पटना: पटना विश्वविद्यालय गेट के सामने छात्र संगठनों ने जमकर हंगामा किया. दरअसल विश्वविद्यालय (Increase in fees in Patna University) साल भर का सेमेस्टर 2500 रुपये फीस था. अब 2700 रुपये हो गया है. जिसको लेकर छात्रों संगठनों ने शुक्रवार को फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय गेट पर प्रदर्शन किया और बढ़ी हुई फीस को वापस लेने की मांग की. विश्वविद्यालय के डीन से मिलकर छात्रों ने उन्हें ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शन में छात्र संगठन आइसा, एआईएसएफ, एनएसयूआई, जन अधिकार छात्र परिषद संगठनों ने भाग लिया.
ये भी पढ़ें : Patna High Court: बिहार के 12 विश्वविद्यालयों में 4638 असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली रद्द, HC का बड़ा फैसला
पहले एक परीक्षा होती थी: छात्र संगठन आइसा के सचिव कुमार दिव्यम ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष से ही चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम यानी कि सीबीसीएस पेटर्न लागू कर दिया गया है. ऐसे में ग्रेजुएशन और मास्टर कोर्सेज के लिए पहले जहां साल में सिर्फ एक परीक्षा ली जाती थी. अब वहीं अब हर ईयर में दो परीक्षाएं आयोजित की जा रही है. ऐसे में विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को अत्यधिक कोर्स फीस देना पड़ रहा है.
कॉलेज में नहीं है परमानेंट फैकेल्टी: जन अधिकार छात्र परिषद के रवि रोशन ने कहा कि पहले जहां साइकोलॉजी के लिए साल भर में 2500 रुपये फीस देना पड़ता था. वहीं अब प्रति सेमेस्टर 2700 रुपये फीस देना पड़ रहा है. साल में 5600 रुपये हो जा रहा है. उन्होंने कहा कि कॉलेज में परमानेंट फैकेल्टी नहीं है और गेस्ट फैकेल्टी के भरोसे यूनिवर्सिटी चल रहा है. लैब में केमिकल नहीं है. इन सब पर विश्वविद्यालय काम नहीं कर रही है.
"विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुने हुए प्रतिनिधि भी इन मुद्दों को लेकर के ज्ञापन सौंपें हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है." -रवि राजा, एनएसयूआई, छात्र संगठन
"पहले जहां साल भर का सेमेस्टर फीस रु2500 होता था. वहीं अब प्रति सेमेस्टर फीस 2500 रुपये हो गया है. उनकी मांग है कि बढ़ी हुई फीस को वापस लिया जाए क्योंकि इससे गरीब छात्रों को परेशानी हो रही है और समय पर फीस नहीं जमा कर पा रहे." -कुमार दिव्यम, सचिव, आईसा
"साल में दो बार परीक्षा ली जा रही इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पूर्व में जो 1 साल का फीस था उसी को दो भाग में बांट कर फीस लिया जाए."-रवि रोशन, जन अधिकार छात्र परिषद
"पटना विश्वविद्यालय कभी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाना जाता था, लेकिन आज गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तो नहीं दी जा रही. पैसे कमाने का अड्डा जरूर बना लिया गया है. फीस में दोगुने की वृद्धि कर दी गई है. पैसा बढ़ा दिया जा रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है." -पुरुषोत्तम, छात्र जयंती