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प्ले स्कूल की तर्ज पर बना मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र, बच्चों के बीच बढ़ रहा आकर्षण

निजी प्ले स्कूल के तर्ज पर मसौढ़ी प्रखंड के 6 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और खुशनुमा माहौल में ननिहाल के बीच पठन-पाठन किया जा रहा है. इससे न केवल बच्चे आकर्षित हो रहे हैं, बल्कि उनके अभिभावक भी काफी खुश हैं. यहां स्वच्छता के संदेश के अलावा विभिन्न टीकाकरण, पोषण और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का संदेश भी दिया जा रहा है.

मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र
मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र
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Published : Jun 2, 2022, 9:08 AM IST

पटना: राजधानी पटना में प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित किया जा रहा है. इसी कड़ी में मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र (Model Anganwadi Center in Masaudhi) को बेहद खूबसूरत तरीके से तैयार किया गया है. इस आंगनवाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले नौनिहालों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. बच्चों को उनके स्थानीय बोली और भाषा में कविता-कहानी और गीतों के माध्यम से सिखाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: पटना से सटे मसौढ़ी के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव, ऐसी व्यवस्था में कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल?

मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र: मसौढ़ी प्रखंड के 6 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र को प्ले स्कूल की तर्ज पर बच्चों को रोचक ढंग से खुशनुमा माहौल में शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. भवन की दीवारों पर एक तरफ जहां सुंदर चित्र बनाए गए हैं तो वहीं स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल, शौचालय और बागवानी की समुचित व्यवस्था की जा रही है. सीडीपीओ ममता कुमारी ने बताया कि इस मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों को खेलने के लिए आकर्षक पार्क का निर्माण कराया जाएगा. पास में खेलने और उठने-बैठने की आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है. खेलने के लिए झूला लगाया जा रहा है. साथ ही पार्क को फूलों से सजाया जा रहा है. दीवारों पर वॉल पेंटिंग की जा रही है.

बच्चों की बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था: इस केंद्र में 'स्वच्छता का संदेश', 'कोरोना का बचाव का संदेश' और पोषण के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में वॉल पेंटिंग की जा रही है. प्रसव पूर्व जांच के लिए आने वाली महिलाओं को भी अब बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाएगी. सभी मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर प्रयुक्त पंजीकरण कॉर्नर बनाया जाएगा. जिससे गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच में काफी सहूलियत होगी. इस मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है, जिससे बच्चों में एक आकर्षण हो रहा है. इस नवीन आधुनिक पद्धति को अपनाकर बच्चों के बीच सरल तरीके से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. बच्चों को उनके स्थानीय बोली और भाषा में कविता कहानी और गीतों के माध्यम से सिखाया जा रहा है. भवन की दीवारों पर कलाकृतियां बनाई जा रही हैं ताकि बच्चे अक्षर बोध, रंगों की पहचान और चित्र के माध्यम से जानवरों का नाम लिख-पढ़ सकें.

खुशनुमा माहौल देने की कोशिश: मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन दिवस पर पढ़ाई के साथ-साथ पोषण की भी जानकारी दी जा रही है. इस दौरान विभिन्न सब्जियों और फलों का प्रदर्शन भी किया जाता है. साथ ही सब्जियों फलों से प्राप्त होने वाले पोषण के विषय में जानकारी दी जाती है. उसके अलावा माताओं को विभिन्न रोगों में सब्जी और फल कैसे विषय के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. सीडीपीओ ममता कुमारी ने बताया कि सभी सुविधा मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि निजी प्ले स्कूल जैसा माहौल मिले और खुशनुमा माहौल में सभी बच्चों को पढ़ाया जा सके.

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पटना: राजधानी पटना में प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनवाड़ी केंद्रों को विकसित किया जा रहा है. इसी कड़ी में मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र (Model Anganwadi Center in Masaudhi) को बेहद खूबसूरत तरीके से तैयार किया गया है. इस आंगनवाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले नौनिहालों के शारीरिक और मानसिक विकास पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. बच्चों को उनके स्थानीय बोली और भाषा में कविता-कहानी और गीतों के माध्यम से सिखाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: पटना से सटे मसौढ़ी के स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव, ऐसी व्यवस्था में कैसे पढ़ेंगे नौनिहाल?

मसौढ़ी में मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र: मसौढ़ी प्रखंड के 6 मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र को प्ले स्कूल की तर्ज पर बच्चों को रोचक ढंग से खुशनुमा माहौल में शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. भवन की दीवारों पर एक तरफ जहां सुंदर चित्र बनाए गए हैं तो वहीं स्वास्थ्य केंद्र में पेयजल, शौचालय और बागवानी की समुचित व्यवस्था की जा रही है. सीडीपीओ ममता कुमारी ने बताया कि इस मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर पढ़ने वाले बच्चों को खेलने के लिए आकर्षक पार्क का निर्माण कराया जाएगा. पास में खेलने और उठने-बैठने की आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है. खेलने के लिए झूला लगाया जा रहा है. साथ ही पार्क को फूलों से सजाया जा रहा है. दीवारों पर वॉल पेंटिंग की जा रही है.

बच्चों की बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था: इस केंद्र में 'स्वच्छता का संदेश', 'कोरोना का बचाव का संदेश' और पोषण के बारे में जानकारी दी जाती है. साथ ही अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में वॉल पेंटिंग की जा रही है. प्रसव पूर्व जांच के लिए आने वाली महिलाओं को भी अब बेहतर सुविधा मुहैया कराई जाएगी. सभी मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर प्रयुक्त पंजीकरण कॉर्नर बनाया जाएगा. जिससे गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच में काफी सहूलियत होगी. इस मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों को बुनियादी शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है, जिससे बच्चों में एक आकर्षण हो रहा है. इस नवीन आधुनिक पद्धति को अपनाकर बच्चों के बीच सरल तरीके से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है. बच्चों को उनके स्थानीय बोली और भाषा में कविता कहानी और गीतों के माध्यम से सिखाया जा रहा है. भवन की दीवारों पर कलाकृतियां बनाई जा रही हैं ताकि बच्चे अक्षर बोध, रंगों की पहचान और चित्र के माध्यम से जानवरों का नाम लिख-पढ़ सकें.

खुशनुमा माहौल देने की कोशिश: मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन दिवस पर पढ़ाई के साथ-साथ पोषण की भी जानकारी दी जा रही है. इस दौरान विभिन्न सब्जियों और फलों का प्रदर्शन भी किया जाता है. साथ ही सब्जियों फलों से प्राप्त होने वाले पोषण के विषय में जानकारी दी जाती है. उसके अलावा माताओं को विभिन्न रोगों में सब्जी और फल कैसे विषय के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. सीडीपीओ ममता कुमारी ने बताया कि सभी सुविधा मॉडल आंगनवाड़ी केंद्र पर उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि निजी प्ले स्कूल जैसा माहौल मिले और खुशनुमा माहौल में सभी बच्चों को पढ़ाया जा सके.

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