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Banka Blast Case: BJP सांसद के बयान पर 'हम' का पलटवार, ऐसे नेताओं को भेजना चाहिए पागलखाना

बांका के मदरसा में हुए ब्लास्ट मामले पर बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है. भाजपा सांसद के बयान पर पलटवार करते हुए हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि ऐसे लोगों को तो पागलखाने भेज देना चाहिए. जानिए क्या कहा था अजय निषाद ने...

दानिश रिजवान
दानिश रिजवान
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Published : Jun 25, 2021, 3:06 PM IST

पटनाः बांका के मदरसा में हुए ब्लास्ट (Banka Madarsa Blast) मामले में जांच एजेंसियों को अब तक भले ही कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा हो, लेकिन इस मामले पर सियासत (Politics) खूब हो रही है. बीते दिनों भाजपा सांसद अजय निषाद (BJP MP Ajay Nishad) के दिए गए बयान पर घमासान मच गया है. हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसे नेताओं को पागलखाने भेज देना चाहिए.

"कोई भी धर्म या शिक्षण संस्थान आतंकवाद की ट्रेनिंग नहीं देता है. अगर इक्का-दुक्का घटना घट जाए तो पूरे संप्रदाय और पूरे शिक्षण संस्थान पर सवालिया निशान खड़ा करना विकृत मानसिकता की निशानी है. अगर इस तरह की घटना में कोई संलिप्त है तो उसपर कार्रवाई की जाती है. लेकिन सीधे-सीधे यह कह देना कि मदरसा के मौलवी आतंकवाद की शिक्षा देते हैं. यह निंदनीय है. देश के मदरसों ने कई बड़े क्रांतिकारी, बुद्धिजीवी और लेखक पैदा किए हैं. इसलिए इस तरह के अनाप-शनाप बयान देने वाले लोगों को पागलखाने भेज देना चाहिए." - दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

देखें वीडियो

इसे भी पढ़ेंः BJP पर HAM पार्टी का सबसे बड़ा हमला, दंगा भड़काने वाले नेताओं पर NITISH जल्द करें कार्रवाई

भाजपा सांसद अजय निषाद ने दिया था बयान
बता दें कि बांका के मदरसा में हुए ब्लास्ट मामले पर भाजपा के सांसद अजय निषाद ने मदरसा और उसको संचालित करने वाले धर्मगुरुओं पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "मदरसे को संचालित करने वाले धर्मगुरु हैं, उनका पहला लक्ष्य अपने समाज के अनपढ़ लोगों को नियंत्रण में रखना होता है. उनका इस्तेमाल ये लोग इस्लाम के नाम पर, धर्म के नाम पर और गलत एक्टिविटी में उपयोग कर गुमराह करने का काम करते हैं. उनका शोषण किया जाता है. आतंकवादी होते हैं. वो गोली खाकर मर जाते हैं या जेल में सड़ जाते हैं, उनको कोई देखने वाला भी नहीं रहता. बीजेपी सांसद ने कहा कि इन सारी समस्याओं के जड़ ये ही लोग (धर्मगुरु-मौलवी) हैं."

8 जून को हुआ था धमाका
बांका के नवटोलिया के नूरी मस्जिद के पास स्थित मदरसा में 8 जून को धमाका हुआ था. धमाके के चलते मदरसा के मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन की मौत हो गई थी. करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे. कहा जा रहा है कि इस दौरान एक बच्चे की भी मौत हुई थी. धमाका इतना जोरदार था कि मदरसा जमींदोज हो गया था.

इसे भी पढ़ें- Banka Madrasa Blast: झारखंड सहित देश के कई राज्यों में प्रतिबंधित PFI के सदस्य पहुंचे नवटोलिया

कई एजेंसियां कर रही जांच
बम ब्लास्ट का आतंकी कनेक्शन होने की संभावना के चलते एनआईए (NIA) को भी मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही बिहार एटीएस और पुलिस की विशेष टीम भी मामले की जांच में जुटी है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि धमाके के पीछे किन लोगों का हाथ था. मदरसा में विस्फोटक कहां से लाया गया था और बम जमा करने का मकसद क्या था.

हिरासत में लिए गए थे 4 लोग
मदरसा ब्लास्ट मामले में पुलिस ने मदरसा के सचिव सहित चार लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए गए लोगों के नाम मो. फारुख (मदरसा सचिव), मो. इदरीश, अहमद और कुदुस मियां हैं. विस्फोट के बाद मौलाना को जिस कार से ले जाया गया था,उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया था.

पटनाः बांका के मदरसा में हुए ब्लास्ट (Banka Madarsa Blast) मामले में जांच एजेंसियों को अब तक भले ही कोई अहम सुराग हाथ नहीं लगा हो, लेकिन इस मामले पर सियासत (Politics) खूब हो रही है. बीते दिनों भाजपा सांसद अजय निषाद (BJP MP Ajay Nishad) के दिए गए बयान पर घमासान मच गया है. हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान (Danish Rizwan) ने पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसे नेताओं को पागलखाने भेज देना चाहिए.

"कोई भी धर्म या शिक्षण संस्थान आतंकवाद की ट्रेनिंग नहीं देता है. अगर इक्का-दुक्का घटना घट जाए तो पूरे संप्रदाय और पूरे शिक्षण संस्थान पर सवालिया निशान खड़ा करना विकृत मानसिकता की निशानी है. अगर इस तरह की घटना में कोई संलिप्त है तो उसपर कार्रवाई की जाती है. लेकिन सीधे-सीधे यह कह देना कि मदरसा के मौलवी आतंकवाद की शिक्षा देते हैं. यह निंदनीय है. देश के मदरसों ने कई बड़े क्रांतिकारी, बुद्धिजीवी और लेखक पैदा किए हैं. इसलिए इस तरह के अनाप-शनाप बयान देने वाले लोगों को पागलखाने भेज देना चाहिए." - दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

देखें वीडियो

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भाजपा सांसद अजय निषाद ने दिया था बयान
बता दें कि बांका के मदरसा में हुए ब्लास्ट मामले पर भाजपा के सांसद अजय निषाद ने मदरसा और उसको संचालित करने वाले धर्मगुरुओं पर बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "मदरसे को संचालित करने वाले धर्मगुरु हैं, उनका पहला लक्ष्य अपने समाज के अनपढ़ लोगों को नियंत्रण में रखना होता है. उनका इस्तेमाल ये लोग इस्लाम के नाम पर, धर्म के नाम पर और गलत एक्टिविटी में उपयोग कर गुमराह करने का काम करते हैं. उनका शोषण किया जाता है. आतंकवादी होते हैं. वो गोली खाकर मर जाते हैं या जेल में सड़ जाते हैं, उनको कोई देखने वाला भी नहीं रहता. बीजेपी सांसद ने कहा कि इन सारी समस्याओं के जड़ ये ही लोग (धर्मगुरु-मौलवी) हैं."

8 जून को हुआ था धमाका
बांका के नवटोलिया के नूरी मस्जिद के पास स्थित मदरसा में 8 जून को धमाका हुआ था. धमाके के चलते मदरसा के मौलवी अब्दुल सत्तार मोमिन की मौत हो गई थी. करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे. कहा जा रहा है कि इस दौरान एक बच्चे की भी मौत हुई थी. धमाका इतना जोरदार था कि मदरसा जमींदोज हो गया था.

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कई एजेंसियां कर रही जांच
बम ब्लास्ट का आतंकी कनेक्शन होने की संभावना के चलते एनआईए (NIA) को भी मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. इसके साथ ही बिहार एटीएस और पुलिस की विशेष टीम भी मामले की जांच में जुटी है. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि धमाके के पीछे किन लोगों का हाथ था. मदरसा में विस्फोटक कहां से लाया गया था और बम जमा करने का मकसद क्या था.

हिरासत में लिए गए थे 4 लोग
मदरसा ब्लास्ट मामले में पुलिस ने मदरसा के सचिव सहित चार लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिए गए लोगों के नाम मो. फारुख (मदरसा सचिव), मो. इदरीश, अहमद और कुदुस मियां हैं. विस्फोट के बाद मौलाना को जिस कार से ले जाया गया था,उसे भी पुलिस ने बरामद कर लिया था.

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