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Bihar Caste Census: 'जातीय जनगणना में स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों को अलग दर्जा मिले', मांग को लेकर संगठन ने की बैठक - Patna News

बिहार में जातीय जनगणना में स्वतंत्रता सेनानी को अलग दर्जा देने की मांग की गई. रविवार को अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद की ओर से इस मांग को लेकर बैठक की गई, जिसमें कहा गया कि इस जनगणना में स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों का अलग से गणना की जाए. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 23, 2023, 10:31 PM IST

प्रो. कुमार पटेल, संगठन के अध्यक्ष

पटनाः बिहार में जाति जनगणना कार्य चल रहा है. आए दिन इसको लेकर कोई न कोई संगठन अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं. इसी कड़ी में स्वतंत्र सेनानी के परिजनों ने अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद के बैनर तले रविवार को दरोगा राय परिषद स्थित संगठन के कार्यालय में एक बैठक संपन्न की. सरकार से मांग की है कि जातीय जनगणना में अलग से बिहार के स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की गणना की जाए.

यह भी पढ़ेंः Parshuram Jayanti: 'बिहार में भगवान को भी जाति के आधार पर बांट रखा है'.. परशुराम जंयती समारोह में बोले राज्यपाल


आरक्षण का लाभ बढ़ाने की मांगः बिहार राज्य स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कुमार पटेल ने बैठक की अध्यक्षता की. इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जाति गणना में स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों की अलग से कोड निर्धारित करके गणना करें. इसी का अनुसरण करते हुए देश के सभी राज्य अपने राज्य के स्वतंत्र सेनानी परिवारों की गणना करें. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन लोगों की मांग यह भी है कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी स्वतंत्रता सेनानी के प्रथम पीढ़ी के उत्तराधिकारी यों को संपूर्ण सम्मान पेंशन का लाभ दिया जाए. उत्तराधिकारियों को दी जाने वाली आरक्षण का लाभ 2% से बढ़ाकर 5% किया जाए.

तालकटोरा स्टेडियम होगा सभाः कुमार पटेल ने कहा कि उनका संगठन बिहार राज्य स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद से संबद्धता रखता है. इस संगठन का देशभर में प्रदेश के स्तर पर बैठक चल रही है. आने वाले दिनों में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक सभा का आयोजन किया जाएगा. आजादी के अमृत काल में स्वतंत्रता सेनानी के सपनों का भारत बनाने का सरकार ने लक्ष्य रखा है. ऐसे में इसमें स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की क्या भूमिका रहेगी सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए.

स्वतंत्रता सेनानियों के लिए हो राजकीय समारोहः कार्यपालिका और विधायिका किस भूमिका में काम करेगी यह सभी स्पष्ट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी जो लोकतंत्र है. उसमें कई बदलाव की आवश्यकता है और इन तमाम विषयों पर अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद एक बैठक करेगी, जिसमें यह मांग रहेगी कि विभिन्न प्रदेशों में साल में 1 दिन निर्धारित कर के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए राजकीय समारोह आयोजित किया जाए. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार ऑनलाइन परिचय पत्र स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के लिए जारी करे.

"बिहार में चल रही जातीय जनगणना में स्वतंत्रता सेनानी के लिए अलग से दर्जा तय की जाए. स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की अलग से गणना की जाए. बिहार में स्वतंत्रता सेनानी के कितने लोग हैं, इसकी गणना की जाए. यह बहुत जरूरी है और यह पूरे देश में होनी चाहिए. सरकार से हमारी मांग है कि बिहार के जितने भी स्वतंत्रता सेना हैं, सभी की याद में हर साल राजकीय समारोह मनाया जाए. इनके परिवारों को सम्मान पेंशन देने का काम किया जाए." -प्रो. कुमार पटेल, संगठन के अध्यक्ष

प्रो. कुमार पटेल, संगठन के अध्यक्ष

पटनाः बिहार में जाति जनगणना कार्य चल रहा है. आए दिन इसको लेकर कोई न कोई संगठन अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं. इसी कड़ी में स्वतंत्र सेनानी के परिजनों ने अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद के बैनर तले रविवार को दरोगा राय परिषद स्थित संगठन के कार्यालय में एक बैठक संपन्न की. सरकार से मांग की है कि जातीय जनगणना में अलग से बिहार के स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की गणना की जाए.

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आरक्षण का लाभ बढ़ाने की मांगः बिहार राज्य स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कुमार पटेल ने बैठक की अध्यक्षता की. इसके बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि बिहार सरकार जाति गणना में स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों की अलग से कोड निर्धारित करके गणना करें. इसी का अनुसरण करते हुए देश के सभी राज्य अपने राज्य के स्वतंत्र सेनानी परिवारों की गणना करें. उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन लोगों की मांग यह भी है कि अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी स्वतंत्रता सेनानी के प्रथम पीढ़ी के उत्तराधिकारी यों को संपूर्ण सम्मान पेंशन का लाभ दिया जाए. उत्तराधिकारियों को दी जाने वाली आरक्षण का लाभ 2% से बढ़ाकर 5% किया जाए.

तालकटोरा स्टेडियम होगा सभाः कुमार पटेल ने कहा कि उनका संगठन बिहार राज्य स्वतंत्रता सेनानी एवं उत्तराधिकारी संगठन अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद से संबद्धता रखता है. इस संगठन का देशभर में प्रदेश के स्तर पर बैठक चल रही है. आने वाले दिनों में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक सभा का आयोजन किया जाएगा. आजादी के अमृत काल में स्वतंत्रता सेनानी के सपनों का भारत बनाने का सरकार ने लक्ष्य रखा है. ऐसे में इसमें स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की क्या भूमिका रहेगी सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए.

स्वतंत्रता सेनानियों के लिए हो राजकीय समारोहः कार्यपालिका और विधायिका किस भूमिका में काम करेगी यह सभी स्पष्ट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी जो लोकतंत्र है. उसमें कई बदलाव की आवश्यकता है और इन तमाम विषयों पर अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण महापरिषद एक बैठक करेगी, जिसमें यह मांग रहेगी कि विभिन्न प्रदेशों में साल में 1 दिन निर्धारित कर के स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए राजकीय समारोह आयोजित किया जाए. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार ऑनलाइन परिचय पत्र स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के लिए जारी करे.

"बिहार में चल रही जातीय जनगणना में स्वतंत्रता सेनानी के लिए अलग से दर्जा तय की जाए. स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की अलग से गणना की जाए. बिहार में स्वतंत्रता सेनानी के कितने लोग हैं, इसकी गणना की जाए. यह बहुत जरूरी है और यह पूरे देश में होनी चाहिए. सरकार से हमारी मांग है कि बिहार के जितने भी स्वतंत्रता सेना हैं, सभी की याद में हर साल राजकीय समारोह मनाया जाए. इनके परिवारों को सम्मान पेंशन देने का काम किया जाए." -प्रो. कुमार पटेल, संगठन के अध्यक्ष

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