पटना : उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार में हुई जातीय गणना को सही ठहराया है. उन्होंने कहा कि जो लोग आंकड़े को गलत कह रहे हैं, वो मोदी जी से कहकर केंद्र से जातिगत सर्वे करवा लें. उन्होंने कहा कि आंकड़े में विशेष जाति की संख्या को बढ़ाचढ़ाकर पेश नहीं किया गया है. अगर आंकड़ों को बढ़ाना ही होता तो मुख्यमंत्री जी अपनी कास्ट की संख्या न बढ़ा लेते.
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''जो बात कर रहे हैं आंकड़ों में विशेष जाति के संख्या को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है, उन्हें पता होना चाहिए की 1931 में जब तक जनगणना हुई थी, उस समय बिहार में यादवों की संख्या 11% थी. अगर बढ़ाना ही होता तो फिर मुख्यमंत्री जी अपने जाति के लोगों की संख्या को बढ़ा चढ़ा कर नहीं पेश कर सकते थे. ऐसा कोई बात नहीं है. जो लोग जाति गणना का विरोध शुरू से करते रहे, वही लोग आजकल आंकड़े पर सवाल उठा रहे हैं.''- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
'साइंटिफिक है कास्ट सर्वे' : तेजस्वी यादव ने सभी आरोपों को दरकिनार करते हुए साफ किया कि जो आंकड़े जारी किए गए हैं वो साइंटिफिक हैं. उसमें किसी भी तरीके से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है. केंद्र में बैठी हुई सरकार को जनगणना वर्ष 2021 में करवाना था, लेकिन वर्ष 2023 बीत रहा है अभी तक जनगणना भी नहीं कर पाया हैंं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बिहार की जातीय गणना के रिपोर्ट पर कहीं कोई शंका हो रही है, तो वह केंद्र से कहकर खुद क्यों नहीं करवा लेते.
जेपी नड्डा पर भी बरसे तेजस्वी : इसी दौरान तेजस्वी यादव से सवाल पूछा गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 'क्षेत्रीय दल' को खत्म करने की बात कहते हैं, तो उन्होंने कहा कि वह गुंडों की भाषा बोल रहे हैं. ऐसी भाषा उन्हें नहीं बोलनी चाहिए. किसकी औकात है कि किसी दल को खत्म कर दे. ऐसा कभी हुआ है क्या? उन्होंने कहा कि यह बात उन्हें समझना चाहिए कि क्षेत्रीय पार्टियों को अपने राज्य के विषय में ज्यादा जानकारी होती है. उन्होंने दावा किया कि जो जानकारी हमको होगा अपने राज्य को लेकर वह जानकारी न ही प्रधानमंत्री मोदी को हो सकता है और न ही अमित शाह के पास है.
2 अक्टूबर को जारी हुई थी कास्ट सर्वे रिपोर्ट : बता दें कि 2 अक्टूबर को बिहार में जाति सर्वे रिपोर्ट जारी की गई. इस सर्वे रिपोर्ट में सबसे ज्यादा ओबीसी की संख्या है जिसमें यादव सर्वाधिक 14 फीसदी हैं. इसके बाद कई लोगों ने यहां तक जेडीयू के सांसद ने भी इसको लेकर आपत्ति उठाई. बीजेपी पहले से ही जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद हमलावर है. आंकड़े में हेर-फेर का आरोप महागठबंधन की सरकार पर लगे हैं. इसी पर तेजस्वी यादव ने सफाई दी है.