पटना : जन्म जयंती के मौके पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को देशवासी याद कर रहे हैं. जीरादेई की धरती पर जन्म में डॉ राजेंद्र प्रसाद ने देश के इतिहास में अमूल्य योगदान दिया. राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में स्टैचू आफ विजडम बनाने की मांग जोड़ पकड़ने लगी है. डॉ राजेंद्र प्रसाद का योगदान स्वतंत्रता आंदोलन और आजाद भारत में अतुलनीय था.
स्टैचू ऑफ विजडम की मांग : राजेंद्र प्रसाद ने बेहद ईमानदारी और सत्य निष्ठा के साथ राजनीतिक जीवन जिया. राजेंद्र बाबू के परिजनों और बिहार वासियों को इस बात का अफसोस है कि पूर्व राष्ट्रपति को जितना सम्मान मिलना चाहिए था उतना सम्मान नहीं मिला. डॉ राजेंद्र प्रसाद को उचित सम्मान मिले इसके लिए लोग बाग संघर्ष भी कर रहे हैं. बिहार के लोगों ने यह अभियान चला रखा है कि राजेंद्र बाबू की स्मृति में विशाल का स्टैचू आफ विजडम का निर्माण हो, इसके लिए सरकार से जमीन की मांग की जा रही है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी हुए शामिल : राजधानी पटना के बापू सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी हिस्सा लिया. भाजपा ने लोगों को यह भरोसा दिलाया कि अगर बिहार में भाजपा की सरकार बनी तो राजेंद्र बाबू की स्मृति में बहुत कुछ किया जाएगा. डॉ राजेंद्र प्रसाद के रिश्तेदार और नाती मनीष सिंह ने कहा कि ''डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में स्टैचू आफ विजडम का निर्माण होना चाहिए, इसके अलावा कांस्टीट्यूएंट असेंबली की रिप्लिका और प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी का निर्माण होना चाहिए.''
'नहीं मिला राजेन्द्र बाबू को उतना सम्मान' : राजेंद्र प्रसाद के लिए लड़ाई लड़ने वाले सुजय ने कहा कि ''डॉ राजेंद्र प्रसाद को जितना सम्मान मिलना चाहिए था, उतना सम्मान नहीं मिला हम लोग मांग करते हैं कि डॉ राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में दुनिया के सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण कराया जाए.''
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि ''बिहार में अगर भाजपा की सरकार बनी तो राजेंद्र बाबू की स्मृति में सबसे ऊंची प्रतिमा का निर्माण कराया जाएगा, 243 फीट की ऊंचाई की मूर्ति का निर्माण भाजपा कराएगी. पिछली सरकार ने राजेंद्र बाबू के लिए कुछ भी नहीं किया. हम लोगों के लिए चिंता का विषय है कि बिहार जहां से शुरू हुआ था अब पीछे की तरफ जा रहा है.''
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