पटना: दरभंगा पार्सल ब्लास्ट (Darbhanga Parcel Blast) मामले में एटीएस (ATS) की कड़ी सुरक्षा के बीच नासिर मलिक और इमरान मलिक को शुक्रवार को एनआईए (NIA) की टीम ने सिविल कोर्ट के एनआईए विशेष जज गुरुमंदिर सिंह मल्होत्रा के कोर्ट में पेश किया. पेशी के 5 घंटे के बाद एनआईए कोर्ट से दोनों आतंकी को न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजा गया.
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एटीएस कार्यालय में हुई पूछताछ
रात भर दोनों आतंकी बेऊर जेल के स्पेशल सेल में बंद रहेंगे. इसके बाद इन्हें एनआईए द्वारा 7 दिनों के ट्रांजिट रिमांड पर लिया जाएगा. गौरतलब है कि पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर दोनों आतंकियों को लाने के बाद सबसे पहले एटीएस कार्यालय ले जाया गया. यहां एटीएस के अधिकारियों द्वारा दोनों आतंकियों से पूछताछ की गई. एनआईए स्पेशल कोर्ट में अब तक के एटीएस और एनआईए को मिले साक्ष्य को प्रस्तुत किया गया.
नहीं मिली 10 दिन की रिमांड
मामले की जांच कर रहे एनआईए के अधिकारियों ने कोर्ट से दोनों को 10 दिन के लिए रिमांड पर देने का अनुरोध किया था. कोर्ट ने दोनों को 7 दिन की रिमांड पर एनआईए के हवाले किया. इन सात दिनों में एनआईए के अधिकारी दोनों से धमाके से जुड़े राज उगलवाएंगे. दोनों 9 जुलाई तक एनआईए की रिमांड पर रहेंगे. गौरतलब है कि आरोपियों के खिलाफ यूएपीए (Unlawful Activities (Prevention) के तहत केस दर्ज किया गया है.
"दोनों पर UAPA की 16 और 18 धारा लगी है. इसके लिए आवेदन दिया गया था. कोर्ट में सबूत पेश किए गए थे, जिसे देख जज ने UAPA की दोनों धाराओं को जोड़ने का आदेश दिया. दोनों को पहले ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया है. एनआईए के अधिकारी बेऊर जेल जाएंगे और आगे की औपचारिकताओं को पूरा करेंगे."- मनोज कुमार, पीपीई, एनआईए स्पेशल कोर्ट
बढ़ाई गई थी कोर्ट की सुरक्षा
इमरान और नासिर मलिक की पेशी को देखते हुए एनआईए कोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गई थी. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. डॉग स्क्वायड की टीम ने कोर्ट परिसर का जायजा लिया था. गौरतलब है कि बुधवार को एनआईए ने दरभंगा ब्लास्ट मामले में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar e Taiba) के संपर्क में रहे दो आरोपियों इमरान मलिक और नासिर मलिक को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.
घर से मिले थे केमिकल
गुरुवार को एनआईए की टीम ने हैदराबाद स्थित इमरान मलिक और नासिर मलिक के ठिकाने पर छापेमारी की थी. इस दौरान ब्लास्ट में यूज किए गए केमिकल के अंश भी बरामद किए गए थे, साथ ही ब्लास्ट से जुड़े कई अहम सामान भी मिले थे. बताया जा रहा है कि दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में सिमी के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.
दो भाइयों को दी गई थी जिम्मेवारी
रडार पर आए लेडीज सूट कारोबारी कासिम उर्फ कफील और सलीम उर्फ टुइया से NIA और ATS की टीम ने पूछताछ की थी. पूछताछ के दौरान कासिम और सलीम ने कई खुलासे किए थे. जानकारी के अनुसार, कैराना से गिरफ्तार सलीम पाकिस्तान के इकबाल काना के संपर्क में था. सूत्र बताते हैं कि दरभंगा ब्लास्ट कराने की जिम्मेदारी आईएसआईएस (ISIS) से सलीम को मिली थी.
पाकिस्तान के आकाओं के निर्देश पर उठाते रहे कदम
NIA की जांच टीम द्वारा अपराध स्थल का दौरा करने और महत्वपूर्ण इनपुट लेने के बाद आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी व्यक्तियों की प्रारंभिक जांच हुई. जांच में वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए पाए गए. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और जान-माल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए ये लोग साजिश रच रहे थे. लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों पर इन दोनों ने काम किया था.
गुप्त रूप से साधता था लश्कर-ए-तैयबा से संपर्क
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद नासिर खान और उसके भाई इमरान मलिक ने आग लगाने वाला आईईडी बनाया था और उसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया था. पार्सल को सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया गया. इसका उद्देश्य चलती हुई यात्री ट्रेन में विस्फोट कराना और आग लगाना था, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता.
गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद नासिर मलिक 2012 में पाकिस्तान गया था. उसने स्थानीय रूप से उपलब्ध रसायनों से आईईडी बनाने में लश्कर के संचालकों से प्रशिक्षण लिया था. वह अपने भाई इमरान के साथ एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्मों पर लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था.
पुणे एफएसएल की टीम करेगी जांच
दरभंगा ब्लास्ट मामले में भेजे गए सैंपल की जांच कोलकाता एफएसएल में पुणे एफएसएल की टीम करेगी. इधर, इस ब्लास्ट के तार जिन क्षेत्रों में जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्रों के संगठनों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दरभंगा ब्लास्ट मामले में एनआईए के द्वारा उच्चस्तर पर जांच शुरू कर दी गई थी.
17 जून को हुआ था धमाका
बता दें कि 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के क्रम में ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से दो संदिग्ध (पिता-पुत्र) को गिरफ्तार किया था. वहीं, आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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