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शर्म तो करो सरकार! पहले इलाज, बाद में श्मशान घाट और अब डेथ सर्टिफिकेट में भी परेशानी

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Published : May 25, 2021, 5:46 PM IST

Updated : May 25, 2021, 8:42 PM IST

कोरोना काल में बेतहाशा मौतों के कारण पटना में बर्थ से ज्यादा डेथ सर्टिफिकेट की डिमांड बढ़ गई है. ऐसे में पटना नगर निगम में कर्मचारियों के अभाव ने इन लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया है. लोग अपनों के डेथ सर्टिफिकेट के इंतजार में अस्पताल से लेकर पीएमसी तक के चक्कर लगाकर थक चुके हैं.

death certificate demand in patna
death certificate demand in patna

पटना: कोरोना संक्रमण की वजह से जब बहुत से लोगों की जान जा रही है, ऐसे में लोग अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए परेशान हैं. पटना नगर निगम में कर्मचारियों का अभाव है. वहीं कोरोना से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का दबाव नगर निगम पर बढ़ गया है. ऐसे में कोरोना का दंश झेलने वाले लोगों के लिए अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- खास है बिहार का ये कोविड केयर सेंटर, इलाज के साथ मरीज का मेंटल बूस्टअप भी करते हैं डॉक्टर

लगातार मिल रहे आवेदन
कोरोना संक्रमण के दौरान पहले मरीजों को अस्पतालों में इलाज के लिए परेशान होना पड़ा फिर मौत के बाद श्मशान भूमि में दाह संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही इतना ही नहीं अब तो मौत के बाद प्रमाण पत्र के लिए भी परिजनों को कई कई दिनों तक निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है. अचानक मौत के बढ़ते ग्राफ से सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था नहीं चरमराई है, बल्कि पटना नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने वाले विभाग पर भी बोझ बढ़ गया है.

death certificate demand in patna
पीएमसी के चक्कर लगा रहे लोग

यह भी पढ़ें- हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा- किस जिले में कितनी हुई कोरोना से मौत, दीजिए ब्यौरा

'हमारे भैया की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई है. जिनका प्रमाण पत्र लेने के लिए हम एनएमसीएच से लेकर नगर निगम के श्मशान गुलबी घाट के साथ नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक डेथ सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है.'- विकास कुमार, आवेदक

death certificate demand in patna
विकास कुमार, आवेदक

यह भी पढ़ें- वैक्सीनेशन में तेजी लाने के लिए चलाया जा रहा टीका एक्सप्रेस: मंगल पांडे

पीएमसी में कर्मचारियों की कमी
कोरोना की दूसरी लहर में भयानक मंजर देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फिलहाल जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं. सिर्फ अप्रैल-मई के आखिरी सप्ताह तक मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए 47 फीसदी से अधिक आवेदन नगर निगम कार्यालय में पहुंचे हुए हैं. ऐस में कर्मचारियों को मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर देने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है. नगर निगम के कर्मियों की मानें तो कर्मचारियों की संख्या अभी कम है जिसकी वजह से प्रमाण पत्र बनाने में कुछ विलंब हो रहा है.

death certificate demand in patna
पटना नगर निगम पर बढ़ा बोझ

यह भी पढ़ें- गया: पूर्व मुख्यमंत्री के आवास सहित कई मकानों को किया गया सैनिटाइज

'डेट सर्टिफिकेट नगर निगम से तो मिल गया है, लेकिन उसमें बहुत सी त्रुटियां हैं. उन त्रुटियों को सुधारने के लिए हम आए हैं. निगम की ओर से प्रक्रिया बता दी गई है.'- राहुल कुमार, आवेदक

death certificate demand in patna
राहुल कुमार, आवेदक

यह भी पढ़ें- न कोरोना, न ही स्टेरॉइड का इस्तेमाल, फिर भी हुआ ब्लैक फंगस, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

श्मशान घाटों की संख्या में वृद्धि
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह बनी हुई है. अधिक संख्या में मरीजों की मौत हुई है. संक्रमण से मौत के मामले राजधानी पटना में भी देखने को मिल रहे हैं. लोगों की मौत के बाद दाह संस्कार के लिए श्मशान घाटों पर जगह भी नहीं मिल पा रही है. मौत के आंकड़े बढ़ते देख, पटना नगर निगम ने श्मशान घाटों की संख्या में वृद्धि कर दी है. जहां साधारण मौत के साथ संक्रमित मौत के डेड बॉडी भी लगातार पहुंच रहे हैं.

death certificate demand in patna
पीएमसी कर्मचारी से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की मांग करते मृतक के परिजन

यह भी पढ़ें- GMC बेतिया के ऑर्थोपेडिक के HOD डॉ. अरविंद कुमार की कोरोना से मौत, पटना एम्स में चल रहा था इलाज

'इन दिनों मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर निगम मुख्यालय में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है. वहीं कर्मचारियों की संख्या अभी ना के बराबर है. जिसकी वजह से प्रमाण पत्र बनाने में भी परेशानी हो रही है. हर अंचल कार्यालय में मात्र दो- दो कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. ऐसे में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में समस्या आ रही है. कर्मचारियों की संख्या अगले महीने तक बढ़ा दी जाएगी ताकि अंचल कार्यालय अंतर्गत ही सभी प्रमाण पत्र निर्गत हो जाएं और लोगों को मुख्यालय आने की जरूरत न पड़े.'- रंजीत कुमार, कर्मचारी ,पीएमसी

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रंजीत कुमार, कर्मचारी, पीएमसी

यह भी पढ़ें- पटना: मरीजों से मनमानी राशि वसूलने पर मेडीवर्ल्ड अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज

श्मशान घाट से दी जा रही पर्ची
पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 6 श्मशान घाटों पर शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. छह जगह पर होने वाले दाह संस्कार के दौरान वहां बैठा स्टाफ रजिस्टर में नाम नोट करके एक पर्ची मृतक के परिजनों को देता है. जिस को दिखाने पर पटना नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जनरेट करता है. अमूमन एक मृत्यु प्रमाण पत्र को बनाकर देने में 3 से 4 दिन का समय लगता है. अब अचानक मौत के आंकड़े बढ़ने के बाद नगर निगम के स्टाफ पर भी दबाव बढ़ा है. जिसकी वजह से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर देने में समय लग रहा है. परिजनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग श्मशान से लेकर अस्पताल और फिर निगम मुख्यालय चक्कर लगा रहे हैं.

death certificate demand in patna
पटना नगर निगम

यह भी पढ़ें- NMCH में कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त ने की बैठक

'नगर निगम में अभी तक जनवरी माह से 20 मई तक कुल 9,663 से अधिक श्मशान घाट और अस्पतालों से डाटा आया है. मृत्यु प्रमाण पत्र के जो आवेदन आ रहे हैं, वह सिर्फ कोविड के ही नहीं हैं. बल्कि इसमें सामान्य मृत्यु वाले भी पहुंचकर आवेदन कर रहे हैं.'- रंजीत कुमार, कर्मचारी ,पीएमसी

death certificate demand in patna
डेथ सर्टिफिकेट निर्गत करने का समय

यह भी पढ़ें- PMCH में खाली पड़े हैं वार्ड, फिर भी कोरोना पेशेंट के लिए नहीं बढ़ी बेडों की संख्या

14 दिनों में 47 फीसदी आवेदन
मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में व्यस्त नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि इस साल ज्यादा मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत की जा रही है. वहीं जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं. जन्म प्रमाण पत्र को लेकर मार्च-अप्रैल और मई महीने में एक भी आवेदन निगम मुख्यालय में नहीं आया है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है. एक तो कोरोना की भयावह तस्वीर सबको डरा रही है, लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है. वहीं स्कूल बंद होने के कारण और कोरोना की दूसरी, तीसरी लहर के कारण भी लोग जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं. सिर्फ अप्रैल-मई के आखिरी सप्ताह तक मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए 47 फीसदी से अधिक आवेदन नगर निगम कार्यालय में पहुंचे हुए हैं. जनवरी माह से अब तक मौत के आंकड़े इस प्रकार से हैं..

  • जनवरी: 1736 लोगों की मौत
  • फरवरी: 1400 लोगों की मौत
  • मार्च: 1184 लोगों की मौत
  • अप्रैल : 1625 लोगों की मौत

नगर निगम की मानें तो इन आंकड़ों में सबसे अधिक कोविड से मरने वालों की संख्या है.

यह भी पढ़ें- वैक्सीन सर्टिफिकेट पर चेहरे को लेकर सियासत तेज, मांझी के सवालों का विपक्ष ने किया समर्थन

पटना: कोरोना संक्रमण की वजह से जब बहुत से लोगों की जान जा रही है, ऐसे में लोग अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए परेशान हैं. पटना नगर निगम में कर्मचारियों का अभाव है. वहीं कोरोना से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का दबाव नगर निगम पर बढ़ गया है. ऐसे में कोरोना का दंश झेलने वाले लोगों के लिए अपने परिजनों का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना किसी चुनौती से कम नहीं है.

देखें रिपोर्ट

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लगातार मिल रहे आवेदन
कोरोना संक्रमण के दौरान पहले मरीजों को अस्पतालों में इलाज के लिए परेशान होना पड़ा फिर मौत के बाद श्मशान भूमि में दाह संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही इतना ही नहीं अब तो मौत के बाद प्रमाण पत्र के लिए भी परिजनों को कई कई दिनों तक निगम का चक्कर लगाना पड़ रहा है. अचानक मौत के बढ़ते ग्राफ से सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था नहीं चरमराई है, बल्कि पटना नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करने वाले विभाग पर भी बोझ बढ़ गया है.

death certificate demand in patna
पीएमसी के चक्कर लगा रहे लोग

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'हमारे भैया की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई है. जिनका प्रमाण पत्र लेने के लिए हम एनएमसीएच से लेकर नगर निगम के श्मशान गुलबी घाट के साथ नगर निगम का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक डेथ सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है.'- विकास कुमार, आवेदक

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विकास कुमार, आवेदक

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कोरोना की दूसरी लहर में भयानक मंजर देखने को मिल रहा है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फिलहाल जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं. सिर्फ अप्रैल-मई के आखिरी सप्ताह तक मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए 47 फीसदी से अधिक आवेदन नगर निगम कार्यालय में पहुंचे हुए हैं. ऐस में कर्मचारियों को मृत्यु प्रमाण पत्र बना कर देने से ही फुर्सत नहीं मिल रही है. नगर निगम के कर्मियों की मानें तो कर्मचारियों की संख्या अभी कम है जिसकी वजह से प्रमाण पत्र बनाने में कुछ विलंब हो रहा है.

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पटना नगर निगम पर बढ़ा बोझ

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'डेट सर्टिफिकेट नगर निगम से तो मिल गया है, लेकिन उसमें बहुत सी त्रुटियां हैं. उन त्रुटियों को सुधारने के लिए हम आए हैं. निगम की ओर से प्रक्रिया बता दी गई है.'- राहुल कुमार, आवेदक

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राहुल कुमार, आवेदक

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श्मशान घाटों की संख्या में वृद्धि
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह बनी हुई है. अधिक संख्या में मरीजों की मौत हुई है. संक्रमण से मौत के मामले राजधानी पटना में भी देखने को मिल रहे हैं. लोगों की मौत के बाद दाह संस्कार के लिए श्मशान घाटों पर जगह भी नहीं मिल पा रही है. मौत के आंकड़े बढ़ते देख, पटना नगर निगम ने श्मशान घाटों की संख्या में वृद्धि कर दी है. जहां साधारण मौत के साथ संक्रमित मौत के डेड बॉडी भी लगातार पहुंच रहे हैं.

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पीएमसी कर्मचारी से मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की मांग करते मृतक के परिजन

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'इन दिनों मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर निगम मुख्यालय में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है. वहीं कर्मचारियों की संख्या अभी ना के बराबर है. जिसकी वजह से प्रमाण पत्र बनाने में भी परेशानी हो रही है. हर अंचल कार्यालय में मात्र दो- दो कर्मचारी कार्य कर रहे हैं. ऐसे में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में समस्या आ रही है. कर्मचारियों की संख्या अगले महीने तक बढ़ा दी जाएगी ताकि अंचल कार्यालय अंतर्गत ही सभी प्रमाण पत्र निर्गत हो जाएं और लोगों को मुख्यालय आने की जरूरत न पड़े.'- रंजीत कुमार, कर्मचारी ,पीएमसी

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रंजीत कुमार, कर्मचारी, पीएमसी

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श्मशान घाट से दी जा रही पर्ची
पटना नगर निगम क्षेत्र में कुल 6 श्मशान घाटों पर शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है. छह जगह पर होने वाले दाह संस्कार के दौरान वहां बैठा स्टाफ रजिस्टर में नाम नोट करके एक पर्ची मृतक के परिजनों को देता है. जिस को दिखाने पर पटना नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ मृत्यु प्रमाण पत्र ऑनलाइन जनरेट करता है. अमूमन एक मृत्यु प्रमाण पत्र को बनाकर देने में 3 से 4 दिन का समय लगता है. अब अचानक मौत के आंकड़े बढ़ने के बाद नगर निगम के स्टाफ पर भी दबाव बढ़ा है. जिसकी वजह से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर देने में समय लग रहा है. परिजनों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोग श्मशान से लेकर अस्पताल और फिर निगम मुख्यालय चक्कर लगा रहे हैं.

death certificate demand in patna
पटना नगर निगम

यह भी पढ़ें- NMCH में कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त ने की बैठक

'नगर निगम में अभी तक जनवरी माह से 20 मई तक कुल 9,663 से अधिक श्मशान घाट और अस्पतालों से डाटा आया है. मृत्यु प्रमाण पत्र के जो आवेदन आ रहे हैं, वह सिर्फ कोविड के ही नहीं हैं. बल्कि इसमें सामान्य मृत्यु वाले भी पहुंचकर आवेदन कर रहे हैं.'- रंजीत कुमार, कर्मचारी ,पीएमसी

death certificate demand in patna
डेथ सर्टिफिकेट निर्गत करने का समय

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14 दिनों में 47 फीसदी आवेदन
मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में व्यस्त नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि इस साल ज्यादा मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत की जा रही है. वहीं जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं. जन्म प्रमाण पत्र को लेकर मार्च-अप्रैल और मई महीने में एक भी आवेदन निगम मुख्यालय में नहीं आया है. इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है. एक तो कोरोना की भयावह तस्वीर सबको डरा रही है, लोगों की मौतों का सिलसिला जारी है. वहीं स्कूल बंद होने के कारण और कोरोना की दूसरी, तीसरी लहर के कारण भी लोग जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए जल्दबाजी नहीं कर रहे हैं. सिर्फ अप्रैल-मई के आखिरी सप्ताह तक मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए 47 फीसदी से अधिक आवेदन नगर निगम कार्यालय में पहुंचे हुए हैं. जनवरी माह से अब तक मौत के आंकड़े इस प्रकार से हैं..

  • जनवरी: 1736 लोगों की मौत
  • फरवरी: 1400 लोगों की मौत
  • मार्च: 1184 लोगों की मौत
  • अप्रैल : 1625 लोगों की मौत

नगर निगम की मानें तो इन आंकड़ों में सबसे अधिक कोविड से मरने वालों की संख्या है.

यह भी पढ़ें- वैक्सीन सर्टिफिकेट पर चेहरे को लेकर सियासत तेज, मांझी के सवालों का विपक्ष ने किया समर्थन

Last Updated : May 25, 2021, 8:42 PM IST
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