पटना: सावन माह की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी सलामती की प्रार्थना करती हैं. वहीं बदले में भाई बहन की रक्षा करने का वचन देता है. रक्षाबंधन के अब कुछ ही दिन बाकी हैं. ऐसे में पटना के बाजारों में राखियों की रौनक दिखने लगी है.
पढ़ें- BPSC में सुधीर कुमार बने टॉपर, बहन बोलीं- रक्षाबंधन से पहले ही भाई ने दे दिया सबसे महंगा गिफ्ट
सोने चांदी की राखी की बढ़ी मांग: सर्राफा बाजार के बड़े व्यापारी अशोक सोनार ने बताया कि बाजारों की मांग पर तिरंगे वाली राखी, डिजाइनर राखी और बच्चों के लिए अलग-अलग कार्टून वाली राखियों को चांदी (demand for gold silver rakhi In patna) पर बनवाया है. तिरंगा राखी के साथ-साथ महाकाल और ओम वाली राखी भी मार्केट में काफी ट्रेंड कर रही है. सावन की वजह से शिव भक्तों को यह राखी काफी पसंद आ रही है. यह भी चांदी में आ रही है.
चुकानी होगी इतनी कीमत: इसके अलावा बिना चांदी के सिर्फ चांदी की परत चढ़ी हुई भी राखियां इसी डिजाइन में उनके पास मौजूद हैं. जिनकी कीमत बेहद कम है. इसके अलावा चांदी वाली राखियां 300 से लेकर हजार 20 हजार तक की मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि उनके पास 5 ग्राम से लेकर 10 ग्राम या इससे ज्यादा तक सोने की राखियां भी मौजूद हैं. जिसकी कीमत बेचने पर पूरी वापस हो जाएगी. सिर्फ उसको बनाने में जो खर्चा आया है उसे ही काटा जाएगा.
बाजारों की लौटी रौनक: वही सर्राफा कारोबारी ओमप्रकाश ने बताया कि इस बार रक्षा बन्धन पर सोने चांदी की राखी की मांग बहुत बढ़ गयी है. बहनों ने अपने भाइयों के लिए रक्षा बन्धन पर चांदी की 300सौ रुपये से लेकर 1800सौ रुपये तक की राखियां ज्यादा खरीद रही हैं. वहीं सोने की राखी की भी डिमांड इस बार बढ़ी है. सोने की राखी 2000 हजार से 60 हजार से ज्यादा की है. सामान्य रूप से सोने की अनेक डिजाइन में बनी फैंन्सी राखी 16 हजार से लेकर 95 हजार रुपये तक है. उन्होंने कहा कि लोग अपने जेब के अनुसार खरीदारी कर रहे है. सर्राफा बाजार में रौनक बनी हुई है.
"बाजार में सोने और चांदी की राखियों में कई वेराइटी उपलब्ध हैं .सोने की राखियों में स्टोन वर्क, कुंदन वर्क और फूलों की डिज़ाइन लोकप्रिय है. चांदी की राखियां भी लोगों को लुभा रही हैं."- अशोक सोनार, सर्राफा कारोबारी
"कुछ राखियां सिर्फ रक्षा बंधन में ही नहीं बल्कि पूरे साल पहनी जा सकती है. इनकी ऐसी डिजाइनिंग की जाती है कि इन्हें बाद में ब्रेसलेट, पेंडेंड, कड़ा, चेन आदि रूप में भी लोग पहन सकें. खास बात यह है कि राखी में लगे ओम या स्वास्तिक को बाद में पेंडुलम की तरह गले में पहना जा सकता है."- ओम प्रकाश, सर्राफा कारोबारी