पटना: मैट्रिक एवं इंटर की वार्षिक परीक्षा 2019 में शामिल छात्रों को बिहार बोर्ड अब हार्ड कॉपी के साथ-साथ डिजिटल रूप में भी प्रमाण पत्र देने जा रहा है. इसके लिए बिहार बोर्ड ने अपनी कवायद भी शुरू कर दी है.
इस बाबत बिहार बोर्ड अध्यक्ष इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा के परिणाम की समीक्षा करने में लगे हैं. आधार नंबर देने वाले छात्रों का प्रमाण पत्र सीधे डीजी लॉकर में भेजे जाने की प्रक्रिया को आरंभ कर दिया गया है.
केंद्र सरकार के निर्देश पर शुरू हुई पहल
बताया जाता है कि केंद्र सरकार की ओर से निर्देश के बाद देश भर में डीजी लॉकर को मान्यता दी गई है. जिससे अगर छात्रों के पास हार्ड कॉपी के रूप में प्रमाण पत्र नहीं है तो वे डिजी लॉकर का उपयोग कर प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं. इंटरव्यू जैसे प्रयोजनों में भी इसके उपयोग में अनुमति दी गई है. इससे एक तरफ जहां छात्रों को प्रमाण पत्र ले जाने से आजादी मिलेगी तो वहीं सर्टिफिकेट खो जाने का भी खतरा नहीं होगा. इसका लाभ लेने के लिए छात्रों को अपने स्मार्टफोन के प्ले स्टोर से डीजी लॉकर इंस्टॉल कर सकते हैं.
2019 के परीक्षार्थियों को मिल रहा लाभ
फिलहाल 23 लाख से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिलने जा रहा है. डिजिटल प्रमाणपत्र पत्र का लाभ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से पास होने वाले तकरीबन साढ़े 23 लाख परीक्षार्थी को लाभ मिलेगा. इंटर वार्षिक परीक्षा 2019 में 10,19,000 से अधिक परीक्षार्थी पास हुए थे. जिसमें 5 लाख 83 हजार से अधिक छात्र एवं 4 लाख 36 हजार से अधिक छात्राएं शामिल हैं.
आवेदन के समय मांगा गया था आधार नंबर
बता दें कि बिहार बोर्ड के मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा का फॉर्म भरते समय छात्रों से आधार नंबर मांगा गया था. छात्रों ने ऑनलाइन फॉर्म भरने के दौरान बोर्ड को आधार नंबर उपलब्ध कराया था. अब बोर्ड प्रमाण पत्र प्रकाशन के बाद छात्र को डिजिटल कॉपी सीधे छात्रों के डीजी लॉकर में भेजने की तैयारी में लगा है.