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किसी ने सच ही कहा था, 'दिल्ली बहुत दूर है'

आरजेडी और जेडीयू ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई. लेकिन दिल्ली वालों ने इन्हें सिरे खारिज कर दिया. ये दिल्ली के दिल में अपनी जगह नहीं बना पाए. इनके लिए दिल्ली अभी बहुत दूर है.

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Published : Feb 12, 2020, 11:04 AM IST

Updated : Feb 13, 2020, 3:01 PM IST

दिल्ली/पटना: भला कौन नहीं चाहता है बड़ा बने. तो क्या बुरा किया एलजेपी, आरजेडी और जेडीयू ने? उसने भी तो यही सोचा कि पार्टी का विस्तार करना है. पर, उसे क्या पता था कि, 'बड़ी मुश्किल है राह पनघट की.'

वो 70 का दशक था जब, बिहार से जयप्रकाश नारायण ने हुंकार भरी और इंदिरा गांधी का सिंघासन डगमगा गया. बिहार में बैठे नेता फिर से सोचने लगे चलो एक बार फिर से दाव आजमाते हैं, केजरीवाल को हराते हैं.

देखें विशेष रिपोर्ट.

दिल्लीवासियों को पसंद नहीं आया 'बिहारराज'

पिछड़ा बिहार अपने आप को अग्रणी दिखाकर दिल्ली को छोटा करने में लगा था. नीतीश कुमार दिल्ली सरकार को कठघड़े में खड़ा करके बिहार की राह पर चलने की दिशा दे रहे थे. पर, दिल्लीवासी को 'बिहारराज' पसंद नहीं आया. वह 'तीर' चलाने से अच्छा 'छाड़ू' लगाना ही समझे.

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दिल्ली में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करते सीएम नीतीश कुमार

'दिल्ली बहुत दूर है'
लालू पुत्र तेजस्वी यादव ने भी तो बहुत कोशिश की. पर, दिल्ली वासियों ने उनकी 'लालटेन' में तेल नहीं डाला. कुछ ऐसा ही हाल चिराग पासवान का रहा. उनके 'घर' में भी कोई रहना पसंद नहीं किया.

दिल्ली
दिल्ली विधान सभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी के लिए वोट मांगते तेजस्वी यादव

कुल मिलाकर कहें तो बिहार के नेता हजार किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली पहुंच तो गए. पर वह दिल्ली के दिल में नहीं बस पाए. तभी तो लोग कहने लगे हैं, 'दिल्ली बहुत दूर है.'

दिल्ली/पटना: भला कौन नहीं चाहता है बड़ा बने. तो क्या बुरा किया एलजेपी, आरजेडी और जेडीयू ने? उसने भी तो यही सोचा कि पार्टी का विस्तार करना है. पर, उसे क्या पता था कि, 'बड़ी मुश्किल है राह पनघट की.'

वो 70 का दशक था जब, बिहार से जयप्रकाश नारायण ने हुंकार भरी और इंदिरा गांधी का सिंघासन डगमगा गया. बिहार में बैठे नेता फिर से सोचने लगे चलो एक बार फिर से दाव आजमाते हैं, केजरीवाल को हराते हैं.

देखें विशेष रिपोर्ट.

दिल्लीवासियों को पसंद नहीं आया 'बिहारराज'

पिछड़ा बिहार अपने आप को अग्रणी दिखाकर दिल्ली को छोटा करने में लगा था. नीतीश कुमार दिल्ली सरकार को कठघड़े में खड़ा करके बिहार की राह पर चलने की दिशा दे रहे थे. पर, दिल्लीवासी को 'बिहारराज' पसंद नहीं आया. वह 'तीर' चलाने से अच्छा 'छाड़ू' लगाना ही समझे.

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दिल्ली में एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करते सीएम नीतीश कुमार

'दिल्ली बहुत दूर है'
लालू पुत्र तेजस्वी यादव ने भी तो बहुत कोशिश की. पर, दिल्ली वासियों ने उनकी 'लालटेन' में तेल नहीं डाला. कुछ ऐसा ही हाल चिराग पासवान का रहा. उनके 'घर' में भी कोई रहना पसंद नहीं किया.

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दिल्ली विधान सभा चुनाव में आरजेडी प्रत्याशी के लिए वोट मांगते तेजस्वी यादव

कुल मिलाकर कहें तो बिहार के नेता हजार किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली पहुंच तो गए. पर वह दिल्ली के दिल में नहीं बस पाए. तभी तो लोग कहने लगे हैं, 'दिल्ली बहुत दूर है.'

Last Updated : Feb 13, 2020, 3:01 PM IST
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