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पटना: नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा, मंदिरों में लगी श्रद्धालुओं की लम्बी कतार

नवरात्र के चौथे दिन सभी पूजा पंडालों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों के साथ पूजा की गई. राजधानी के सभी मन्दिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी मन्दिर समेत राजधानी के सभी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली.

नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन
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Published : Oct 2, 2019, 8:37 PM IST

पटना: नवरात्र के चौथे दिन सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में मां कुष्मांडा का पूजन वैदिक मंत्रों के साथ किया गया. शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी मंदिर समेत राजधानी के सभी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. सभी भक्तों ने जय माता दी का जयकारा लगाकर मां कुष्मांडा को याद किया. ऐसी मान्यता है कि शक्ति और समृद्धि कि देवी मां कुष्मांडा की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है.

patna
श्रद्धालु

मंदिरों और पंडालों में हो रही पूजा-अर्चना
नवरात्र के चौथे दिन सभी पूजा पंडालों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों के साथ पूजा की गई. राजधानी के सभी मन्दिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. शहर की छोटी पटनदेवी मन्दिर में भी पूजा करने भक्त बहुत दूर से आये थे. मंदिर के पुजारी ने बताया कि राजधानी में छोटी पटनदेवी मन्दिर का विशेष स्थान है. नवरात्र के समय यहां पूजा करने के लिए काफी लोग आते हैं.

patna
पुजारी

मां कुष्‍मांडा का स्‍वरूप
मां कुष्‍मांडा की आठ भुजाएं हैं, इसलिए उन्‍हें अष्‍टभुजा भी कहते हैं. जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी. इसीलिए इन्‍हें सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है. इनके सात हाथों में कमण्‍डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्‍प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा और आठवें हाथ में जप माला है. मां कुष्‍मांडा का वाहन सिंह है.

नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन

सूर्य है इनका निवास स्थान
मां के इस रुप को लेकर मान्यता है कि इन्होंने ही इस संसार की रचना की है. इन्हे दुखों को हरने वाली मां कहा जाता है. सूर्य इनका निवास स्थान माना जाता है. इसलिए माता के इस स्वरुप के पीछे सूर्य का तेज दर्शाया जाता है. इनके आठ हाथ है और इनकी सवारी सिंह है. मां कुष्‍मांडा की पूजा करने से मन का डर और भय दूर होता है और जीवन में सफलता प्राप्‍त होती है.

पटना: नवरात्र के चौथे दिन सभी मंदिरों और पूजा पंडालों में मां कुष्मांडा का पूजन वैदिक मंत्रों के साथ किया गया. शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी मंदिर समेत राजधानी के सभी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. सभी भक्तों ने जय माता दी का जयकारा लगाकर मां कुष्मांडा को याद किया. ऐसी मान्यता है कि शक्ति और समृद्धि कि देवी मां कुष्मांडा की पूजा करने से मनोवांछित फल मिलता है.

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श्रद्धालु

मंदिरों और पंडालों में हो रही पूजा-अर्चना
नवरात्र के चौथे दिन सभी पूजा पंडालों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों के साथ पूजा की गई. राजधानी के सभी मन्दिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही. शहर की छोटी पटनदेवी मन्दिर में भी पूजा करने भक्त बहुत दूर से आये थे. मंदिर के पुजारी ने बताया कि राजधानी में छोटी पटनदेवी मन्दिर का विशेष स्थान है. नवरात्र के समय यहां पूजा करने के लिए काफी लोग आते हैं.

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पुजारी

मां कुष्‍मांडा का स्‍वरूप
मां कुष्‍मांडा की आठ भुजाएं हैं, इसलिए उन्‍हें अष्‍टभुजा भी कहते हैं. जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी. इसीलिए इन्‍हें सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है. इनके सात हाथों में कमण्‍डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्‍प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र और गदा और आठवें हाथ में जप माला है. मां कुष्‍मांडा का वाहन सिंह है.

नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन

सूर्य है इनका निवास स्थान
मां के इस रुप को लेकर मान्यता है कि इन्होंने ही इस संसार की रचना की है. इन्हे दुखों को हरने वाली मां कहा जाता है. सूर्य इनका निवास स्थान माना जाता है. इसलिए माता के इस स्वरुप के पीछे सूर्य का तेज दर्शाया जाता है. इनके आठ हाथ है और इनकी सवारी सिंह है. मां कुष्‍मांडा की पूजा करने से मन का डर और भय दूर होता है और जीवन में सफलता प्राप्‍त होती है.

Intro:नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजन पूरे वैदिक मंत्रों के साथ सम्पन्न किया जा रहा है।


Body:राजधानी पटना और पटनासिटी के सभी देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी है जय माता दी कि गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।


Conclusion:स्टोरी:-माँ कुष्मांडा की पूजन।
रिपोर्ट:-पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-02-10-019.
एंकर:-पटना सिटी:-नवरात्र के चौथे दिन माँ कुष्मांडा की पूजन सभी देवी मंदिरों एवम पूजा पंडालों में वैदिक मंत्रों के साथ किया जा रहा है।शक्तिपीठ छोटी पटनदेवी मन्दिर समते राजधानी के सभी देवी मंदिरों में माँ कूष्मांडा की पूजन बड़े हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है सभी भक्त जय माता दी का जयकारा कर पूरा वातावरण को भक्तिमय कर दिया है।ऐसी धारणा की शक्ति और समृद्गी कि देवी माँ कुष्मांडा की पूजन करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
बाईट(विवेक दुवेदी-पुजारी छोटीपटनदेवी मन्दिर,शिव मेहता,कन्हैया पटेल और अनिता रस्तोगी श्रद्धालुओ)

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