पटना: करोना महामारी के बीच सरकारी सिस्टम की बड़ी खामी सामने आई है. पटना के खाजपुरा इलाके में दो साल पहले मृत्यु हो चुके मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है. जानकारी जुटाये बिना जिला प्रशासन ने मृत जूनियर इंजीनियर की ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर लगा दी. वहीं, खाजपुरा इलाके में मजिस्ट्रेट के ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ. मामला संज्ञान में आने पर हड़कंप मच गया.
'ऐसे कई केस आ चुके हैं सामने'
दरअसल, राजधानी पटना के नये कोरोना हॉटस्पॉट खाजपुरा में जूनियर इंजीनियर राजीव रंजन की मजिस्ट्रेट के तौर पर ड्यूटी लगाई गई थी. बता दें कि राजीव रंजन की मृत्यु डेढ़ दो साल पहले ही हार्ट अटैक से मृत्यु हो चुकी है. मामले में अवर अभियंता संघ के महामंत्री दिलीप कुमार दिनकर ने बताया कि जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है. उन्होंने बताया कि ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं.
अभियंता सुरक्षा की अनदेखी का आरोप
दिलीप ने बताया कि दूसरे जिले में ट्रांसफर हो चुके अवर अभियंताओं का भी जबरदस्ती ड्यूटी लगाई जा रही है. बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने बताया कि महामारी के समय अभियंताओं की ड्यूटी लगाने के क्रम में उनके सुरक्षा का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है. ड्यूटी पर तैनात अभियंताओं को मॉक्स और सैनिटाइजर भी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है.