पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक का दौर तेज हो गया है. एक ओर जहां राजद रोजगार और पलायन के मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को पटखनी देने की तैयारी कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने शराबबंदी समीक्षा की बात उछालकर नया पैंतरा अपनाया है.
इसको लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो चली है. शराबबंदी के मामले पर बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में महिलाओं की मांग पर नीतीश सरकार ने प्रदेश में पूर्ण शारबबंदी को लागू किया था. लेकिन कांग्रेस सत्ता में वापसी की बात कह शराबबंदी की समीक्षा करने की बात कह रही है. देवेन्द्र फड़णवीस ने आगे कहा कि शराबबंदी समीक्षा की बात करने वाले दल को प्रदेश की महिलाएं उनके खिलाफ मत देकर उनको सबक सिखाएंगी.
'महिलाओं के हित में लिया गया था शराबबंदी का फैसला'
देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश की राजस्व की चिंता किये बगैर केवल महिलाओं के हित में शराबबंदी का फैसला लिया था. उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में जिस तरह से शराबबंदी पर समीक्षा की बात की जा रही है, वह प्रदेश की महिलाओं का अपमान है. उन्होंने कहा कि बिहार की महिला राज्य में बने शराबबंदी कानून में किसी तरह की ढ़ील नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर भ्रम की स्थिति पैदा करने वाले को प्रदेश की महिलाएं ही सबक सिखाएंगी.
'कांग्रेस की नियत हुई साफ'
बिहार बीजेपी के चुनाव प्रभारी ने आगे कहा कि शराबबंदी पर जिस तरह से कांग्रेस के नेता चर्चा कर रहे हैं. उससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस की नियत कैसी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए कानून पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी के बाद से बिहार में काफी कुछ बदलाव हुआ है. देवेन्द्र फड़णवीस ने आगे बताया कि शराबबंदी के बाद से बिहार की महिलाएं भयमुक्त वातावरण में रात के 12 बजे भी अपने घर से बाहर निकल सकती हैं.
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस ने बिहार में शराबबंदी को फेल बताते हुए शराबबंदी कानून में समीक्षा की बात कही थी. इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए निशाना साधा. बता दें कि सत्ता में वापसी के लिए जहां रोजगार और पलायन के मुद्दे को राजद उठा रही है. वहीं इन सब से इतर कांग्रेस को तो 'शराब' पॉलिटिक्स ही सबसे बेहतर विकल्प दिखाई दे रहा है.