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Demand For Rajputana State: ठाकुर विवाद के बाद नए 'राजपूताना राज्य' की मांग, पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर

आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर बोलते हुए ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता ठाकुर की (Thakur Vs Brahmin Dispute).. का पाठ किया था. उसके बाद से बिहार की सियासत में बवाल मचा हुआ है. बयानबाजी जारी है, इसी बीच अब राजपूताना राज्य की मांग का मुद्दा भी उठने लगा है.

बिहार में नए राजपूताना राज्य की मांग
बिहार में नए राजपूताना राज्य की मांग
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 29, 2023, 5:33 PM IST

ठाकुर विवाद को लेकर पटना की सड़कों पर पोस्टर

पटना: ठाकुर विवाद अब पटना की सड़कों पर पहुंच गया है. राजधानी की सड़कों पर शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय द्वारा एक पोस्टर लगाया गया है और पोस्टर के जरिए बिहार में अलग राजपूताना राज्य बनाने की मांग की गई है. इस पोस्टर के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि बिहार की किस जिले में राजपूतों की संख्या ज्यादा है.

पढ़ें- Manoj Jha Thakur Remark: मनोज झा के बयान पर छिड़ा सियासी संग्राम, जानें 'ठाकुर' को लेकर क्यों मचा है बवाल

ठाकुर विवाद को लेकर पटना की सड़कों पर पोस्टर: पोस्टर में साफ-साफ लिखा है कि बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर और सहरसा को मिलाकर राजपूताना राज्य बनाया जाए, जहां राजपूतों को संख्या ज्यादा है. पोस्टर के नीचे में साफ-साफ लिखा गया है कि हमें चाहिए अलग राजपूताना राज्य. इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह की तस्वीर लगाई गई है और लिखा गया है कि पिछड़ों को आरक्षण उन्होंने दिया. पोस्टर में मनोज झा की तस्वीर भी लगी है, जिसके पास काली स्याही डाली गई है.

बिहार में राजपूताना राज्य बनाने की मांग: उसके बाद केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की तस्वीर लगाई गई है और उसमें लिखा गया है कि पिछड़े को उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण इन्हीं की देन है. इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को भी जगह दी गयी है और चंद्रशेखर की तस्वीर लगाकर लिखा गया है कि पिछड़ी जाति के समाजवादी नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने का काम चंद्रशेखर ने किया था. साथ ही इस पोस्टर में लिखा हुआ है की नई संसद में राजदंड, देश में राजपूताना रेजीमेंट तो अलग राजपूताना राज्य क्यों नहीं. यह पोस्टर कांग्रेस की पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय ने लगाया है. उनका कहना है कि बिहार में अलग राजपूताना राज्य बनना चाहिए.

सिद्धार्थ क्षत्रिय का बयान: सिद्धार्थ क्षत्रिय ने कहा कि मनोज झा ने जो बयान दिया है वह बिल्कुल गलत है और इस तरह के बयान को लेकर उन्हें माफी मांगनी चाहिए. जब उनसे सवाल किया गया कि मनोज झा के बयानों का समर्थन राजद के लोग कर रहे हैं यहां तक लालू प्रसाद यादव भी कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं यह मनोज झा का बयान है और माफी उन्हें मांगना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि जिस तरह से देश में राजपूताना रेजीमेंट है, उस तरह से बिहार में भी राजपूताना राज्य होना चाहिए.

"हम लोगों को अलग राज्य मिलना चाहिए. हमने 7 जिलों की चर्चा पोस्टर में कर दी है, जहां पर हमारे समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है.यह मांग हम केंद्र सरकार से कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हमारे मांग पर विचार करें. राजद सांसद मनोज झा को अपने बयान को लेकर माफी मांगनी होगी नहीं तो क्षत्रिय समाज इसको लेकर पूरे बिहार में आंदोलन करेगा."- सिद्धार्थ क्षत्रिय, पूर्व सचिव, बिहार कांग्रेस

पूरा मामलाः महिला आरक्षण बिल पेश होने के दौरान राज्यसभा में एमपी मनोज झा ने 'ठाकुर का कुआं' वाली कविता पढ़ी थी. उन्होंने कहा था कि ठाकुर कोई जाति विशेष नहीं बल्कि सामंती व्यवस्था का प्रतीक है और ऐसी व्यवस्था को मारने की बात कही थी. मनोझ झा के बयान पर एक ओर लालू प्रसाद यादव ने बचाव किया, वहीं आरजेडी एमएलए चेतन आनंद ने मनोझ झा पर सियासी हमला किया था. इसी को लेकर अब बिहार में अलग राज्य की मांग उठने लगी है.

यह भी पढ़ेंः Women Reservation Bill : आरजेडी सांसद मनोज झा ने श्लोक के जरिए कसा तंज, देश के चरित्र को बताया विरोधाभाषी

पढ़ें- Thakur Vs Brahmin Dispute : मनोज झा के 'ठाकुर' वाले तालाब में सियासत की डुबकी, बचाव में उतरे लालू

यह भी पढ़ेंः Thakur Vs Brahmin Dispute: 'एक फिटकरी झा..' RJD MP मनोज झा पर भड़के आनंद मोहन

ठाकुर विवाद को लेकर पटना की सड़कों पर पोस्टर

पटना: ठाकुर विवाद अब पटना की सड़कों पर पहुंच गया है. राजधानी की सड़कों पर शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय द्वारा एक पोस्टर लगाया गया है और पोस्टर के जरिए बिहार में अलग राजपूताना राज्य बनाने की मांग की गई है. इस पोस्टर के जरिए यह बताने की कोशिश की गई है कि बिहार की किस जिले में राजपूतों की संख्या ज्यादा है.

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ठाकुर विवाद को लेकर पटना की सड़कों पर पोस्टर: पोस्टर में साफ-साफ लिखा है कि बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, भोजपुर, सारण, वैशाली, समस्तीपुर और सहरसा को मिलाकर राजपूताना राज्य बनाया जाए, जहां राजपूतों को संख्या ज्यादा है. पोस्टर के नीचे में साफ-साफ लिखा गया है कि हमें चाहिए अलग राजपूताना राज्य. इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री बीपी सिंह की तस्वीर लगाई गई है और लिखा गया है कि पिछड़ों को आरक्षण उन्होंने दिया. पोस्टर में मनोज झा की तस्वीर भी लगी है, जिसके पास काली स्याही डाली गई है.

बिहार में राजपूताना राज्य बनाने की मांग: उसके बाद केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह की तस्वीर लगाई गई है और उसमें लिखा गया है कि पिछड़े को उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण इन्हीं की देन है. इस पोस्टर में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को भी जगह दी गयी है और चंद्रशेखर की तस्वीर लगाकर लिखा गया है कि पिछड़ी जाति के समाजवादी नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने का काम चंद्रशेखर ने किया था. साथ ही इस पोस्टर में लिखा हुआ है की नई संसद में राजदंड, देश में राजपूताना रेजीमेंट तो अलग राजपूताना राज्य क्यों नहीं. यह पोस्टर कांग्रेस की पूर्व सचिव सिद्धार्थ क्षत्रिय ने लगाया है. उनका कहना है कि बिहार में अलग राजपूताना राज्य बनना चाहिए.

सिद्धार्थ क्षत्रिय का बयान: सिद्धार्थ क्षत्रिय ने कहा कि मनोज झा ने जो बयान दिया है वह बिल्कुल गलत है और इस तरह के बयान को लेकर उन्हें माफी मांगनी चाहिए. जब उनसे सवाल किया गया कि मनोज झा के बयानों का समर्थन राजद के लोग कर रहे हैं यहां तक लालू प्रसाद यादव भी कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि नहीं यह मनोज झा का बयान है और माफी उन्हें मांगना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि जिस तरह से देश में राजपूताना रेजीमेंट है, उस तरह से बिहार में भी राजपूताना राज्य होना चाहिए.

"हम लोगों को अलग राज्य मिलना चाहिए. हमने 7 जिलों की चर्चा पोस्टर में कर दी है, जहां पर हमारे समाज के लोगों की संख्या ज्यादा है.यह मांग हम केंद्र सरकार से कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हमारे मांग पर विचार करें. राजद सांसद मनोज झा को अपने बयान को लेकर माफी मांगनी होगी नहीं तो क्षत्रिय समाज इसको लेकर पूरे बिहार में आंदोलन करेगा."- सिद्धार्थ क्षत्रिय, पूर्व सचिव, बिहार कांग्रेस

पूरा मामलाः महिला आरक्षण बिल पेश होने के दौरान राज्यसभा में एमपी मनोज झा ने 'ठाकुर का कुआं' वाली कविता पढ़ी थी. उन्होंने कहा था कि ठाकुर कोई जाति विशेष नहीं बल्कि सामंती व्यवस्था का प्रतीक है और ऐसी व्यवस्था को मारने की बात कही थी. मनोझ झा के बयान पर एक ओर लालू प्रसाद यादव ने बचाव किया, वहीं आरजेडी एमएलए चेतन आनंद ने मनोझ झा पर सियासी हमला किया था. इसी को लेकर अब बिहार में अलग राज्य की मांग उठने लगी है.

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