पटनाः बिहार में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार के विभिन्न जिलों में हुई कथित तौर पर जहरीली शराब से अब तक 19 लोगों की मौत (Death Due To Poisonous Liquor In Bihar) पर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि प्रशासन का कहना है कि अभी तक जहरीली शराब से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. लोग पूर्व से ग्रसित बीमारी के कारण मारे गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बार-बार ये दावा करते हैं कि राज्य में शराब पीने वाले और बेचेने वाले किसी भी आरोपी को नहीं छोड़ेंगे. इतना ही सरकार का पूरा पुलिस महकमा शराबबंदी को सफल बनाने में लगा है. बावजूद इसे ना तो शराब पीना बंद हुआ ना उसका कारोबार.
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19 लोगों की मौतः बता दें कि बीते कुछ दिनों में बिहार के 3 जिलों में जहरीली शराब से करीब 19 लोगों की मौत हो गई. जिसमें भागलपुर में संदिग्ध जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत हुई. जबकि बिहार के बांका में 8 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है. उसके बाद मधेपुरा जिला के मुरलीगंज में भी 4 लोगों की संदिग्ध मौत हुई है.
भागलपुर में सात लोगों की मौतः भागलपुर जिले में सात लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है. स्थानीय लोग शराब पीने से मौत होने की बात कह रहे हैं. साहेबगंज मोहल्ले में पांच की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. इसमें एक की शनिवार की शाम और चार की रविवार की सुबह मौत हुई है. इसके अलावा नारायणपुर प्रखंड में भी दो लोगों की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी है. एक की मौत शनिवार की शाम और दूसरे की मौत रविवार की सुबह हुई है. चार लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बांका में आठ लोगों की मौत : बिहार के बांका में आठ लोगों की मौत हुई है, सभी की मौत जहरीली शराब के कारण होने की आशंका जताई जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन ने फिलहाल जहरीली शराब से मौत होने की पुष्टि नहीं की है. पुलिस का सर्च अभियान इलाके में जारी है.
मधेपुरा में तीन लोगों की मौत: भागलपुर और बांका के अलावा मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना (Murliganj Police Station) क्षेत्र में तीन लोगों की मौत जहरीली शराब के कारण होने का मामला सामने आया है. गांव के कई लोग बीमार भी हुए हैं. इलाके में फिलहाल पुलिस शराब खोजने को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चला रही है.
एक युवक की गई आंखों की रोशनी : भागलपुर में मौत के बारे में बताया गया कि नीलेश कुमार की मौत मायागंज अस्पताल में इलाज के दौरान हुई. वहीं एक अन्य युवक अभिषेक कुमार की आंख की रोशनी चली गई है, जिसका इलाज मायागंज अस्पताल में चल रहा है. इस घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने विश्वविद्यालय थाना के साहेबगंज चौक को पूरी तरह से जाम कर दिया, जिससे आवागमन प्रभावित हो गया. इसके बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. वहीं प्रशासनिक पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं.
आनन-फानन में शव का दाह संस्कार: बताया जाता है कि बांका में घटना के बाद पुलिस प्रशासन के भय से अधिकांश स्वजनों ने आनन-फानन में शव का दाह संस्कार भी कर दिया. बांकी शव को चांदन नदी में दाह संस्कार करवा दिया गया. अभी भी कई लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. डॉ. अशोक कुमार साह ने बताया कि रेफरल अस्पताल में छह संदिग्ध मरीज आए थे. जिसमें दो की अस्पताल लाने के क्रम में रास्ते में मौत हो गई थी. जबकि चार मरीज में उल्टी, बदन दर्द, सिर दर्द, कमजोरी आदि की शिकायत थी. सभी को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए भागलपुर रेफर कर दिया.
बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी.
अब तक करीब तीन लाख से ज्यादा मामले दर्ज : बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.
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