास भेजा गया है.
आईपीएस की छुट्टी का आवेदन रद्द: छुट्टी के आवेदन को रद्द करने के बाद डीजी ने आईपीएस वैभव से पत्र के माध्यम से पूछा है कि 9 फरवरी 2023 की सुबह में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, व्हाट्सएप इत्यादि पर उनके द्वारा किए गए ट्वीट वायरल क्यों हो रहे हैं. इस प्रति में ट्विटर पर आपके द्वारा किए ट्वीट की संलग्न है. इस तरीके से डीजी ने आईपीएस विकास वैभव को पत्र के माध्यम से सवाल किया है कि आप लगातार अपने डीजी रैंक की महिला अधिकारी से गालियां सुन रहे हैं. प्रुफ के लिए आपने उस मीटिंग की रिकॉर्डिंग भी रखी है. इसका क्या कारण है. इस तरीके के प्रश्नों से यहीं लगता है कि आईपीएस विकास वैभव ने अपने वरीय पदाधिकारियों पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं.
आईपीएस विकास वैभव से मांगा गया स्पष्टीकरण: डीजी ने साफ कहा है कि आपके द्वारा किया गया यह कार्य अखिल भारतीय सेवा आचार नियमावली 1968 के नियम के तहत नहीं है. वायरल मैसेज में आपके द्वारा रिकॉर्डिंग किए जाने के बाद पब्लिक डोमेन में लाया गया है. इससे स्पष्ट होता है कि आपके द्वारा कार्यालय की बैठकों में होने वाली चर्चाओं की रिकॉर्डिंग की जाती थी. इस तरीके से आप ही गलत हैं. आपकी मंशा का घोतक है. यह ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन प्रावधान का भी उल्लंघन है. आपके द्वारा किए गए उक्त आचरण एवं वरीय पुलिस पदाधिकारियों के आचरण वर्धा के प्रतिकूल है. आप की अनुशासन हीनता कर्तव्य निष्ठा एवं विधि विरुद्ध कार्यों का घोतक है. जिस वजह से 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें. आपके उपर इस आचरण के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाए ?
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