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Dengue In Bihar: स्वास्थ्य विभाग ही फैला रहा डेंगू! विश्वास नहीं है तो अस्पताल की तस्वीर देखिए...

बिहार में डेंगू फैलने की सच्चाई जाननी हो तो यह तस्वीर काफी है, क्योंकि इसके पीछे का कारण सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है. इस तस्वीर को देखने के बाद साफ हो गया है कि स्वास्थ्य विभाग ही डेंगू फैला रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में डेंगू का कहर
बिहार में डेंगू का कहर
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 11, 2023, 9:32 PM IST

Updated : Sep 12, 2023, 7:54 AM IST

बिहार में डेंगू का कहर के बीच PMCH की तस्वीर

पटनाः बिहार में डेंगू का कहर इस कदर है कि लोग डर के साए में जी रहे हैं. एक ओर स्वास्थ्य विभाग लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक कर रहा है. वहीं दूसरी ओर बड़े से बड़े अस्पताल में गंदगी के बीच डेंगू मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बिहार में फैल रहे डेंगू के बीच ईटीवी भारत ने राजधानी पटना के सरकारी अस्पताल का जायजा लिया तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है.

यह भी पढ़ेंः Dengue In Bihar: बिहार में डेंगू का कहर जारी, 24 घंटे में मिले 134 मरीज.. पटना और भागलपुर में सबसे ज्यादा संक्रमित

पीएमसीएमच में गंदगीः बिहार में डेंगू के मामले काफी बढ़े हुए हैं. राजधानी पटना पूरे राज्य में हॉटस्पॉट बना हुआ है. डेंगू के लगभग 45% मामले पटना में ही मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के साथ-साथ साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश किया है, लेकिन पीएमसीएच जैसे सूबे के प्रतिष्ठित अस्पताल में गंदगी का अंबार है और गंदा पानी का फैलाव देखने को मिला.

गंदगी के बीच वाटर कूलरः पीएमसीएच का राजेंद्र सर्जिकल वार्ड जहां, सर्जरी के बाद गंभीर हालत में मरीज एडमिट होकर इलाजरत रहते हैं. इस जगह शौचालय का पाइप टूटा हुआ है. इस वजह से परिसर में मल-मूत्र फैला हुआ है. यह मल मूत्र एक नाला से होकर राजेंद्र सर्जिकल वार्ड परिसर से आगे निकलता है. नाले का ढक्कन खुला हुआ है. सबसे हैरानी की बात है कि इसी नाले के ऊपर वाटर कूलर लगा हुआ है. यहां मरीज के परिजन पानी भरने के लिए कतार में खड़े रहते हैं.

गंदगी के बीच मरीज का इलाजः जिस जगह काफी मात्रा में पानी का जमाव है, वहीं गाड़ियों की पार्किंग है. मरीज के अटेंडेंट अपने दो पहिया वाहनों की पार्किंग यहीं है. यही हाल राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के पीछे का है. यहां गंदा पानी का जमाव इतना है कि पैर रखने की जगह नहीं है. पानी पर लाखों मच्छर भिनभिनाते आते नजर आते हैं. राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के गैलरी इसी क्षेत्र से जुड़ा है, फिर भी इस तरह की लापरवाही की जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस गंदगी में डेंगू का इलाज कैसे हो रहा है?

ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव नहींः पटना के सबसे बड़े अस्पताल के इस क्षेत्र में न ही ब्लीचिंग पाउडर न कोई केमिकल का छिड़काव होता है. दुर्गंध भी वार्ड में आने जाने वाले लोगों को परेशान करती है. अस्पताल में स्थित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट का भी यही हाल है. बायोमेडिकल वेस्ट को ओपन एरिया में रखा गया है, जहां कुत्ते और कौवे वेस्ट को नोच कर इधर-उधर ले जाते हैं. इस तरह की तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है.

मौन रह गए अधिकारीः सरकार के अधिकारी के लाख दावों के बावजूद सच्चाई सामने है. अस्पतालों में साफ-सफाई रखने और जलजमाव की स्थिति न होने की बातें कर रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की जो तस्वीर निकल कर आ रही है, वह दावों के ठीक विपरीत है. पीएमसीएच में गंदगी के मसले पर जब अस्पताल के पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो किसी ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया.

बिहार में डेंगू का कहर के बीच PMCH की तस्वीर

पटनाः बिहार में डेंगू का कहर इस कदर है कि लोग डर के साए में जी रहे हैं. एक ओर स्वास्थ्य विभाग लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक कर रहा है. वहीं दूसरी ओर बड़े से बड़े अस्पताल में गंदगी के बीच डेंगू मरीजों का इलाज किया जा रहा है. बिहार में फैल रहे डेंगू के बीच ईटीवी भारत ने राजधानी पटना के सरकारी अस्पताल का जायजा लिया तो हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है.

यह भी पढ़ेंः Dengue In Bihar: बिहार में डेंगू का कहर जारी, 24 घंटे में मिले 134 मरीज.. पटना और भागलपुर में सबसे ज्यादा संक्रमित

पीएमसीएमच में गंदगीः बिहार में डेंगू के मामले काफी बढ़े हुए हैं. राजधानी पटना पूरे राज्य में हॉटस्पॉट बना हुआ है. डेंगू के लगभग 45% मामले पटना में ही मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त रखने के साथ-साथ साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश किया है, लेकिन पीएमसीएच जैसे सूबे के प्रतिष्ठित अस्पताल में गंदगी का अंबार है और गंदा पानी का फैलाव देखने को मिला.

गंदगी के बीच वाटर कूलरः पीएमसीएच का राजेंद्र सर्जिकल वार्ड जहां, सर्जरी के बाद गंभीर हालत में मरीज एडमिट होकर इलाजरत रहते हैं. इस जगह शौचालय का पाइप टूटा हुआ है. इस वजह से परिसर में मल-मूत्र फैला हुआ है. यह मल मूत्र एक नाला से होकर राजेंद्र सर्जिकल वार्ड परिसर से आगे निकलता है. नाले का ढक्कन खुला हुआ है. सबसे हैरानी की बात है कि इसी नाले के ऊपर वाटर कूलर लगा हुआ है. यहां मरीज के परिजन पानी भरने के लिए कतार में खड़े रहते हैं.

गंदगी के बीच मरीज का इलाजः जिस जगह काफी मात्रा में पानी का जमाव है, वहीं गाड़ियों की पार्किंग है. मरीज के अटेंडेंट अपने दो पहिया वाहनों की पार्किंग यहीं है. यही हाल राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के पीछे का है. यहां गंदा पानी का जमाव इतना है कि पैर रखने की जगह नहीं है. पानी पर लाखों मच्छर भिनभिनाते आते नजर आते हैं. राजेंद्र सर्जिकल वार्ड के गैलरी इसी क्षेत्र से जुड़ा है, फिर भी इस तरह की लापरवाही की जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि इस गंदगी में डेंगू का इलाज कैसे हो रहा है?

ब्लीचिंग पाउडर छिड़काव नहींः पटना के सबसे बड़े अस्पताल के इस क्षेत्र में न ही ब्लीचिंग पाउडर न कोई केमिकल का छिड़काव होता है. दुर्गंध भी वार्ड में आने जाने वाले लोगों को परेशान करती है. अस्पताल में स्थित बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट का भी यही हाल है. बायोमेडिकल वेस्ट को ओपन एरिया में रखा गया है, जहां कुत्ते और कौवे वेस्ट को नोच कर इधर-उधर ले जाते हैं. इस तरह की तस्वीर ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दी है.

मौन रह गए अधिकारीः सरकार के अधिकारी के लाख दावों के बावजूद सच्चाई सामने है. अस्पतालों में साफ-सफाई रखने और जलजमाव की स्थिति न होने की बातें कर रहे हैं, लेकिन अस्पतालों की जो तस्वीर निकल कर आ रही है, वह दावों के ठीक विपरीत है. पीएमसीएच में गंदगी के मसले पर जब अस्पताल के पदाधिकारी से संपर्क किया गया तो किसी ने इसपर कोई जवाब नहीं दिया.

Last Updated : Sep 12, 2023, 7:54 AM IST
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