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'कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सतर्कता जरूरी', अस्पतालों में ECMO लगाने की मांग - अस्पतालों में एकमो मशीन

बिहार के बड़े अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर से पहले एकमो (ECMO) मशीन स्थापित करने की मांग उठने लगी है. कहा जा रहा है कि यदि ECMO मशीनें स्थापित हो जाती हैं तो गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का उपचार संभव होगा.

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Published : Jun 8, 2021, 9:23 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना (Corona) से संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है. जिससे लोगों ने राहत की सांस ली हैं. लॉकडाउन को भी खत्म कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग तीसरे लहर को लेकर तैयारियों में जुटा है. तीसरे लहर से पहले राज्य के बड़े अस्पतालों में एकमो (ECMO) मशीन स्थापित करने की मांग उठने लगी है.

बता दें कि कोरोना फेफड़े को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से संक्रमित मरीजों की जान चली जाती है. फेफड़े में संक्रमण बढ़ने की स्थिति में चिकित्सक मरीज को ECMO मशीन के सपोर्ट से कुछ दिनों तक जीवित रख सकते हैं. समय बीतने के साथ मरीज स्टेबल हो सकता है.

ये भी पढ़ें: बिहार में अब 'MIS-C' बीमारी की दस्तक, बच्चों को खतरा ज्यादा, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

बिहार के बड़े अस्पतालों में तीसरे लहर से पहले अगर एकमो मशीन स्थापित हो जाते हैं तो गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का उपचार संभव होगा. समाजसेवी और विशेषज्ञ इस बात की वकालत करने लगे हैं कि सरकार तीसरी लहर से पहले बड़े अस्पतालों में एकमो मशीन की स्थापना करे.

आधुनिक यंत्र की बिहार को जरूरत
समाजसेवी डॉ. संजय कुमार ने कहा है कि तीसरे लहर से पहले सरकार को स्वास्थ सुविधाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत है. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ-साथ कुछ आधुनिक यंत्र ही बड़े अस्पतालों में लगाने की जरूरत है. गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को एकमो मशीन सपोर्ट से बचाया जा सकता है.

देखें रिपोर्ट...

क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग अस्पतालों की विशेषज्ञता देश में है. यह संभव नहीं है कि एक ही अस्पताल में हर बीमारी का इलाज हो. अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो सरकार विचार करेगी.

एकमो सपोर्ट से मरीजों को मिलेगी राहत
बिहार के प्रख्यात चिकित्सक दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि एकमो मशीन के जरिए पोस्ट कोविड-19 संक्रमण से मरीजों को ठीक करने में मदद मिलेगी. गंभीर रूप से जब फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं तब वैसी स्थिति में एकमो के सपोर्ट से मरीजों ठीक किया जा सकता है.

पटना: बिहार में कोरोना (Corona) से संक्रमित मरीजों का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है. जिससे लोगों ने राहत की सांस ली हैं. लॉकडाउन को भी खत्म कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग तीसरे लहर को लेकर तैयारियों में जुटा है. तीसरे लहर से पहले राज्य के बड़े अस्पतालों में एकमो (ECMO) मशीन स्थापित करने की मांग उठने लगी है.

बता दें कि कोरोना फेफड़े को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. ऑक्सीजन की कमी की वजह से संक्रमित मरीजों की जान चली जाती है. फेफड़े में संक्रमण बढ़ने की स्थिति में चिकित्सक मरीज को ECMO मशीन के सपोर्ट से कुछ दिनों तक जीवित रख सकते हैं. समय बीतने के साथ मरीज स्टेबल हो सकता है.

ये भी पढ़ें: बिहार में अब 'MIS-C' बीमारी की दस्तक, बच्चों को खतरा ज्यादा, जानें इसके लक्षण और बचाव के तरीके

बिहार के बड़े अस्पतालों में तीसरे लहर से पहले अगर एकमो मशीन स्थापित हो जाते हैं तो गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों का उपचार संभव होगा. समाजसेवी और विशेषज्ञ इस बात की वकालत करने लगे हैं कि सरकार तीसरी लहर से पहले बड़े अस्पतालों में एकमो मशीन की स्थापना करे.

आधुनिक यंत्र की बिहार को जरूरत
समाजसेवी डॉ. संजय कुमार ने कहा है कि तीसरे लहर से पहले सरकार को स्वास्थ सुविधाओं को और बेहतर बनाने की जरूरत है. ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ-साथ कुछ आधुनिक यंत्र ही बड़े अस्पतालों में लगाने की जरूरत है. गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को एकमो मशीन सपोर्ट से बचाया जा सकता है.

देखें रिपोर्ट...

क्या कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री
बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कि अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग अस्पतालों की विशेषज्ञता देश में है. यह संभव नहीं है कि एक ही अस्पताल में हर बीमारी का इलाज हो. अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो सरकार विचार करेगी.

एकमो सपोर्ट से मरीजों को मिलेगी राहत
बिहार के प्रख्यात चिकित्सक दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि एकमो मशीन के जरिए पोस्ट कोविड-19 संक्रमण से मरीजों को ठीक करने में मदद मिलेगी. गंभीर रूप से जब फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं तब वैसी स्थिति में एकमो के सपोर्ट से मरीजों ठीक किया जा सकता है.

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