पटना: बिहार में गर्मी (Heat increase continuously in Bihar) ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. प्रदेश में पारा 36 से 39 डिग्री (Weather Update Of Bihar) के पार होने से गर्मी अचानक बढ़ गई है. गर्मी की शुरुआत में ही लोगों में शरीर से जुड़ी समस्याएं परेशान करने लगती है. खानपान में सुधार नहीं होने के कारण पेट दर्द के साथ साथ कई प्रकार की बीमारियों से परेशान हो जाते हैं. गर्मी में जरूरी है कि शरीर को ठंडा कैसे रखा जाए और स्वस्थ कैसे रहा जाए. मौसम में आई गर्मी से बचाव के लिए बाजारों में शीतल पेय पदार्थों की बिक्री (demand for fruit juices as temperatures rise in bihar) भी जोर पकड़ने लगी है. पेय पदार्थ के दामों में भी थोड़ी वृद्धि हुई है.
पेय पदार्थों की बढ़ी डिमांड: गर्मी शुरू होने के साथ ही चौक चौराहों पर नारियल पानी, गन्ना व अन्य फलों के जूस, मिक्स फ्रूट की दुकानें सज गई हैं. लोग भी गर्मी शुरू होने के साथ ही पेय पदार्थ पीना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. कई सारे लोग फल फ्रूट खाना पसंद करते हैं. लोग कुछ ऐसे फल या ड्रिंक्स पी रहे जो शरीर के लिए फायदेमंद हो, जिससे बीमार भी न पड़े और पेट से जुड़ी कोई समस्या भी न हो. गर्मी से बचाव के लिए जागरुक बने हुए हैं. स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए हर तरह के जतन किए जा रहे हैं.
गर्मी में गन्ना है लाभदायक: डाॅक्टरों के अनुसार आयरन व कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा होने के कारण गन्ने का रस तुरंत शक्ति व स्फूर्ति प्रदान करता है. इसमें ढेर सारे खनिज तत्व व ऑर्गेनिक एसिड होने के कारण इसका औषधीय महत्व भी है. गन्ने का रस पेट, दिल, दिमाग, गुर्दे व आंखों के लिए लाभदायक है. गन्ने का रस हमेशा ताजा व छना हुआ ही पीना चाहिए. एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है. गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है.
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बेल के शरबत के फायदे: बेल का जूस गर्मी के मौसम में काफी फायदेमंद रहता है. यह अंदर से ठंडा रखता है और एसिडिटी की समस्या से दूर करता है. इसके नियमित इस्तेमाल से कब्ज की बीमारी दूर रहती है. भूख भी अधिक लगती है. बेल के जूस से ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है. बेल का जूस पीने से कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है. साथ ही इसमें थोड़ा घी मिलाकर पीने से दिल की बीमारी का खतरा कम रहता है. यह खून को साफ रखता है, अल्सर की समस्या को भी दूर करता है. अगर मुंह में छाले आ गए हैं तो बेल के जूस से यह समस्या भी दूर हो जाती है. गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर इसके इस्तेमाल से दस्त और डायरिया में काफी फायदा रहता है.
क्या कहते हैं लोग: वहीं स्थानीय निवासी सीपी सिंह ने कहा कि गर्मी के मौसम शुरू होने के साथ ही शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत होती है. तेल, मसाले वाले भोजन से गर्मी के दिनों में दूरी बनानी चाहिए और हो सके तो ज्यादा से ज्यादा फल फ्रूट पेय पदार्थ पीना चाहिए. जिससे कि शरीर में पानी की कमी ना हो और शरीर स्वस्थ रहे. उन्होंने कहा कि मैं सुबह शाम दोपहर में फ्रूट जूस गर्मी के दिनों में पीता हूं और भोजन मात्र एक बार ही करता हूं. वहीं तुषार पांडे ने कहा कि मार्च के महीने में गर्मी बढ़ गई है. अब ऐसे में खानपान में बदलाव करना बेहद जरूरी है इसलिए ज्यादा से ज्यादा फल फ्रूट खीरा बेल का जूस पी रहे हैं.
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क्या कहते है व्यवसायी: वहीं मिक्स फ्रूट बेचने वाले दुकानदार गुड्डू कुमार ने बताया कि गर्मी का मौसम शुरू होने के साथ ही मिक्स फ्रूट खाना लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. सुबह से ही ग्राहकों की भीड़ पहुंच रही है. मिक्स फ्रूट में तरबूज, सेव, स्ट्रॉबेरी, खीरा, बीट, अमरूद, केला, पपीता सभी फायदेमंद वाले फ्रूट लोगों को देते हैं जो लोगों को खूब पसंद भी आता है. लोग अपने सेहत का ख्याल करके खूब चाव से खाते भी हैं. बता दें कि गर्मी बढ़ने के साथ नारियल पानी भी लोग पीना पसन्द करते हैं. इन दिनों लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं और इसी का नतीजा है कि लोगों की मांग के हिसाब से शहर में चारों तरफ नारियल पानी, जूस की दुकान लग गई है. फल, नारियल पानी सिर्फ हमारे इम्यून सिस्टम के लिए अच्छे माने जाते हैं.
जान लीजिए पेय पदार्थों की कीमत: नारियल पानी 50 से 60 रुपये, मिक्स फ्रूट ₹40 प्लेट, गन्ना जूस ₹20 ग्लास, अनार जूस 60 रुपये, नारंगी जूस 40 रुपये, लस्सी 30 रुपये गिलास, बेल शरबत 30 रुपये गिलास मिल रहा है. मांग के कारण दामों में भी वृद्धि देखने को मिली है. लेकिन इसके बावजूद लोग अपने हेल्थ का पूरा ध्यान रख रहे हैं. जितना हो सके लोग फल और फलों के रस का सेवन कर रहे हैं. इस बार मार्च में ही मई जैसी गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है.
24 सालों का टूटा रिकॉर्ड: आपको बता दें कि मार्च महीने में ही जिस तरह से मई महीने की तरह गर्मी पड़ रही है, कहीं ना कहीं 24 सालों का रिकॉर्ड इस साल मार्च महीने में टूटा है. जिस वजह से मई में काफी गर्मी लू चलने की संभावना जताई जा रही है. श्रम संसाधन विभाग को मजदूरों की कार्य अवधि में बदलाव, कार्यस्थल पर पेयजल और मजदूरों के लिए जागरूकता कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है. वहीं परिवहन विभाग को वाहनों का परिचालन कम करने का निर्देश दिया गया है.
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