पटना: शराब पीने वालों के साथ-साथ शराब का व्यवसाय करने वालों और व्यवसाय में संलिप्त पुलिसकर्मियों को भी बख्शा नहीं जा रहा है. साथ ही साथ सैकड़ों पुलिसकर्मियों के ऊपर भी कार्रवाई की गई है. जो लोग शराब व्यवसाय में संलिप्त पाए गए हैं.
धड़ल्ले से जारी शराब का कारोबार
साल 2016 के शराब बंदी लागू होने के बाद अब तक लगभग ढाई लाख से तीन लाख लोग शराब के व्यवसाय या शराब पीने की वजह से जेल भी जा चुके हैं. इसके बावजूद बिहार के किसी ना किसी जिले में प्रतिदिन भारी मात्रा में शराब भी बरामद होता है. शराबबंदी के बाद भी बिहार के कई जिलों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है. 2016 में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी.
- 2016 में 18 लोगों की हुई थी मौत
- 4 दिन पहले मुजफ्फरपुर में 5 लोगों की मौत
- पिछले दिनों गोपालगंज में 6 लोगों की हुई मौत
जहरीली शराब लील रही जिंदगी
वहीं, पिछले 4 दिन पहले मुजफ्फरपुर जिले में भी जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हुई है तो वही गोपालगंज में भी विगत दिनों पहले जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हुई है. हालांकि इस मामले में स्थानीय थाना अध्यक्ष पर कार्रवाई भी की गई है. परंतु सवाल यही उठता है कि शराबबंदी के बावजूद भी कैसे बिहार में शराब का व्यवसाय फल-फूल रहा है.
''इन भरे शराब तस्करों को पकड़ने से बिहार में हो रहे शराब सप्लायर के सिंडिकेट को पुलिस तोड़ने में कामयाब हुई है. उम्मीद है कि इनकी गिरफ्तारी के बाद अब बिहार में बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी नहीं हो पाएगी''- अमित कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर
''बिहार की पुलिस ने खुद को सिर्फ शराबबंदी पर फोकस कर रखा है. लेकिन बिहार ऐसे दिख नहीं रहा. पटना सहित बिहार के गली-मोहल्ले और गांव तक खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है. जिसका परिणाम है कि बिहार में लगातार अपराध बढ़ रहा है''- एसके भारद्वाज, पूर्व डीजी
''बिहार में गली, मोहल्ले, गांव, खलिहान के साथ-साथ राजधानी पटना के सभी इलाकों में शराब की खुलेआम होम डिलीवरी हो रही है. 5 साल में दो बड़े शराब तस्करों को पकड़कर बिहार पुलिस और बिहार सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है-'' शक्ति सिंह यादव, राजद प्रवक्ता
शराबबंदी को लेकर सीएम सख्त
शराबबंदी को लेकर विपक्ष लगातार बिहार सरकार पर हमलावर रहता है. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बिहार के डीजीपी को शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करवाने का निर्देश भी दिया है. पुलिस विभाग की मद्य निषेध इकाई की टीम शराब सिंडीकेट में संलिप्त दूसरे राज्यों के तस्करों को भी पकड़ने में जुट गई है.
अंतरराज्यीय शराब तस्कर पर कार्रवाई
बिहार में पूर्ण शराबबंदी ठीक ढंग से लागू हो सके, इसे लेकर बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों के बड़े सप्लायर को भी पकड़ने की कवायद में बिहार पुलिस इन दिनों जुट गई है. पुलिस का मानना है कि बड़े सप्लायर को पकड़ने से बिहार में शराब के व्यवसाय पर लगाम लगाई जा सकती है. यही कारण है कि दूसरे राज्यों से आ रहे बड़े शराब सप्लायर को धरपकड़ की जा रही है.
पंजाब के शराब माफिया को दबोचा
15 फरवरी को पंजाब के एसएस नगर स्थित सुहाना थाना क्षेत्र से पुष्पेंद्र सिंह धारीवाला को गिरफ्तार किया और उसे पटना ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया है. हालांकि मद्य निषेध विभाग की टीम उससे पूछताछ कर रही है. मिल रही जानकारी के अनुसार वह बिहार के कई जिलों में शराब तस्करी किया करता था और उसके खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर सारण आदि जिलों में केस दर्ज है.
हरियाणा के शराब तस्कर पर शिकंजा
वहीं, मंगलवार 30 फरवरी को शराब तस्करी के मामले में पुलिस ने हरियाणा निवासी तस्कर भूपेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मध्य निषेध विभाग की मदद से सीतामढ़ी पुलिस ने उसे पुनोरा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. 1 महीने के भीतर ऐसी तीसरी गिरफ्तारी बिहार पुलिस द्वारा की गई है. जानकारी के अनुसार शराब की आपूर्ति और पैसों की वसूली की फिराक में वह बिहार पहुंचा था. भूपेंद्र मूलतः हरियाणा का है पर वर्तमान में दिल्ली के रोहिणी में रहता था.
अब तक करोड़ों की शराब की तस्करी
पहले भी 3 फरवरी को बिहार पुलिस की टीम ने हरियाणा के पानीपत में पहली बार कार्रवाई करते हुए वहां के सबसे बड़े शराब तस्कर अजीत खलीला को गिरफ्तार कर पटना लाया था. बिहार पुलिस के मुताबिक इसके द्वारा अब तक बिहार में 100 करोड़ कि शराब बिहार भेजी जा चुकी है. शराबबंदी कानून के बाद भी शराब सप्लायर हर महीने 15 से 20 ट्रक शराब बिहार भेजते थे. जिसकी कीमत 20 से 25 लाख होती थी. साल में 50 से 60 करोड़ की शराब सालाना बिहार भेजता था.
कड़ा होगा शराबबंदी कानून
सरकार मौजूदा कानूनों के प्रावधानों में बदलाव करके इससे संबंधित प्रक्रिया को और भी कड़ा बनाने जा रही है. कानूनों के बदलाव के बाद शराबबंदी कानून को तोड़ने वालों की तलाशी, जब्ती, गिरफ्तारी, भवनों की सील बंदी, जमानत और उत्पाद वस्तुओं के परिवहन आदि से संबंधित विस्तृत प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है.
राज्य में लागू होगा संशोधित प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार अब इस संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट में भेजा जाना है. वहां से स्वीकृति के बाद इस संशोधन प्रस्ताव को राज्य में लागू कर दिया जाएगा. सरकार ने निर्णय लिया है कि अब किसी भी घर या गोडाउन या वाहन में पकड़ा जाएगा. तो उसे जब्त कर उसे नीलाम किया जाएगा.
शराब माफियाओं पर कसा शिकंजा
शराब पीने और बेचने वालों को मिलाकर कुल 3 करोड़ के लगभग का जुर्माना लगाया जा चुका है. इसमें शराब पीने वालों से एक करोड़ 33 लाख जुर्माने की वसूली हुई है. जबकि शराब बेचने वालों से एक करोड़ 51 लाख 4 हजार जुर्माने की वसूली की जा चुकी है. वहीं, शराब पीने वाले 195 लोगों को और शराब बेचने वाले 131 लोगों को सजा दी जा चुकी है.
ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की ज्यादा खपत
2016 में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार में शराबबंदी लागू कर दी थी. जिसके बाद से प्रदेश ड्राई स्टेट बन गया था. उस समय बिहार सरकार को करीब 3300 करोड़ राजस्व की हानि हुई थी. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-5 के आंकड़ों के मुताबिक बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा शराब पी जाती है. शहर की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की ज्यादा खपत होती है.