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पटनाः कार्तिक स्नान के लिए गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरते हैं. इसलिए इसे सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है.

पटना
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Published : Oct 16, 2019, 12:38 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 1:04 PM IST

पटना: कल्पवास मेले के तीसरे दिन भी बाढ़ के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. अलखनाथ घाट और उमानाथ घाट के साथ-साथ अन्य घाटों पर गंगा स्नान के लिए महिलाओं का हुजूम दिखा. कई श्रद्धालु कार्तिक महीने के सभी दिन गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करते हैं. घाट के पास फल, फूल और प्रसाद सहित अन्य पूजा सामग्री और श्रृंगार की दुकानें लगाई गईं हैं.

कल्पवास मेले की शुरुआत
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरते हैं. इसलिए इसे सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है.

पेश है रिपोर्ट

उत्तरायण गंगा घाट पर स्नान का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने की अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा तक चलता है. इसमें उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान का खासा महत्व है. स्थानीय पुजारी ने बताया कि बाढ़ के अलखनाथ घाट और उमानाथ घाट पर स्नान के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. इसके मद्देनजर मंदिर प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

पटना: कल्पवास मेले के तीसरे दिन भी बाढ़ के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. अलखनाथ घाट और उमानाथ घाट के साथ-साथ अन्य घाटों पर गंगा स्नान के लिए महिलाओं का हुजूम दिखा. कई श्रद्धालु कार्तिक महीने के सभी दिन गंगा स्नान कर पूजा-पाठ करते हैं. घाट के पास फल, फूल और प्रसाद सहित अन्य पूजा सामग्री और श्रृंगार की दुकानें लगाई गईं हैं.

कल्पवास मेले की शुरुआत
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक महीने में सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरते हैं. इसलिए इसे सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है.

पेश है रिपोर्ट

उत्तरायण गंगा घाट पर स्नान का महत्व
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने की अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा तक चलता है. इसमें उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान का खासा महत्व है. स्थानीय पुजारी ने बताया कि बाढ़ के अलखनाथ घाट और उमानाथ घाट पर स्नान के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. इसके मद्देनजर मंदिर प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

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Body:बाढ़:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। कार्तिक माह के दिन प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है। भी धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है।

कल्पवास मेले के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और आज श्रद्धालुओं की अच्छी खासी संख्या देखी गई। दिन-प्रतिदिन इसमें श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं। स्थानीय लोगों द्वारा फल फूल पूजा सामग्री एवं श्रृंगार की दुकानें भी लगाई गई हैं और मंदिर मंदिर प्रशासन के द्वारा लाइट और सफाई की व्यवस्था की गई है।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- धर्मेंद्र पांडे ( पुजारी)




Conclusion:
Last Updated : Oct 16, 2019, 1:04 PM IST
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