पटना: बिहार में बीते 7 जनवरी को जाति आधारित गणना की प्रथम चरण की शुरुआत हुई थी, जिसमें मकानों का सूचीकरण किया गया था, उसके बाद 15 अप्रैल को दूसरे चरण की शुरुआत हुई थी. जिसमें मकानों की सूचीकरण में परिवार के मुखिया से 17 बिंदुओं पर डाटा को संग्रह किया गया था. उसके बाद एक मोबाइल ऐप के माध्यम से उसे पूरे डाटा को संग्रहित किया गया था. ऐसे में एक बार फिर से हुए जाति आधारित गणना का कार्य लगभग संपन्न हो चुका है.
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जातीय जनगणना की प्रारंभिक रिपोर्ट: जो प्रारंभिक रिपोर्ट आई है, उसमें मसौढ़ी प्रखंड के 17 पंचायतों में 2 लाख 12000 परिवारों की सूची आई है. वहीं धनरूआ की 19 पंचायतों में 2 लाख 62000 परिवारों की सूची सामने आई हैं. इसके अलावा पुनपुन प्रखंड की 13 पंचायत में 32 हजार 330 परिवारो की सूची है. वहीं नगर परिषद मसौढ़ी में 98 हजार और नगर पंचायत पुनपुन में 3430 परिवारों की सूची सामने आई है.
पदाधिकारी ने क्या कहा?: मॉनिटरिंग पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि यह एक प्रारंभिक सूची है. बाद में फाइनल होने के बाद थोड़ा-बहुत डाटा ऊपर नीचे हो सकता है लेकिन तकरीबन 6 लाख 7 हजार 760 परिवारिक सूची का आंकड़ा संग्रह किया गया है.
2011 की तुलना में दोगुना हुआ आंकड़ा: आपको बताएं कि मसौढ़ी प्रखंड की 17 पंचायत, धनरूआ प्रखंड की 19 पंचायत और पुनपुन प्रखंड की 13 पंचायतों में तकरीबन 1144 प्रगणक, 537 सुपरवाइजर 3 सहायक चार्ज पदाधिकारी और एक मानिटरिंग पदाधिकारी जाति आधारित गणना के कार्य में लगाए गए थे, जिसका डाटा संग्रहण कार्य लगभग समाप्त हो चुका है. मसौढ़ी में तकरीबन 6 लाख परिवारों की सूची आई है, जो वर्ष 2011 के जनगणना से दोगुनी है.