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'मोदी सरकार संविधान के अनुरूप लेती है निर्णय, कोर्ट ने लगायी मुहर'- विजय सिन्हा - decision to remove Article 370 is right

Article 370 Verdict जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया. कोर्ट ने केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है, यानि अनुच्छेद 370 के हटाए जाने को सही ठहराया. सभी पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गयी. बीजेपी विधायक सह नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने विरोधी दलों पर जोरदार हमला किया. Article 370 Verdict

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष.
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 11, 2023, 3:52 PM IST

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष.

पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को सही ठहराया है. बीजेपी विधायक सह नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने जो कुछ निर्णय जम्मू कश्मीर को लेकर लिया था वो संविधान के तहत लिया गया था. यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे थे उनकी आज बोलती बंद हो गई. ये लोग अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कर जम्मू कश्मीर के लोगों को बहकाने का काम कर रहे थे.

"जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. कोर्ट ने इस बात को माना है कि अनुच्छेद 370 जिस तरह से वहां पर लगा दिया गया था जम्मू कश्मीर का विकास रुक गया था. अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ही जम्मू कश्मीर तेजी से विकास कर रहा है. धारा 35 A को भी मोदी सरकार ने हटाया था इसके फायदे अब दिखने लगे हैं."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

विपक्ष राजनीति कर रहा थाः विजय सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. हम लोग शुरू से कहते थे कि केंद्र में बैठी हुई सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर जो भी फैसला लेते हैं, वह पूरी तरह से संवैधानिक है. कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है. भले ही विपक्ष में बैठे ही लोग इसको लेकर राजनीति कर रहे थे, लेकिन उससे कोई फायदा उन्हें होने वाला नहीं था. यह बात भारतीय जनता पार्टी के लोग शुरू से कह रहे थे और आज यह बात साबित हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहाः सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार 11 दिसंबर को फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार का 5 अगस्त 2019 का फैसला बरकरार रहेगा. राष्ट्रपति के पास 370 पर फैसला लेने का अधिकार है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला पढ़ा.

इसे भी पढ़ेंः 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बदले RJD और JDU के सुर, बोले- 'कोर्ट के फैसले का करते हैं स्वागत'

इसे भी पढ़ेंः 'एक देश एक संविधान', आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पटनावासियों का रिएक्शन

इसे भी पढ़ेंः अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सोशल मीडिया, 'अब रोना बंद कीजिए'

विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष.

पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को सही ठहराया है. बीजेपी विधायक सह नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार ने जो कुछ निर्णय जम्मू कश्मीर को लेकर लिया था वो संविधान के तहत लिया गया था. यह बात सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया. उन्होंने कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे थे उनकी आज बोलती बंद हो गई. ये लोग अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध कर जम्मू कश्मीर के लोगों को बहकाने का काम कर रहे थे.

"जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. कोर्ट ने इस बात को माना है कि अनुच्छेद 370 जिस तरह से वहां पर लगा दिया गया था जम्मू कश्मीर का विकास रुक गया था. अनुच्छेद 370 हटाने के बाद ही जम्मू कश्मीर तेजी से विकास कर रहा है. धारा 35 A को भी मोदी सरकार ने हटाया था इसके फायदे अब दिखने लगे हैं."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष

विपक्ष राजनीति कर रहा थाः विजय सिन्हा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. हम लोग शुरू से कहते थे कि केंद्र में बैठी हुई सरकार जम्मू कश्मीर को लेकर जो भी फैसला लेते हैं, वह पूरी तरह से संवैधानिक है. कोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है. भले ही विपक्ष में बैठे ही लोग इसको लेकर राजनीति कर रहे थे, लेकिन उससे कोई फायदा उन्हें होने वाला नहीं था. यह बात भारतीय जनता पार्टी के लोग शुरू से कह रहे थे और आज यह बात साबित हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहाः सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार 11 दिसंबर को फैसला सुनाया. शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार का 5 अगस्त 2019 का फैसला बरकरार रहेगा. राष्ट्रपति के पास 370 पर फैसला लेने का अधिकार है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने फैसला पढ़ा.

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