पटना: इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब सावन के माह में भोलेनाथ का न अभिषेक होगा, न घंटे-घटियालों की आवाज सुनई देगी. न ही कावड़ यात्रा और न ही ओम नमः शिवाय, बम-बम भोले के जयकारे सुनाई देंगे.
सावन की शुरुआत आज से हो जाएगी. लेकिन इस वर्ष सावन में शिव मंदिरों के पास भीड़ भाड़ देखने को नहीं मिलेगी और ना ही श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे. दरअसल कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए धार्मिक न्यास बोर्ड ने सभी शिव मंदिर में रुद्राभिषेक पर पाबंदी लगाया है.
मंदिर को बंद रखने का फैसला
पटना के अधिकतर मंदिरों ने यह फैसला लिया है कि मंदिर को बंद रखा जाएगा. क्योंकि पूजा पाठ करने काफी संख्या में भक्तजन पहुंच जाते हैं और ऐसी स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना बेहद मुश्किल होगा. इसलिए पहली बार ऐसा होगा कि जब सावन में लोग शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की पूजा आराधना नहीं कर पाएंगे. पटना के कई शिव मंदिरों को 4 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है. मंदिर में पुजारी पूरे विधि विधान के साथ भोलेनाथ की पूजा करेंगें.
'घर से ही करें भगवान की आराधना'
खाजपुरा शिव मंदिर के पुजारी ने बताया कि पॉश इलाके में मंदिर होने के कारण लोग काफी अधिक यहां पहुंचते हैं. कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लोगों की सुरक्षा को देखते हुए मंदिर को अगस्त तक के लिए बंद कर दिया. इस वर्ष भक्त ना ही भगवान की रुद्राभिषेक और ना ही पूजा आराधना मंदिर में कर पाएंगे. इस वर्ष यहां किसी तरह की रुद्राभिषेक या जलाभिषेक की बुकिंग नहीं ली गई है. सावन में सोमवारी का काफी खास महत्व होता है और इसदिन भक्तजन भगवान का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा. बाबा ने लोगों से अपील भी की है कि लोग सुरक्षित रहें और घर पर ही भगवान की आराधना करें.