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पटनाः नवरात्र की सप्तमी को बाल शनिधाम में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, की गई विशेष पूजा अर्चना - Navratri in patna

सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की. तब से लेकर आज तक नवरात्र में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.

पूजा करती महिलाएं
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Published : Oct 5, 2019, 9:54 AM IST

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में स्थित बाल शनिधाम में शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. नवरात्र के सप्तमी होने के कारण यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. बाल धाम में काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है. धाम में महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. बाल शनिधाम प्रशासन ने शनिवार को प्रकाश और सुरक्षा समेत विशेष व्यवस्था की थी.

की गई विषेश पूजा अर्चना
नवरात्रा की सप्तमी को लेकर बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल समेत विशेष प्रकार से पूजा की गई. वहीं गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की खासी भीड़ देखी गई.

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पूजा सामग्री की दुकान

2008 में हुई बाल शनिधाम की स्थापना
बता दें कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है.

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शिवजी मनी उदासीन उर्फ नागा बाबा

स्थापना के लिए बाबा ने दखा था सपना
बताया जाता है कि नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है. फिर बाढ़ के तीन लोगों ने वहां से मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव ने इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया है. हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं, उसका क्या न्याय और दंड होना है. या शनि भगवान तय करते हैं.

पूजा करती महिलाएं और जानकारी देते नागा बाबा

पटनाः बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में स्थित बाल शनिधाम में शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. नवरात्र के सप्तमी होने के कारण यहां भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. बाल धाम में काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है. धाम में महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई. बाल शनिधाम प्रशासन ने शनिवार को प्रकाश और सुरक्षा समेत विशेष व्यवस्था की थी.

की गई विषेश पूजा अर्चना
नवरात्रा की सप्तमी को लेकर बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई. भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल समेत विशेष प्रकार से पूजा की गई. वहीं गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की खासी भीड़ देखी गई.

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पूजा सामग्री की दुकान

2008 में हुई बाल शनिधाम की स्थापना
बता दें कि सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था. 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा ने बाल शनिधाम की स्थापना की. जहां शनि भगवान के बाल रूप की पूजा की जाती है. यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है. यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है.

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शिवजी मनी उदासीन उर्फ नागा बाबा

स्थापना के लिए बाबा ने दखा था सपना
बताया जाता है कि नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है. फिर बाढ़ के तीन लोगों ने वहां से मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया. नागा बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता हैं. भगवान शिव ने इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया है. हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं, उसका क्या न्याय और दंड होना है. या शनि भगवान तय करते हैं.

पूजा करती महिलाएं और जानकारी देते नागा बाबा
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Body:बाढ़ अनुमंडल के सुप्रसिद्ध सीढी घाट में स्थित बाल शनिधाम में आज शनिवार को भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आज नवरात्रा के सप्तमी होने के कारण भक्तों की भीड़ और बढ़ गई। शनिवार बाल धाम में को काला ड्रेस पहन कर पूजा करने के लिए श्रद्धालु पहुंचते है। महिलाओं की अच्छी खासी भीड़ देखी गई।वहीं स्थानीय लोगों द्वारा सिंगार, पूजा सामग्री, फल फूल के दुकान लगाए गए। वही बाल शनिधाम प्रशासन द्वारा शनिवार को प्रकाश सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्था की जाती है।

वही आज नवरात्रा के सजनी को लेकर आज बाल शनि धाम में विशेष पूजा अर्चना की गई आज भगवान शनि को विशेष रूप से सजाया गया और अकवन के पत्ते फूल सहित विशेष प्रकार से आज पूजा की गई। वह गंगा स्नान को लेकर भी सीढ़ी घाट पर भक्तों की भीड़ अच्छी खासी देखी गई।

सुप्रसिद्ध सीढ़ी घाट में पहले शिव भगवान का मंदिर हुआ करता था। 2008 में शिवजी मुनि उदासीन उर्फ नागा बाबा द्वारा बाल शनिधाम की स्थापना की गई। जहां शनि भगवान के बाल रूप का पूजा किया जाता है। यहां पर शनि भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन नहीं होता है यहां शनि भगवान का छाया दर्शन होता है। नागा बाबा को सपना आया था कि शनि भगवान का मूर्ति शिगनापुर नामक स्थान पर है।वहां से बाढ़ के तीन लोगों ने मूर्ति लाकर सीढ़ी घाट में स्थापित किया। नागा का बाबा के अनुसार शनि भगवान न्याय के देवता है। भगवान शिव के द्वारा इनको न्याय के पद पर प्रतिष्ठित किया गया है। जिसके कारण हम जो अच्छे या बुरे कर्म करते हैं।उसका क्या न्याय और दंड होना है या शनि भगवान तय करते हैं।

बाइक- शिवजी मनी उदासीन उर्फ नागा बाबा ( बाल शनि धाम के संस्थापक)


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